कपास की फसल में आएगी मजबूती और बढ़ेगी गुणवत्ता, ऐसे करें तैयारी

बेहतर फसल के लिए अच्छे बीज का चुनाव बहुत जरूरी है. हमेशा प्रमाणित और उन्नत किस्म के बीज ही लगाएं जो आपके क्षेत्र की जलवायु और मिट्टी के अनुसार उपयुक्त हों.

नई दिल्ली | Published: 9 May, 2025 | 11:03 AM

कपास भारत की सबसे महत्वपूर्ण नकदी फसलों में से एक है. यह फसल न सिर्फ किसानों की आमदनी का बड़ा जरिया है, बल्कि देश के वस्त्र उद्योग की रीढ़ भी मानी जाती है. बढ़ती घरेलू और वैश्विक मांग के चलते अब जरूरत है कि कपास की खेती में गुणवत्ता और उत्पादन दोनों को बेहतर बनाया जाए. अगर किसान कुछ जरूरी बातों पर ध्यान दें तो वे कम लागत में ज्यादा और बेहतर गुणवत्ता की कपास प्राप्त कर सकते हैं.

मिट्टी की तैयारी से होती है अच्छी शुरुआत

अच्छी कपास फसल के लिए सबसे जरूरी है उपजाऊ और संतुलित मिट्टी. खेती शुरू करने से पहले मिट्टी की जांच जरूर कराएं ताकि उसमें मौजूद पोषक तत्वों की जानकारी मिल सके. इसके आधार पर खाद और उर्वरकों का इस्तेमाल करें. जैविक खाद और समय पर पोषण देने से पौधे स्वस्थ रहते हैं और उनका विकास अच्छा होता है. इससे ना सिर्फ उत्पादन बढ़ता है बल्कि फाइबर की गुणवत्ता भी बेहतर होती है.

बीज की गुणवत्ता से तय होती है फसल की दिशा

बेहतर फसल के लिए अच्छे बीज का चुनाव बहुत जरूरी है. हमेशा प्रमाणित और उन्नत किस्म के बीज ही लगाएं जो आपके क्षेत्र की जलवायु और मिट्टी के अनुसार उपयुक्त हों. ऐसे बीजों में रोगों से लड़ने की ताकत होती है, साथ ही उनमें रेशा (फाइबर) अच्छा और उत्पादन ज्यादा होता है.

कीट और खरपतवार पर रखें खास नजर

कपास की फसल को कई तरह के कीट और रोग नुकसान पहुंचाते हैं. इसके लिए खेत की नियमित निगरानी जरूरी है. जैसे ही कोई बीमारी या कीट दिखाई दे, तुरंत उचित उपाय करें. फसल चक्र अपनाएं, जैविक तरीकों का इस्तेमाल करें और जरूरत हो तो सीमित मात्रा में कीटनाशकों का प्रयोग करें. साथ ही, खरपतवारों को समय पर हटाना जरूरी है ताकि फसल के पोषक तत्व और पानी बर्बाद न हों.

पानी की सही व्यवस्था से बढ़ेगा उत्पादन

कपास की फसल में सिंचाई का भी बड़ा रोल है. बहुत ज्यादा या बहुत कम पानी दोनों नुकसानदायक हो सकते हैं. खेत में मिट्टी की नमी का ध्यान रखें और सिंचाई के लिए टपक या स्प्रिंकलर प्रणाली जैसी आधुनिक विधियों का इस्तेमाल करें. इससे पानी की बचत भी होती है और पौधों को जरूरत के हिसाब से नमी मिलती है.

फसल की समय-समय पर देखभाल करें

खेत की नियमित निगरानी न केवल बीमारी और कीटों को रोकती है बल्कि फसल के समुचित विकास में भी मदद करती है. पौधों की सफाई, सूखी या रोगग्रस्त शाखाओं को हटाना, और जरूरत पड़ने पर पोषक तत्वों की पूर्ति करना, ये सभी छोटे लेकिन जरूरी कदम हैं जो फसल को मजबूत बनाते हैं.

सही समय पर तुड़ाई और भंडारण भी है जरूरी

कपास की अच्छी गुणवत्ता पाने के लिए तुड़ाई सही समय पर करनी चाहिए. जब बॉल (गांठ) पूरी तरह पक जाए, तभी उसे तोड़ें. बारिश या नमी में तुड़ाई करने से रेशा खराब हो सकता है. फसल को सावधानी से संभालें, अच्छी तरह सुखाएं और फिर सुरक्षित स्थान पर स्टोर करें. जिनिंग (कपास से रेशा निकालना) करते समय भी साफ-सफाई और सावधानी का ध्यान रखें ताकि रेशा न टूटे और उसकी गुणवत्ता बनी रहे.