हॉपर-थ्रिप्स कीटों के हमले से आम की क्वालिटी बिगड़ी, 7 रुपये किलो बेचने को मजबूर किसान

कर्नाटक के कोलार और रामनगर जिलों में आम की पैदावार घटकर 8-10 लाख मीट्रिक टन रह गई है. हॉपर और थ्रिप्स कीटों ने फसल को नुकसान पहुंचाया.

वेंकटेश कुमार
नोएडा | Updated On: 24 May, 2025 | 03:32 PM

कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में जहां आम अभी भी 100 रुपये प्रति किलो से ज्यादा में बिक रहे हैं, वहीं कोलार और रामनगर जिलों की मंडियों में किसान इन्हें केवल 7 से 8 प्रति किलो में बेचने को मजबूर हैं. खास बात यह है कि इस साल आम की पैदावार पहले से ही कम थी. जहां 14 से 16 लाख मीट्रिक टन उत्पादन होता है, इस बार यह घटकर केवल 8 से 10 लाख मीट्रिक टन रह गया. अब रही-सही फसल पर हॉपर (जिगी) और थ्रिप्स नाम के कीटों ने हमला कर दिया है, जिससे आम की गुणवत्ता और गिर गई है. ये कीड़े पौधे का रस चूस लेते हैं, जिससे फल और डंडी काले पड़ जाते हैं.

द हिन्दू की रिपोर्ट के मुताबिक, कनकपुरा और चन्नापटना आम उत्पादक संघ के अध्यक्ष धरनीश कुमार ने कहा कि सीजन की शुरुआत में हमने कीटनाशक का छिड़काव किया था, लेकिन जैसे-जैसे तापमान बढ़ा, फल गिरने लगे और बचे हुए आम की गुणवत्ता खराब हो गई. धरनीश कुमार ने कहा कि हम बादामी (अल्फांसो) आम मंडियों में 27 रुपये प्रति किलो और सेंदूरा केवल 7 रुपये 8 प्रति किलो में बेच रहे हैं. बाजार में पर्याप्त आपूर्ति नहीं होने की वजह से दुकानदार आम महंगे दामों पर बेच रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि सिर्फ रामनगर जिले में 32,000 हेक्टेयर में आम की खेती होती है और करीब 30,000 परिवार इसी पर निर्भर हैं.

कोलार जिले में आम का ताजा रेट

कोलार जिले में किसान तोतापुरी और सेंदूरा 10 रुपये प्रति किलो और बादामी 25 रुपये प्रति किलो में बेच रहे हैं. कोलार जिला आम उत्पादक संघ के अध्यक्ष नीलातुरु चिन्नप्पा रेड्डी ने कहा कि इस बार सिर्फ 20 फीसदी फलों का बनना देखने को मिला और अब उनमें भी थ्रिप्स और हॉपर ने नुकसान किया है. हमारे पास तो निर्यात के लिए भी आम नहीं बचे हैं. किसानों ने कहा कि इतने कम दाम 2018 में देखे थे, जब उन्होंने कई प्रदर्शन किए थे और सरकार ने तब 2,500 रुपये प्रति टन का समर्थन मूल्य घोषित किया था. इस बार उन्होंने बागवानी विभाग से आग्रह किया कि वे एक तकनीकी टीम भेजकर खेतों की वैज्ञानिक जांच करें. टीम ने दौरा भी किया.

फसल निरीक्षण की मांग की

धरनीश कुमार ने कहा कि किसानों ने रामनगर जिले के डिप्टी कमिश्नर से भी मिलकर फसल बीमा के लिए फसल निरीक्षण की मांग की है. वहीं, बागवानी विभाग के अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने हालात को गंभीरता से लिया है और कोलार में निरीक्षण के लिए एक टीम भेजी है. विभाग के निदेशक रमेश डीएस ने कहा कि हम टीम की रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं. साथ ही हम खुद भी स्थिति की गंभीरता का आकलन कर रहे हैं.

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Published: 24 May, 2025 | 03:32 PM

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