Mandi Bhav: टमाटर हुआ महंगा, कीमत में 30 फीसदी की बढ़ोतरी.. 280 रुपये किलो मटर

महाराष्ट्र के नवी मुंबई में टमाटर की कीमतें नवंबर के पहले हफ्ते में 30 फीसदी से ज्यादा बढ़ गई हैं, जिससे लोगों के किचन का बजट बिगड़ गया है. ठंड और असमय बारिश से फसल प्रभावित हुई है. हरी मटर, गवार और टिंडा जैसी सब्जियों के दाम भी तेजी से बढ़े हैं.

नोएडा | Updated On: 11 Nov, 2025 | 06:53 PM

Tomato Mandi Rate: महाराष्ट्र के नवी मुंबई में टमाटर की कीमतों में एक बार फिर से बढ़ोतरी शुरू हो गई है. इससे आम जनता के किचन का बजट बिगड़ गया है. कहा जा रहा है कि एपीएमसी थोक सब्जी बाजार में नवंबर के पहले हफ्ते में टमाटर के दाम 30 फीसदी से ज्यादा बढ़ गए हैं. अक्टूबर 2025 में जहां टमाटर 16 से 20 रुपये किलो बिक रहे थे, वहीं अब कीमतें 20 से 28 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई हैं. वहीं, व्यापारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में टमाटर की कीमतों में और बढ़ोतरी हो सकती है. 

लोकसत्ता की रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार को एपीएमसी मार्केट में सिर्फ 2,238 क्विंटल टमाटर की आवक  हुई, जिससे सप्लाई घट गई. व्यापारियों का कहना है कि ठंड बढ़ने और उत्पादन में असंतुलन के कारण टमाटर के दाम बढ़े हैं. इसके अलावा, नासिक, पुणे और नगर इलाकों से भी हाल के दिनों में सप्लाई कम हो गई है, जिससे बाजार में कीमतों में उछाल आया है.

हरी सब्जियां भी हुईं महंगी

रिपोर्ट के अनुसार, किसानों ने चेतावनी दी है कि असमय बारिश और ठंडे मौसम के कारण फसलों को नुकसान हो सकता है. उनका कहना है कि इस मौसम में फसलों के फूल और कलियां झड़ने की संभावना बढ़ गई है. खास बात यह है कि टमाटर के अलावा अन्य सब्जियों के दाम  भी तेजी से बढ़े हैं. हरी मटर की कीमत बढ़कर 280 रुपये प्रति किलो हो गई है. जबकि गवार (क्लस्टर बीन्स) 200 रुपये किलो तक पहुंच गई है. इसी तरह टिंडा (भारतीय गोल लौकी) के दाम 250 ग्राम के लिए 50 रुपये हो गए हैं. हालांकि, व्यापारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में मार्केट में हरी सब्जियों की आवक बढ़ेगी. इससे कीमतों में गिरावट आ सकती है.

प्याज किसान हैं परेशान

वहीं, आज सुबह खबर सामने आई थी कि नासिक जिले के प्याज किसान  इस समय बड़ी मुश्किल में है. खेतों में प्याज की अच्छी पैदावार हो रही है, लेकिन किसानों को उचित कीमत नहीं मिल रही है. पिछले तीन सालों से प्याज की खेती किसानों के लिए एक जोखिम भरा काम बन गई है. कभी दाम इतने गिर जाते हैं कि फसल खेत में ही सड़ जाती है, तो कभी खराब मौसम सब कुछ बर्बाद कर देता है. अब किसान मिलकर सरकार से प्याज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) तय करने की मांग कर रहे हैं. महाराष्ट्र राज्य प्याज उत्पादक किसान संगठन के अध्यक्ष भारत दिघोले का कहना है कि मौसम ने खेती का पूरा चक्र बिगाड़ दिया है. 

Published: 11 Nov, 2025 | 06:50 PM

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