चीन लगा सकता है जापानी सीफूड पर रोक, दोनों देशों के विवाद से भारत को होगा बड़ा फायदा

अमेरिका की ओर से लगाए गए भारी आयात शुल्क (टैरिफ) ने भारतीय निर्यातकों की कमर तोड़ दी थी. खासकर झींगा (Shrimp) निर्यातक सबसे अधिक प्रभावित हुए, क्योंकि अमेरिका भारत का सबसे बड़ा बाजार है. ऐसे मुश्किल दौर में चीन द्वारा जापान से सीफूड आयात को रोकने की खबर भारतीय सीफूड उद्योग के लिए नई आशा लेकर आई है.

नई दिल्ली | Published: 20 Nov, 2025 | 08:44 AM

seafood exporter: भारत का सीफूड उद्योग पिछले कुछ समय से काफी दबाव में था. अमेरिका की ओर से लगाए गए भारी आयात शुल्क (टैरिफ) ने भारतीय निर्यातकों की कमर तोड़ दी थी. खासकर झींगा (Shrimp) निर्यातक सबसे अधिक प्रभावित हुए, क्योंकि अमेरिका भारत का सबसे बड़ा बाजार है. ऐसे मुश्किल दौर में चीन द्वारा जापान से सीफूड आयात को रोकने की खबर भारतीय सीफूड उद्योग के लिए नई आशा लेकर आई है. अचानक से भारतीय कंपनियों के शेयरों में तेज उछाल देखने को मिला और निर्यातकों को नए अवसर खुलते दिखाई दिए.

चीन के फैसले से भारत को मिल सकती है बड़ी बढ़त

खबरों के अनुसार, चीन ने जापान को यह सूचना दी है कि वह वहां से सीफूड आयात को अस्थायी रूप से रोक सकता है. इस कदम से चीन अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए नए और भरोसेमंद आपूर्तिकर्ताओं की तलाश करेगा. ऐसे में भारत एक बड़ा विकल्प बनकर उभरा है क्योंकि भारत दुनिया के सबसे बड़े झींगा निर्यातकों में से एक है.

सीफूड और खासकर झींगा की मांग चीन में काफी ज्यादा है. यदि वहां जापान से आयात बंद होता है, तो इसकी सीधी भरपाई भारत, वियतनाम या इंडोनेशिया जैसे देशों से होगी. भारत की गुणवत्ता और उत्पादन क्षमता को देखते हुए यह मौका निर्यातकों के लिए बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है.

टैरिफ संकट में फंसे भारतीय निर्यातकों को मिलेगी राहत

अमेरिका द्वारा लगाए गए भारी शुल्क के कारण भारतीय कंपनियों की बिक्री और मुनाफा दोनों प्रभावित हुए थे. अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ने से भारत को अपने उत्पाद कम कीमत पर बेचने पड़े. इसी बीच चीन से आने वाली यह नई संभावित मांग भारतीय कंपनियों के लिए सहारा बन सकती है.

भारत हर साल लगभग 7.4 बिलियन डॉलर का सीफूड निर्यात करता है, जिसमें से 40 फीसदी हिस्सा केवल झींगा का है. ऐसे में चीन जैसा बड़ा बाजार मिलने से उद्योग को नई ऊर्जा मिल सकती है और कंपनियों को अपने निर्यात पोर्टफोलियो को विविध बनाने में मदद मिलेगी.

भारतीय कंपनियों के शेयरों में तेज उछाल

चीन की ओर से आयात रोकने की खबर सामने आते ही भारतीय सीफूड कंपनियों के शेयरों में तगड़ी रैली देखने को मिली. शेयर बाजार में अवंति फीड्स के शेयरों में 11 फीसदी तक की उछाल दर्ज की गई, जो पिछले दो महीनों में सबसे ज्यादा है.

इसके अलावा कोस्टल कॉरपोरेशन के शेयरों में भी लगभग 5 फीसदी की बढ़त देखने को मिली, जो कंपनी के लिए एक सकारात्मक संकेत है. ये तेजी बताती है कि निवेशक भी भारतीय सीफूड उद्योग के भविष्य को लेकर आशावान हैं.

नया मौका, नई रणनीति और बढ़ता आत्मविश्वास

भारतीय कंपनिया पहले से ही अपने निर्यात बाजार को विविध बनाने की कोशिश कर रही थीं. अब चीन की संभावित मांग इसे और मजबूत करेगी. विशेषज्ञों का मानना है कि यदि भारत इस अवसर को सही रणनीति के साथ उपयोग करता है, तो आने वाले महीनों में सीफूड निर्यात में बड़ी वृद्धि देखने को मिल सकती है.

Topics: