ISMA Report: देश में चीनी उत्पादन में 18.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी का अनुमान, जानिए कौन सा राज्य है सबसे आगे

इस बार महाराष्ट्र में गन्ने का क्षेत्रफल 13.82 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 14.71 लाख हेक्टेयर हो गया है. बारिश अच्छी रही, जलाशयों में पर्याप्त पानी है और फसल की स्थिति बेहद मजबूत है. इन कारणों से राज्य में चीनी उत्पादन में लगभग 39 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया गया है.

नई दिल्ली | Published: 5 Nov, 2025 | 10:38 AM

ISMA Report: देश के किसानों और चीनी उद्योग के लिए यह सीजन अच्छी खबर लेकर आया है. भारतीय चीनी एवं जैव ऊर्जा उत्पादक संघ (ISMA) ने 2025-26 के लिए जारी अपनी पहली अनुमान रिपोर्ट में बताया है कि इस बार देश की शुद्ध चीनी उत्पादन में करीब 18.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखने को मिलेगी. बेहतर बारिश, गन्ने की स्वस्थ फसल और बढ़े हुए क्षेत्रफल के कारण इस साल चीनी उत्पादन में खासा सुधार हुआ है.

देश में बढ़ा चीनी उत्पादन

बिजनेस लाइन की खबर के अनुसार, ISMA की रिपोर्ट के अनुसार, 1 अक्टूबर से शुरू हुए नए सीजन में देश का नेट शुगर आउटपुट लगभग 30.95 मिलियन टन (एमटी) रहने का अनुमान है. पिछले सीजन की तुलना में यह करीब 18.5 प्रतिशत अधिक है. यह बढ़ोतरी तब हुई है जब लगभग 3.4 मिलियन टन चीनी एथनॉल उत्पादन के लिए डायवर्ट की जाएगी, यानी सीधे ईंधन बनाने में इस्तेमाल होगी. इसके बावजूद उत्पादन में भारी उछाल दिखा है, जिसका सबसे बड़ा कारण महाराष्ट्र में रिकॉर्ड तोड़ पैदावार है.

महाराष्ट्र बना चीनी उत्पादन का नया चैंपियन

इस बार महाराष्ट्र में गन्ने का क्षेत्रफल 13.82 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 14.71 लाख हेक्टेयर हो गया है. बारिश अच्छी रही, जलाशयों में पर्याप्त पानी है और फसल की स्थिति बेहद मजबूत है. इन कारणों से राज्य में चीनी उत्पादन में लगभग 39 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया गया है. पिछले साल के 9.35 एमटी की तुलना में इस बार 13 एमटी तक उत्पादन पहुंच सकता है. किसानों के लिए यह बेहद सकारात्मक संकेत है, क्योंकि बढ़ा हुआ उत्पादन उन्हें बेहतर आमदनी दिला सकता है.

उत्तर प्रदेश में स्थिरता के साथ सुधार

देश के सबसे बड़े गन्ना उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में इस बार क्षेत्रफल में थोड़ी कमी दर्ज की गई है. 2024-25 में जहां यह 23.30 लाख हेक्टेयर था, वहीं अब यह घटकर 22.57 लाख हेक्टेयर रह गया है. हालांकि, इस कमी के बावजूद फसल की स्थिति अच्छी है.

ISMA का कहना है कि राज्य में गन्ना विकास कार्यक्रम, नई किस्मों का प्रयोग और मिल स्तर पर तकनीकी सुधारों के चलते पैदावार और रिकवरी दर दोनों में सुधार की उम्मीद है. उत्तर प्रदेश में इस बार 10.32 एमटी चीनी उत्पादन का अनुमान है, जो पिछले साल से थोड़ा अधिक है.

कर्नाटक में भी बढ़ा उत्पादन

कर्नाटक में इस बार मौसम का साथ मिला है और सिंचाई की सुविधाएं बेहतर होने से फसल की पैदावार में सुधार हुआ है. राज्य में गन्ने का क्षेत्रफल 6.4 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 6.8 लाख हेक्टेयर हो गया है. ISMA का अनुमान है कि यहां 16 प्रतिशत की वृद्धि के साथ चीनी उत्पादन 5.49 एमटी से बढ़कर 6.35 एमटी तक पहुंच सकता है.

देशभर में गन्ना क्षेत्रफल और स्टॉक की स्थिति

अक्टूबर के अंत में प्राप्त सैटेलाइट आंकड़ों के अनुसार, देशभर में गन्ने का कुल क्षेत्रफल 57.35 लाख हेक्टेयर दर्ज किया गया है, जो पिछले साल के मुकाबले थोड़ा अधिक है. 1 अक्टूबर तक देश में 5 एमटी का शुरुआती स्टॉक मौजूद था. एथनॉल के लिए 3.4 एमटी डायवर्ट करने के बाद भी देश में 35.95 एमटी शुद्ध चीनी उपलब्ध रहेगी.

देश की घरेलू खपत लगभग 28.5 एमटी आंकी गई है, जिससे यह साफ है कि भारत के पास अधिशेष स्टॉक रहेगा. ISMA के अनुसार, सीजन के अंत तक 7.45 एमटी का समापन स्टॉक और करीब 2 एमटी चीनी निर्यात के लिए तैयार रहेगा.

सरकार से निर्यात नीति पर जल्द निर्णय की मांग

ISMA ने कहा है कि देश में पर्याप्त स्टॉक होने के कारण भारत इस बार भी चीनी निर्यात कर सकता है. संघ ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया है कि वह जल्द से जल्द चीनी निर्यात नीति की घोषणा करे, ताकि मिलें अपनी रणनीति पहले से तय कर सकें.

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