शीशम का पेड़ आमतौर पर मजबूत और टिकाऊ फर्नीचर को बनाने के लिए जाना जाता है. इसकी लकड़ी के इस्तेमाल से शानदार फर्नीचर, दरवाजे और घर को सजाने के लिए तरह-तरह के सजावटी सामान बनाए जाते हैं. लेकिन शायद ही लोगों को पता हो कि फर्नीचर आदि बनाने के अलावा शीशम का पेड़ सेहत के लिए भी बेहद ही फायदेमंद है. इतना ही नहीं, आयुर्वेद में शीशम की छाल, पत्तियों आदि को खास दर्जा दिया गया है, साथ ही बीमारियों को दूर करने में भी ये कारगर साबित होता है. बता दें कि, शीशम की छाल, पत्तियां और बीज का इस्तेमाल पारंपरिक चिकित्सा के लिए किया जाता है.
ब्लड सर्कुलेशन होता है बेहतर
शीशम के पेड़ में बहुत से औषधीय गुण होते हैं जो कि इसे सेहत के लिए बेहदी ही लाभकारी बनाते हैं. आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति के अनुसार, शीशम का सेवन करने से शरीर का ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है. शरीर के खून को शुद्ध करने के साथ ही ये नसों में खून के बहाव को सुचारू बनाए रखने में मदद करता है. ऐसे में अगर आप अपने शरीर के ब्लड सर्कुलेशन को सुधारना चाहते हैं तो शीशम के पेड़ का इस्तेमाल एक अच्छा विकल्प हो सकता है.
शीशम की छाल से सूजन होती है कम
मीडिया रिपोर्टेस के अनुसार, अगर शीशम की छाल का लेप बनाकर उसे जोड़ों पर लगाया जाए तो जोड़ों में होने वाले दर्द, सूजन और गठिया जैसी समस्याओं से आराम मिलता है. दरअसल, शीशम की छाल में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण शरीर की सूजन को कम करने में मदद करते हैं. इसके अलावा शीशम के पत्तों का काढ़ा बनाकर पीने से शरीर की गर्मी निकलती है और शरीर को ठंडक भी मिलती है.
स्किन और बाल के लिए फायदेमंद
बरसात के दिनों में अकसर मौसम में नमी होने के कारण शरीर में कई तरह इंफेक्शन हो जाते हैं. जिसके कारण स्किन संबंधी समस्याएं होने लगती हैं, जैसे- खाज, खुजली और एक्जिमा. ऐसे में शीशम का इस्तेमाल करने से स्किन में होने वाली इन समस्याओं को दूर किया जा सकता है. साथ ही ये स्किन को पोषण भी देता है. इसके अलावा शीशम का तेल लगाने से बालों का झड़ना भी कम हो जाता है.
पर्यावरण संरक्षण में मिलती है मदद
शीशम के पेड़ के फायदे केवल फर्नीचर बनाने या सेहत को सही रखने तक ही सीमित नहीं है. बल्कि पर्यावरण संरक्षण के लिए भी ये बेहद ही फायदेमंद है. बता दें कि, शीशम का पेड़ ज्यादा मात्रा में ऑक्सीजन निकालता है और हवा में होने वाले प्रदूषण को भी कम करता है. यही कारण है कि लोग इसे घरों, पार्कों और खेतों के किनारे लगाते हैं.
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