Paddy Farmers Payment: उत्तर प्रदेश में धान खरीद ने रफ्तार पकड़ ली है. पूर्वी यूपी में 1 नवंबर से शुरू हुई धान खरीद में अब तक 2.43 लाख मीट्रिक धान की खरीद की जा चुकी है. हालांकि, सरकार के धान खरीद टारगेट का यह बहुत कम हिस्सा है. लेकिन, फरवरी 2026 तक खरीद जारी रखने का फैसला किया गया है. ताकि, खरीद टारगेट को पूरा किया जा सके. वहीं, सीएम योगी ने किसानों का धान का पैसा 48 घंटे में देने के निर्देश दिए हैं और कुछ किसानों ने धान खरीद होने के बाद भी पेमेंट नहीं मिलने की शिकायतों के बाद उनकी रकम भी जारी करने को कहा गया है.
उत्तर प्रदेश सरकार के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार इस सीजन (2025-26) धान खरीद का टारगेट 60 लाख मीट्रिक टन है. 1 नवंबर 2025 से शुरू होकर 28 फरवरी 2026 तक धान खरीद चलेगी. हालांकि, पूर्वी यूपी के जिलों में धान खरीद 1 नवंबर से शुरू हुई है. जबकि, बाकी जिलों में 1 अक्तूबर 2025 से धान की खरीद की जा रही है.
41 हजार से अधिक किसानों के खाते में पहुंचे 543 करोड़
उत्तर प्रदेश सरकार धान किसानों को उनकी उपज के बदले न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के तहत भुगतान कर रही है. ताजा आंकड़ों के तहत अब तक धान खरीद के बदले किसानों को 543 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है. इस दौरान विभिन्न नोडल एजेंसियों के जरिए 2.86 लाख टन धान खरीदा गया है, जो पिछले साल की तुलना में 65,820 टन अधिक है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद किसानों को 48 घंटों के भीतर सीधे उनके आधार से जुड़े बैंक खातों में भुगतान किया जा रहा है.
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2.43 लाख मीट्रिक टन धान खरीद हुई
उत्तर प्रदेश कृषि विभाग ने कहा है कि 41,583 किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 2.43 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान खरीदा है. यह खरीद राज्य भर में 4,110 केंद्रों के माध्यम से किसानों से की गई है. आधिकारिक बयान में कहा गया है कि सामान्य धान 2,369 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीदा जा रहा है, जबकि ग्रेड-ए धान की कीमत 2,389 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से किसानों को दी जा रही है.
बयान में कहा गया है कि 1 सितंबर से अब तक कुल 3,58,372 किसानों ने खरीद के लिए पंजीकरण कराया है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश और लखनऊ संभाग के हरदोई, लखीमपुर खीरी और सीतापुर में खरीफ सीजन की फसल की खरीद 1 अक्टूबर को और पूर्वी उत्तर प्रदेश के लखनऊ, उन्नाव और रायबरेली में 1 नवंबर को शुरू हुई.
किसानों की मदद के लिए हेल्पलाइन जारी
पारदर्शिता सुनिश्चित करने और बिचौलियों को रोकने के लिए केंद्रों पर धान की खरीद ई-पीओपी उपकरणों का उपयोग करके बायोमेट्रिक सत्यापन के जरिए जारी है. किसान टोल फ्री नंबर-18001800150 के जरिए जानकारी हासिल कर सकते हैं या समस्याओं की रिपोर्ट कर सकते हैं.