धान किसानों को भारी नुकसान, मंडी में 20 फीसदी तक गिरे रेट..जानें ताजा भाव

इस साल मदुरै जिले में करीब 9,000 हेक्टेयर में कुरुवई धान की खेती  हुई है, जो पिछले साल के बराबर है. अब तक 80 फीसदी फसल की कटाई पूरी हो चुकी है और लगभग 20 फीसदी यानी 9,000 टन धान खुले बाजार में बेचा गया है.

नोएडा | Published: 14 Nov, 2025 | 02:11 PM

Tamil Nadu News: तमिलनाडु के मदुरै जिले में कुरुवई धान की फसल की कटाई अब लगभग पूरी होने वाली है. लेकिन किसानों को इस बार धान का उचित रेट नहीं मिल पा रहा है. कहा जा रहा है कि किसान MSP से 20 फीसदी कम कीमत पर अपनी उपच बेचने को मजबूर हो गए हैं. हालांकि, पिछले साल जहां खुले बाजार में 62 किलो धान का भाव 1,700 रुपये था, वहीं इस साल यह घटकर 1,400 रुपये रह गया है.

चावल व्यापारियों के अनुसार, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक जैसे पड़ोसी राज्यों से धान की अधिक आवक हो रही है. साथ ही बेमौसम बारिश  के कारण स्थानीय धान में नमी की मात्रा बढ़ गई है. इसके चलते भी धान की कीमत में गिरावट आई है. राइस मिल मालिकों का कहना है कि ज्यादा नमी वाले धान को लगभग दो महीने तक सुखाना पड़ता है, जिससे अतिरिक्त खर्च बढ़ जाता है. इसी कारण खरीदार कम कीमत देते हैं, ताकि खर्च संतुलित रहे. साथ ही, अन्य राज्यों से आने वाले सूखे और बेहतर किस्म के धान की आवक से भी स्थानीय बाजार के भाव प्रभावित हुए हैं.

9,000 टन धान की बिक्री

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल मदुरै जिले में करीब 9,000 हेक्टेयर में कुरुवई धान की खेती  हुई है, जो पिछले साल के बराबर है. अब तक 80 फीसदी फसल की कटाई पूरी हो चुकी है और लगभग 20 फीसदी यानी 9,000 टन धान खुले बाजार में बेचा गया है.

चावल बिक रहा महंगा

हालांकि, जिले में इस बार धान की कीमतें गिरने के बावजूद चावल के दाम ऊंचे बने हुए हैं, क्योंकि मिलिंग (धान से चावल बनाने) की लागत काफी बढ़ गई है. सरकारी प्रत्यक्ष खरीद केंद्रों (DPCs) पर धान का भाव 25.50 रुपये प्रति किलो तय है, लेकिन करीब 20 फीसदी किसान अपनी फसल खुले बाजार में 23 रुपये प्रति किलो में बेचने को मजबूर हैं. इसका कारण यह है कि व्यापारी खेतों से सीधे खरीद कर तुरंत भुगतान कर देते हैं, जबकि DPC पर किसानों को लंबा इंतजार करना पड़ता है.

धान की पैदावार में बढ़ोतरी

मदुरै के किसान एएनएम थिरुपति मुथुरामलिंगम ने कहा कि इस बार पैदावार अच्छी रही. प्रति एकड़ 35 बोरी, जबकि पिछले साल 30 बोरी हुई थी. लेकिन कीमतें घटकर 1,400 रुपये प्रति बोरी (23 रुपये प्रति किलो) रह गई हैं. जबकि, DPC पर थोड़ा बेहतर भाव 25.50 रुपये प्रति किलो मिल रहा है. मत्थुथवानी सेंट्रल धान बाजार में व्यापारियों के अनुसार, कीमतों में 2.5 रुपये प्रति किलो की गिरावट आई है. यहां रोजाना करीब 4,000 बोरी धान की खरीद-बिक्री होती है. वहीं, राइस मिल मालिकों का कहना है कि इस बार धान में नमी की मात्रा ज्यादा होने से कीमतें गिरी  हैं, जबकि सूखी और अच्छी किस्म का धान 27 रुपये प्रति किलो तक बिक रहा है. साथ ही कर्नाटक और आंध्र प्रदेश से RNR और अक्षया जैसी किस्मों की अधिक आवक ने भी स्थानीय बाजार को प्रभावित किया है.

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