चना बुवाई करते समय भूलकर भी न करें ये गलती, घट जाएगी उपज.. मिट्टी के लिए भी नुकसानदेह

जब चने की फसल 30 से 35 दिन की हो जाए, तब खेत में कुछ दूरी पर टी (T) आकार की लकड़ी की खुटियां लगा देनी चाहिए. इन खुटियों पर पक्षी आकर बैठते हैं और खेत में मौजूद कीटों को खा लेते हैं, जिससे फसल को नुकसान नहीं होता.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 14 Oct, 2025 | 05:11 PM

Chickpea cultivation:पंजाब-हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में धान की कटाई शुरू हो गई है. इसके साथ ही किसानों ने चने की बुवाई करने के लिए खेतों को तैयार करना शुरू कर दिया है. खास कर मध्य प्रदेश में चने की बुवाई जोरों पर है. लेकिन चने की बुवाई करने से पहले किसानों को वैज्ञानिकों की सलाह को जरूर मानना चाहिए. नहीं तो फसल को नुकसान भी पहुंच सकता है. तो आइए जानते हैं चने की खेती करने वाले किसानों को बुवाई करने से पहले क्या-क्या करना चाहिए.

कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक, फसल की शुरुआत में जरूरत से ज्यादा कीटनाशक दवाओं  का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. ऐसा करना फसल, मिट्टी और इंसानों के लिए नुकसानदायक हो सकता है. वैज्ञानिकों का कहना है कि इस फसल में इल्ली और दूसरे कीट आमतौर पर लगते हैं. कीटों से बचने के लिए किसान शुरुआत में ही ज्यादा मात्रा में रसायन छिड़क देते हैं, जो कि सही तरीका नहीं है. क्योंकि ज्यादा दवाओं से न सिर्फ पौधों को नुकसान होता है, बल्कि मिट्टी की उर्वरता  भी घटने लगती है. साथ ही जैविक तत्व खत्म होने लगते हैं और फसल की पैदावार पर भी असर पड़ता है.

इंसानों की सेहत पर भी बुरा असर

खास बात यह है कि ये रासायनिक दवाएं मिट्टी और पानी के जरिए इंसानों की सेहत पर भी बुरा असर डालती हैं. इसलिए किसानों को सावधानी से और जरूरत के हिसाब से ही दवाओं का इस्तेमाल करना चाहिए. विशेषज्ञों ने किसानों को सलाह दी है कि चने की फसल की शुरुआत में रासायनिक दवाओं की जगह देसी और सुरक्षित तरीके अपनाएं. इनमें सबसे अच्छा विकल्प नीम तेल  का छिड़काव है. नीम तेल पौधों की पत्तियों को कड़वा बना देता है, जिससे कीट और इल्लियां उन्हें खाना बंद कर देती हैं और फसल सुरक्षित रहती है.

नीम तेल का छिड़काव है जरूरी

एक्सपर्ट के मुताबिक, चने की बुवाई के बाद पहले 20 से 25 दिनों तक नीम तेल का छिड़काव करना बहुत फायदेमंद माना जाता है. इसके लिए 1 लीटर पानी में सिर्फ 5 मिली नीम तेल मिलाकर स्प्रे किया जा सकता है. ये तरीका सस्ता, आसान और पर्यावरण के लिए भी सुरक्षित है. यही वजह है कि विशेषज्ञ किसानों को देसी तरीका अपनाने की सलाह देते हैं.

इस तकनीक का करें इस्तेमाल

ऐसे जब चने की फसल 30 से 35 दिन की हो जाए, तब खेत में कुछ दूरी पर टी (T) आकार की लकड़ी की खुटियां लगा देनी चाहिए. इन खुटियों पर पक्षी आकर बैठते हैं और खेत में मौजूद कीटों को खा लेते हैं, जिससे फसल को नुकसान  नहीं होता. अगर किसान ऐसे घरेलू और प्राकृतिक उपाय अपनाएं, तो फसल भी सुरक्षित रहेगी और मिट्टी की उर्वरता भी बनी रहेगी. इससे रसायनों पर निर्भरता कम होगी और खेती ज्यादा टिकाऊ बनेगी.

Get Latest   Farming Tips ,  Crop Updates ,  Government Schemes ,  Agri News ,  Market Rates ,  Weather Alerts ,  Equipment Reviews and  Organic Farming News  only on KisanIndia.in

Published: 14 Oct, 2025 | 04:59 PM

फलों की रानी किसे कहा जाता है?

फलों की रानी किसे कहा जाता है?