Independence Day: परना पंचायत में देवताओं की तरह पूजे जाते हैं आजादी के सपूत, गांववाले सुबह-शाम करते हैं आरती

1947 में यहां पर भगवान शिव का मंदिर था. यहां के रामचंदर बाबू आजादी की लड़ाई में शहीद हुए थे, जिसके बाद यहां 1987 में रामचंदर बाबू समेत अन्य वीर सपूतों को याद करने के लिए उनकी मूर्तियां लगाई गईं.

नोएडा | Updated On: 15 Aug, 2025 | 08:55 AM

Independence Day 2025: देश अपनी आजादी का 79वां स्वतंत्रता दिवस आज 15 अगस्त 2025 को मना रहा है. देशभर में हर्षोल्लास छाया हुआ है, ठीक इसी तरह जब 1947 में देश आजाद हुआ था उस दिन का सुबह का माहौल था. लोग खुश थे, बंटवारे के दर्द और दंगों में अपनों को खोने के गम में भी थे. जबकि, वीर सपूत जिन्होंने आजादी के लिए अपना सबकुछ न्योछावर कर दिया उन्हें लोग हमेशा याद करते हैं. बिहार के परना ग्राम पंचायत के लोग आजादी के रणबांकुरों और वीर सपूतों को हर दिन याद करते हैं, इतना ही नहीं परना गांव के लोग इन सपूतों की पूजा करते हैं. अपनी इस अनूठी परंपरा को बरकरार रखने के लिए गांव को और ग्रामीणों को लोग गर्व से देखते हैं और सरकार, जिला प्रशासन भी ग्रामीणों के इस काम की सराहना करता है.

परना पंचायत में देवी-देवताओं संग शहीद वीरों की होती है पूजा

बिहार के बेगूसराय जिले में परना पंचायत में यूं तो आजादी के बाद से देश के वीर सपूतों के बलिदान को याद किया जा रहा है और उन्हें सम्मान दिया जा रहा है. लेकिन, साल 2001 से देवी-देवताओं संग स्वतंत्रता संग्राम के शहीद वीरों की पूजा करने की परंपरा शुरू की गई, जो आज भी जारी है. गांव को शहीद वीरों के तीर्थस्थल के रूप में आसपास के लोग देखते हैं और युवाओं के लिए यह गांव यह शहीद स्थल प्रेरणास्रोत बन गया है.

गांव के रामचंदर बाबू आजादी की लड़ाई में शहीद हुए

गांव के बुजुर्गों ने डीडी न्यूज को बताया कि 1947 में यहां पर भगवान शिव का मंदिर था. यहां के रामचंदर बाबू आजादी की लड़ाई में शहीद हुए थे, जिसके बाद यहां 1987 में रामचंदर बाबू समेत अन्य वीर सपूतों को याद करने के लिए उनकी मूर्तियां लगाई गईं. उन्होंने बताया कि एक तरफ भगवान शिव के साथ अन्य देवी देवताओं की प्रतिमाएं हैं और दूसरी तरफ चंद्रशेखर आजाद, नेताजी सुभाष चंद बोस समेत अन्य शहीद वीरों और महापुरुषों की मूर्तियां लगाई गई हैं. दोनों जगह लोग पूजा-वंदना करते हैं.

Freedom Fighters worshipped like goods in bihar

24 साल से बिना रुके चल रही पूजा-पाठ की परंपरा

बेगूसराय प्रखंड के परना पंचायत इस तरह का अनोखा उदाहरण पेश कर रहा है. यहां 24 साल से लगातार लोग वीर शहीदों को पूजते आ रहे हैं. यहां बनाए गए शहीद स्थल में आजादी के क्रांतिकारियों, वीर सपूतों और महापुरुषों की मूर्तियां हैं. यहां पर देवी-देवताओं की तरह स्वतंत्रता संग्राम में शहीद हुए वीर सपूतों की पूजा की जा रही है.

जिला मुख्यालय से मात्र 7 किलोमीटर दूर स्थित यह गांव आज पूरे क्षेत्र के लिए आदर्श बन चुका है. युवा अपनी परीक्षा में अच्छे नंबर लाने और सेना, पुलिस आदि में भर्ती होने के लिए यहां आकर वीर सपूतों को याद करते हैं और उनके बलिदान को याद कर देश के लिए कुछ कर गुजरने की प्रेरणा लेते हैं.

Freedom Fighters worshipped like goods in parna village bihar

वीरों के पराक्रम को नई पीढ़ी तक पहुंचाना उद्देश्य

सुबह-सवेरे यहां बच्चे, युवा, महिलाएं और बुजुर्ग एक ओर मंदिर में देवी दुर्गा की पूजा-अर्चना करते हैं, तो वहीं उसी मंदिर परिसर में स्थापित महापुरुषों की मूर्तियों की भी पूरी श्रद्धा से पूजा-आरती करते हैं. ग्रामीणों का कहना है कि जिन्होंने अपने परिवार और सुख-सुविधाओं का त्याग कर देश को आजादी दिलाने में योगदान दिया, उनके पराक्रम को आने वाली पीढ़ी तक पहुंचाना हम सबका कर्तव्य है.

Published: 15 Aug, 2025 | 08:40 AM