खाली पड़े खेतों की जुताई करें किसान.. मिट्टी की ताकत और पैदावार बढ़ेगी, ये होंगे फायदे

ग्रीष्मकालीन गहरी जुताई मिट्टी की ताकत को बढ़ाने का एक प्रभावी तरीका है, जिससे कीट-पतंगे, रोगाणु और खरपतवार नष्ट होते हैं और मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार आता है. इससे फसल की ग्रोथ बेहतर और लागत कम होती है.

नोएडा | Updated On: 11 May, 2025 | 05:58 PM

फसलों की कटाई के बाद खेतों को खाली छोड़ देना आम बात है, वहीं अगर किसान इस खाली समय का सही इस्तेमाल करें, तो यह किसानों के लिए फायदे का सौदा साबित हो सकता है. गर्मियों में की गई गहरी जुताई (Deep Summer Ploughing) मिट्टी की ताकत को बढ़ाने का एक बेहद असरदार तरीका है. कृषि वैज्ञानिक भी समय-समय पर किसानों को यह सलाह देते रहे हैं कि रबी फसल की कटाई के तुरंत बाद मिट्टी पलटने वाले हल (मोल्ड बोल्ड या डिस्क प्लाऊ) से खेत की गहरी जुताई जरूर करें.

क्या होता है ग्रीष्मकालीन गहरी जुताई?

गर्मी के मौसम में अप्रैल से मई के बीच जब तापमान 40 डिग्री से ऊपर चला जाता है, उस समय खेत की गहरी जुताई करने से मिट्टी तेज धूप में तपती है. सामान्य तौर पर किसान 3-4 इंच की मिट्टी में ही जुताई करता है लेकिन में 8 से 10 इंच तक मिट्टी को पलटा जाता है, जिससे मिट्टी की ऊपरी परत नीचे और नीचे की परत ऊपर आ जाती है. जिसे नए मिट्टी का निर्माण होता है.

गहरी जुताई के जबरदस्त फायदे

अप्रैल-मई माह में गहरी जुताई करने से मिट्टी दो महीने तक तेज धूप में तपती है, जिसके कारण जमीन के अंदर स्थित कीट पतंगे, अंडा, प्यूपा, रोग आदि अधिक तापमान के कारण नष्ट हो जाते है. साथ ही लगातार हल्की जुताई करने से मिट्टी की सतह कठोर हो जाती जिसके कारण जड़ों का अधिक गहराई में फैलाव नहीं हो पाता, गहरी जुताई मिट्टी की कठोर सतह को तोड़ती है.

बात करें सिंचाई की तो गहरी जुताई से मिट्टी ज्यादा पानी सोखती है और बारिश का पानी बहकर बाहर नहीं जाता. इससे सिंचाई की जरूरत भी कम पड़ती है. वहीं ढाल के विपरीत जुताई करने से बरसात में मिट्टी का कटाव काफी हद तक कम हो जाती है. किसान लवणीय-क्षारीय मिट्टी को 2-3 वर्ष में एक बार मोल्ड बोर्ड हल या डिस्क हल से गहरी ग्रीष्मकालीन जुताई करके सुधार सकते है.

फसल अवशेष बनेंगे जैविक खाद

किसानों को रबी फसलों के अवशेषों को जलाना नहीं चाहिए, उन्हें मिट्टी में दबा देना चाहिए, फसल अवशेषों को मिट्टी में दबाने से मिट्टी में मौजूद कवक और जीवाणु सड़ कर खाद में बदल जाएंगे, जिससे मिट्टी की उर्वरता बढ़ेगी और पर्यावरण प्रदूषण भी रुकेगा. इससे मिट्टी में कार्बन पदार्थ की मात्रा बढ़ती जो खेत को काफी उपजाऊपन बनाती हैं. गहरी जुताई से मिट्टी लाभदायक कीटों की सक्रियता बढ़ जाती हैं, जिसे मिट्टी में कार्बनिक पदार्थों का अधिक विघटन होता हैं. साथ ही मिट्टी भुरभुरी और नरम बनाती है, जिससे बीज का अंकुरण अच्छा होता है और फसल की ग्रोथ बेहतर होने के साथ मिट्टी की गुणवत्ता में भी सुधार आता है.

मिट्टी की जांच जरूर कराएं

ग्रीष्मकालीन गहरी जुताई के साथ-साथ किसानों को मिट्टी की जांच भी अवश्य करानी चाहिए ताकि फसलों में संतुलित उर्वरक का प्रयोग किया जा सके. खेतों में गहरी जुताई और मिट्टी की जांच करवाने से किसानों को फसल उत्पादन में वृद्धि और फसल लागत में कमी मिलेगी.

Published: 11 May, 2025 | 05:58 PM