कपास की फसल में फूलों की कमी से घबराएं नहीं, ये उपाय करेंगे कमाल

कपास के पौधे को भी सही तापमान और नमी की जरूरत होती है. अगर अत्यधिक गर्मी हो जाए या लंबे समय तक सूखा पड़ जाए, तो पौधे तनाव (stress) में आ जाते हैं. ऐसे में वे फूल कम या देर से देते हैं. यह मौसम से जुड़ी सबसे सामान्य समस्या है.

Kisan India
नई दिल्ली | Updated On: 11 Jul, 2025 | 03:37 PM

कपास यानी “सफेद सोना” हमारे देश की एक बेहद जरूरी नकदी फसल है, जिससे किसानों की आजीविका जुड़ी होती है. लेकिन कई बार मेहनत के बावजूद किसान देखते हैं कि कपास के पौधे समय पर फूल नहीं दे रहे हैं. यह न सिर्फ फसल की पैदावार को प्रभावित करता है, बल्कि किसान की उम्मीद और आमदनी दोनों पर चोट करता है. चलिए, जानते हैं कि कपास में फूल न आने की समस्या क्यों होती है और इसका हल क्या हो सकता है.

फूल न आने के पीछे छुपे कारण

मौसम की मार
कपास के पौधे को भी सही तापमान और नमी की जरूरत होती है. अगर अत्यधिक गर्मी हो जाए या लंबे समय तक सूखा पड़ जाए, तो पौधे तनाव (stress) में आ जाते हैं. ऐसे में वे फूल कम या देर से देते हैं. यह मौसम से जुड़ी सबसे सामान्य समस्या है.

पोषक तत्वों की कमी
मिट्टी में अगर नाइट्रोजन, फास्फोरस या पोटाश जैसे जरूरी तत्व कम हों, तो पौधे कमजोर हो जाते हैं. फूल बनने के लिए इन पोषक तत्वों की संतुलित मात्रा जरूरी होती है. इनके अभाव में पौधा फूलों का निर्माण ही नहीं कर पाता.

कीट और रोग
कपास के पौधे पर अक्सर माहू (aphids), थ्रिप्स, माइट्स जैसे कीट हमला कर देते हैं. ये नन्हे कीट फूलों को खा जाते हैं या गिरा देते हैं.
वहीं वर्टिसिलियम व विल्ट (Verticillium wilt) और फ्यूजेरियम व विल्ट (Fusarium wilt) जैसे रोग पौधे को जड़ से कमजोर बना देते हैं. ऐसे में फूल बनना रुक जाता है या पहले ही झड़ जाते हैं.

किसान अपनाएं ये आसान तरीके

सिंचाई का रखें ध्यान
अगर मौसम सूखा हो रहा है, तो समय-समय पर सिंचाई करें. ज्यादा पानी भी नुकसान करता है, इसलिए संतुलन जरूरी है.

मिट्टी की जांच कराएं
खेती शुरू करने से पहले एक बार मिट्टी की जांच जरूर कराएं. जो भी पोषक तत्व कमी में हैं, उन्हें उर्वरकों से पूरा करें.

संतुलित खाद का प्रयोग करें
DAP, MOP और जैविक खादों के साथ-साथ जिंक और बोरॉन जैसे सूक्ष्म तत्व भी फूलों की गुणवत्ता बढ़ाते हैं.

कीट और रोग नियंत्रण करें 
IPM यानी “समेकित कीट प्रबंधन” अपनाएं. इसमें नीम का तेल, फेरोमोन ट्रैप, और जैविक कीटनाशक जैसे उपाय शामिल हैं. जरूरत पड़ने पर विशेषज्ञ सलाह से दवा का छिड़काव करें.

फूल झड़ने से रोकें
अगर फूल बनने के बाद गिरने लगें, तो NAA (नैफ्थेलीन एसिटिक एसिड) का छिड़काव करें, यह एक तरह का पौधों का हार्मोन होता है, जो फूलों को टिकाने में मदद करता है.

कपास में फूल न आना एक आम लेकिन गंभीर समस्या है. लेकिन अगर किसान समय पर सावधानी बरते, मिट्टी और पौधों का ख्याल रखें, तो फसल में फूलों की बहार भी आएगी और आमदनी भी अच्छी होगी.

Get Latest   Farming Tips ,  Crop Updates ,  Government Schemes ,  Agri News ,  Market Rates ,  Weather Alerts ,  Equipment Reviews and  Organic Farming News  only on KisanIndia.in

Published: 11 Jul, 2025 | 03:16 PM

फलों की रानी किसे कहा जाता है?

फलों की रानी किसे कहा जाता है?