अमेरिका ने भारत पर लगाया 25 फीसदी एक्स्ट्रा टैरिफ, इस वजह से बौखलाए डोनाल्ड ट्रंप

यह फैसला तब आया जब ट्रंप ने भारत को रूस से तेल खरीदने को लेकर सख्त चेतावनी दी थी और कहा था कि अगले 24 घंटे में अतिरिक्त टैरिफ लगाए जा सकते हैं.

नोएडा | Published: 6 Aug, 2025 | 08:22 PM

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को भारत पर 25 फीसदी अतिरिक्त ट्रेड टैरिफ (व्यापारिक शुल्क) लगाने का ऐलान किया है. यह फैसला भारत द्वारा रूस से तेल खरीद जारी रखने के चलते लिया गया है. अब भारत पर कुल 50 फीसदी टैरिफ लागू होगा. यह अतिरिक्त शुल्क आज से 21 दिन बाद यानी 27 अगस्त से लागू होगा. बुधवार को एक एग्जीक्यूटिव ऑर्डर (कार्यकारी आदेश) पर साइन करते हुए ट्रंप ने यह कदम उठाया. उनका कहना है कि भारत ने रूस से तेल खरीदना नहीं रोका, इसलिए यह कार्रवाई जरूरी है.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, यह फैसला तब आया जब ट्रंप ने भारत को रूस से तेल खरीदने को लेकर सख्त चेतावनी दी थी और कहा था कि अगले 24 घंटे में अतिरिक्त टैरिफ लगाए जा सकते हैं. बुधवार को ट्रंप ने एक 9 सेक्शन वाला आदेश साइन किया, जिसमें टैरिफ लगाने के कारण, उसका दायरा, नियम और अन्य अहम बातें विस्तार से बताई गई हैं. पृष्ठभूमि समझाते हुए ट्रंप ने कहा कि अमेरिका में कई कानून पहले से लागू हैं, जो रूस से तेल और अन्य सामान के आयात पर रोक लगाते हैं. इसका कारण यह है कि रूस यूक्रेन के खिलाफ युद्ध कर रहा है, जो अमेरिका की विदेशी नीति पर बुरा असर डालता है.

21 दिन बाद अतिरिक्त शुल्क लगाया जाएगा

आदेश में कहा गया कि “Executive Order 14066 में बताई गई राष्ट्रीय आपात स्थिति से निपटने के लिए, यह जरूरी और उचित है कि भारत से आने वाले उन सामानों पर अतिरिक्त टैक्स (ad valorem duty) लगाया जाए, जो सीधे या परोक्ष रूप से रूस से तेल आयात कर रहा है. आदेश में यह भी साफ कहा गया कि ट्रंप को यह जानकारी मिली है कि भारत सीधे या घुमाकर रूस से तेल खरीद रहा है, इसलिए अब भारत से अमेरिका आने वाले सामान पर 21 दिन बाद से अतिरिक्त शुल्क लगाया जाएगा. हालांकि, जो सामान पहले से ही अमेरिका के रास्ते में है (यानि अंतिम ट्रांजिट मोड में है), उन्हें इस नियम से छूट दी जाएगी.

टैरिफ से अमेरिका में भारतीय कृषि उत्पाद हो जाएंगे महंगे

वहीं, कृषि एक्सपर्ट का मानना है कि अमेरिका के टैरिफ लगाने से भारतीय कृषि उत्पादों की कीमतें अमेरिकी बाजार में बढ़ेंगी, जिससे उनकी मांग में कमी आने की आशंका है. इससे भारतीय कृषि निर्यातकों को नुकसान होगा. खासकर उन उत्पादों के लिए जो अमेरिकी बाजार पर निर्भर हैं. कीमतें बढ़ने पर भारतीय उत्पादों की अमेरिकी बाजारों में मांग में गिरावट आएगी. इससे भारतीय कारोबारियों, निर्यातकों को भारी नुकसान होगा.