कुछ भारतीय कंपनियों की यूरोप स्थित सब्सिडियरी और भारतीय प्रवासी समुदाय द्वारा चलाई जा रही कुछ कंपनियां पाकिस्तान से बासमती चावल खरीदकर यूरोप और अन्य देशों में सप्लाई कर रही हैं. ग्लोबल ट्रेड डेटा के मुताबिक, ये कंपनियां भारतीय शेयर बाजार (NSE और BSE) में लिस्टेड हैं और पाकिस्तान के साथ ‘स्ट्रैटेजिक कोलैबोरेशन’ में काम कर रही हैं.
बिजनेसलाइन की रिपेर्ट के मुताबिक, 2 मई 2025 के बाद पाकिस्तान से करीब 14,300 टन बासमती चावल का निर्यात हुआ, जबकि उसी दिन भारत सरकार के विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) ने पाकिस्तान से किसी भी तरह के सीधे या परोक्ष आयात या ट्रांजिट पर रोक लगा दी थी. यह फैसला 22 अप्रैल को पहलगाम (कश्मीर) में पाकिस्तान समर्थित आतंकियों द्वारा 26 भारतीय पर्यटकों की हत्या के बाद लिया गया था. ट्रेड से जुड़े कुछ सूत्रों का कहना है कि इन शिपमेंट्स को लेकर दो बड़ी समस्याएं हैं, लेकिन इस मुद्दे की संवेदनशीलता को देखते हुए वे नाम नहीं बताना चाहते.
करीब 125 टन बासमती चावल की दो खेप मंगवाई
सूत्रों के मुताबिक, इस मामले में दो बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं. पहला जब भारत बासमती चावल को अपनी विशिष्ट पहचान बता रहा है, तो फिर भारतीय कंपनियां पाकिस्तान से यह चावल कैसे खरीद रही हैं? दूसरा ये कि क्या इस तरह की डील भारत के लिए यूरोप जैसे देशों में GI टैग हासिल करने में बाधा बन सकती है? जानकारी के अनुसार, एक भारतीय लिस्टेड कंपनी ने 3 मई से 4 जून 2025 के बीच पाकिस्तान की Al Wahab Rice Mill से करीब 125 टन बासमती चावल की दो खेप मंगवाई और उसे नीदरलैंड भेज दिया. जबकि DGFT की तरफ से पाकिस्तान से आयात पर पहले ही रोक लग चुकी थी.
9,000 टन बासमती चावल UK को भेजा
इसके अलावा, यूरोप में भारतीय प्रवासियों द्वारा चलाई जा रही दो कंपनियों ने पाकिस्तान की Sarawar, Fatima, Supreme और Rana राइस मिलों से करीब 9,000 टन बासमती चावल UK (ब्रिटेन) के लिए खरीदा. ये शिपमेंट 6 मई से 29 जून के बीच हुईं. कुल मिलाकर, इन सभी कंपनियों द्वारा DGFT बैन के बाद पाकिस्तान से भेजे गए बासमती चावल की वैल्यू करीब 13.5 मिलियन डॉलर आंकी गई है. कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के एक अधिकारी ने कहा कि कोई भी भारतीय कंपनी पाकिस्तान से बासमती चावल नहीं मंगा रही है. एपीडा भारत से बासमती चावल के निर्यात को रजिस्टर करता है, प्रमोट करता है और रेगुलेट करता है.
भारत से कोई लेना-देना नहीं
अधिकारी ने कहा कि हो सकता है कि भारतीय मूल के कुछ आयातक पाकिस्तान से बासमती खरीद रहे हों, लेकिन उनका भारत से कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि अगर कोई भारतीय कंपनी पाकिस्तान से बासमती खरीदते हुए पाई गई, तो उसे ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा. आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 10 सालों में कुछ कंपनियों ने पाकिस्तान से 2.5 अरब डॉलर से ज्यादा का बासमती चावल यूरोप और दूसरे देशों में भेजा है.