धान खरीद केंद्रों पर शुल्क वसूली का बड़ा आरोप, 19 रुपये प्रति क्विंटल किसानों से लेने पर हंगामा

हिमाचल में इस खरीफ मार्केटिंग सीजन के लिए धान खरीद (Paddy Purchase) की शुरुआत अक्तूबर के साथ ही हो गई है. राज्य सरकार ने सभी मंडी स्थलों और खरीद केंद्रों को किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ देने का निर्देश दिया है. लेकिन, मंडियों में मनमानी शुल्क वसूली के मामलों ने किसानों को उत्तेजित कर दिया है.

रिजवान नूर खान
नोएडा | Updated On: 17 Oct, 2025 | 05:13 PM

खरीफ सीजन की प्रमुख फसल धान की खरीद देशभर में जारी है. इस बार देशभर में धान की अच्छी पैदावार दर्ज की गई है. हिमाचल प्रदेश में भी किसानों की धान को न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी पर खरीदा जा रहा है. लेकिन, यहां के सिरमौर जिले के कुछ खरीद केंद्रों पर किसानों से मनमानी शुल्क वसूले जाने को लेकर नाराजगी बढ़ गई है. सिरमौर की मंडी में किसानों ने हंगामा किया और विभाग से कार्रवाई की मांग की है. किसानों ने आरोप लगाया है कि उन्हें अपनी उपज बेचने के लिए 19 रुपये प्रति क्विंटल शुल्क देना पड़ रहा है.

हिमाचल में धान खरीद 31 दिसंबर तक चलेगी

हिमाचल प्रदेश में इस खरीफ मार्केटिंग सीजन के लिए धान खरीद की शुरुआत अक्तूबर के साथ ही हो गई है. राज्य सरकार ने सभी मंडी स्थलों और खरीद केंद्रों को किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ देने का निर्देश दिया है. इस बार भी खरीद प्रक्रिया 3 अक्तूबर से शुरू की गई है. धान की खरीद प्रक्रिया 31 दिसंबर तक चलेगी. इस बार राज्य सरकार ने 31 हजार मीट्रिक टन से अधिक धान खरीदने का टारगेट रखा है.

धान केंद्रों पर किसानों से शुल्क वसूलने की शिकायत

सिरमौर जिले में धान की खरीदी का कार्य जोर-शोर से जारी है, लेकिन किसानों का आरोप है कि उन्हें मंडी में प्रति क्विंटल 19 रुपए का अतिरिक्त शुल्क देने को कहा जा रहा है. किसानों ने कहा कि यह शुल्क धान तौलने और अन्य खर्चों के नाम पर वसूला जा रहा है, जबकि धान खरीदी के टेंडर में किसी भी तरह का शुल्क का जिक्र नहीं किया गया था.

19 रुपये प्रति क्विंटल शुल्क लेने पर नाराजगी

किसानों ने मीडिया से बातचीत में नाराजगी जताते हुए कहा कि इस वर्ष भारी बारिश के कारण 70-80 फीसदी धान फसल बर्बाद हो चुकी है. अब मंडियों में धान बेचने आए किसानों को यह अतिरिक्त आर्थिक बोझ उठाना पड़ रहा है. किसानों ने कहा कि गेहूं की खरीद के समय यह शुल्क 14 रुपए प्रति क्विंटल होता था, लेकिन इस बार इसे बढ़ाकर 19 रुपए कर दिया गया है. यह अन्यायपूर्ण और गैरकानूनी है, नाराज किसानों ने हंगामा किया.

Paddy purchase in himachal

धान मंडी में किसानों ने मनमानी शुल्क लिए जाने पर नाराजगी जताई.

नाराज किसानों ने विभाग से तत्काल हस्तक्षेप कर उचित समाधान की मांग की है ताकि फसल बेचने आए किसान आर्थिक और मानसिक रूप से राहत पा सकें. किसानों का कहना है कि बरसात से हुए नुकसान और मनमानी शुल्क ने उन्हें गंभीर आर्थिक परेशानियों में डाल दिया है और विभाग को स्पष्ट दिशा-निर्देशों के तहत कार्रवाई करनी चाहिए.

इस बार धान का कितना भाव है

केंद्र सरकार ने धान के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी 2389 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है. जबकि, सामान्य ग्रेड की धान के लिए 2369 रुपये प्रति क्विंटल एमएसपी तय किया गया है. बीते साल की तुलना में इस बार सरकार ने धान के भाव में 69 रुपये की बढ़ोत्तरी की है, जिसका लाभ धान किसानों को मिलेगा. राज्य सरकार के अनुसार एमएसपी का लाभ हिमाचल प्रदेश के किसानों को भी दिया जा रहा है.

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Published: 17 Oct, 2025 | 05:02 PM

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