काबुली चना एक व्यवसायिक फसल है जिसकी खेती से किसानों को अच्छा मुनाफा होता है. किसान इसकी खेती बड़े पैमाने पर करते हैं.बाजार में भी काबुली चने की मांग सालभर रहती है. लेकिन इसकी ऊंची कीमतों ने लोगों की कमर तोड़ कर रख दी है. इसकी बढ़ती कीमतों का असर सीधे भारतीय रसोई पर पड़ता है.खुले बाजार में एक किलो काबुली चने की औसतन कीमत 200 रुपये तक रहती है. जबकि सरकार उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए आधी कीमत पर काबुली चना उपलब्ध करा रही है.केवल काबुली चना ही नहीं चने की दाल की कीमतों नें भी लोगों का बजट बिगाड़ दिया है. डिपार्टमेन्ट ऑफ कन्स्यूमर अफेयर्स प्राइज मॉनीटरिंग डिवीजन के अनुसर 11 मई को चना दाल की कीमत 120 रुपये प्रति किलो थी.
काबुली चने की कीमतों ने किया परेशान
ई-कॉमर्स साइट पर काबुली चनों की कीमतों ने लोगों को अपनी जेब हल्की करने पर मजबूर कर दिया है. महिलाएं खाने में छोले बनाने से भी कतरा रही हैं. बता दें कि खुले बाजार में काबुली चना औसतन 200 रुपये प्रति किलो बिक रहा है. किसान के लिहाज से ये कीमत अच्छी है क्योंकि कोई किसान अगर 1 क्विंटल काबुली चना उगाता है तो 200 रुपये प्रति किलो की कीमत से उसे 20 हजार रुपये की कमाई हो सकती है. लेकिन उपभोक्ताओं के लिए यह कीमत परेशान करने वाली है.
आधी कीमत पर बेच रही सरकार
काबुली चने की बढ़ती कीमतों से उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए सरकार आधी कीमत पर काबुली चना उपलब्ध करा रही है. नेफेड (NAFED) और एनसीसीएफ (NCCF) जैसी सहकारी समितियों की वेबसाइट्स पर जाकर उपभोक्ता काबुली चने को कम कीमत में खरीद सकते हैं. बता दें कि सरकार की ओर से उपभोक्ताओं को काबुली चना 110 रुपये किलो तक की कीमत पर उपलब्ध कराया जा रहा है.
चना दाल की कीमतों में उछाल
केवल काबुली चना ही नहीं बल्कि चने की दाल की कीमतें भी आसमान छू रही हैं. डिपार्टमेन्ट ऑफ कंज्यूमर अफेयर्स के प्राइज मॉनीटरिंग डिवीजन के अनुसर 11 मई को चना दाल की अधिकतम कीमत 120 रुपये प्रति किलो थी. इन कीमतों के अनुसार चने की दाल की सबसे ज्यादा कीमत जम्मू-कश्मीर में 107 रुपये किलो , अरुणाचल प्रदेश में 96 रुपये किलो है.