Mandi Bhav: प्याज के बाद अब हरी सब्जियां भी महंगी, 80 रुपये किलो आलू.. जानें बैंगन, चुकंदर, भिंडी का रेट

आंध्र प्रदेश में सब्जियों के दाम तेजी से बढ़े हैं, कई किस्में 100 रुपये किलो से ऊपर पहुंच गई हैं. कार्तिक महीने में बढ़ी मांग और बारिश से हुई फसल क्षति के कारण आपूर्ति घट गई है. व्यापारी चेतावनी दे रहे हैं कि उत्पादन में कमी और बाहर से आयात पर निर्भरता से दाम और बढ़ सकते हैं.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 2 Nov, 2025 | 01:12 PM

Vegetable price hike: आंध्र प्रदेश के रिटेल मार्केट में सब्जियों के दाम तेजी से बढ़ गए हैं. कई सब्जियों की कीमतें 100 रुपये प्रति किलो के पार पहुंच गई हैं. इससे आम जनता के किचन का बजट बिगड़ गया है. ऐसे में कई लोगों ने हरी सब्जियों से दूरी बना ली है. इसकी जगह लोग दूसरे विकल्प की तलाश कर रहे हैं. वहीं, व्यापारियों का कहना है कि कार्तिक महीने में सब्जियों की मांग बढ़ गई है. साथ ही हाल की बारिश से खराब हुई फसलों की वजह से दामों में उछाल आया है. इस महीने भगवान अयप्पावही और भगवान शिव के भक्त व्रत रखकर शाकाहारी भोजन करते हैं, जिससे सब्जियों की मांग अचानक बढ़ गई है. ऐसे में लाल आलू 80 रुपये किलो बिक रहा है.

द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, स्थानीय आपूर्ति प्रभावित होने से अब बाजारों में दूसरे राज्यों से सब्जियां  मंगाई जा रही हैं. इससे कीमतों में बढ़ोतरी हो गई है. महंगाई का आलम यह है कि गाजर 100 रुपये किलो, बीन्स और कैप्सिकम 120 रुपये किलो तक पहुंच गए हैं. जो सब्जियां दस दिन पहले 50 रुपये किलो थीं, वे अब 80 रुपये में बिक रही हैं. विक्रेता ई. सूर्यनारायण के मुताबिक, धार्मिक व्रतों के चलते बढ़ी मांग और पिछले महीनों की फसल क्षति दोनों ने मिलकर सब्जियों की कमी पैदा की है. सफेद और काली बैंगन, चुकंदर, भिंडी  और लाल आलू 80 रुपये किलो मिल रहे हैं, जबकि करेला, पत्ता गोभी, खीरा और तोरई 60 रुपये किलो तक पहुंच गए हैं. वहीं, टमाटर की कीमत 25 रुपये से बढ़कर 40 रुपये हो गई है, लेकिन उनकी गुणवत्ता खराब होने की शिकायतें भी हैं . ग्राहकों का कहना है कि 40 रुपये देने के बाद भी टमाटर अच्छे नहीं मिल रहे.

क्या कहते हैं ग्राहक

सेवानिवृत्त बीएसएनएल कर्मचारी के.एम. राजू का कहना है कि अधिकांश सब्जियों की कीमतें लगभग एक जैसी बढ़ गई हैं. वहीं व्यापारी वाई. मधु ने चेतावनी दी कि आने वाले दिनों में दाम और बढ़ सकते हैं, क्योंकि खेती का क्षेत्र घट रहा है और उत्पादन कम हुआ है. उन्होंने कहा कि पहले हम सब्जियां आनंदपुरम और ज्ञानपुरम की थोक मंडियों से लाते थे, लेकिन अब कई किस्में बाहर के राज्यों से आयात  करनी पड़ रही हैं.

प्याज के रेट में भी बढ़ोतरी

बता दें कि केवल हरी सब्जियां ही महंगी नहीं हो रही हैं, बल्कि प्याज भी महंगा हो गया है. महाराष्ट्र के नासिक जिले की लासलगांव मंडी, जो एशिया की सबसे बड़ी प्याज मंडी मानी जाती है, में पिछले चार दिनों में प्याज के थोक दाम 26 फीसदी तक बढ़ गए हैं. इसकी वजह नासिक में 19 अक्टूबर से हो रही रुक-रुक कर बारिश बताई जा रही है. बारिश के कारण नई खरीफ फसल की कटाई में देरी हो रही है, जिससे मंडियों में प्याज की आपूर्ति कम पहुंच रही है और कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं.

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Published: 2 Nov, 2025 | 01:06 PM

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