धान-बाजरा से लेकर दलहन तक, उत्तर प्रदेश में खरीफ सीजन में बंपर पैदावार की उम्मीद, जानें आंकड़े

उत्तर प्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा नकदी फसल गन्ना है, लेकिन इस बार इसमें हल्की गिरावट देखी गई है. गन्ने का रकबा 27.25 लाख हेक्टेयर से घटकर 27.05 लाख हेक्टेयर रह गया है. हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि कुल उत्पादन पर इसका खास असर नहीं पड़ेगा.

Kisan India
नई दिल्ली | Published: 10 Sep, 2025 | 08:22 AM

उत्तर प्रदेश इस साल खरीफ सीजन में रिकॉर्ड तोड़ पैदावार की ओर बढ़ रहा है. धान, बाजरा और अन्य फसलों की खेती का रकबा पिछले साल की तुलना में काफी बढ़ा है. किसानों के मुताबिक, मौसम ने इस बार बड़ी राहत दी है क्योंकि अब तक फसल को कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ है. यही वजह है कि धान और अन्य खरीफ फसलों की बंपर पैदावार की उम्मीद जताई जा रही है.

धान और बाजरे में भारी उछाल

ताजा आंकड़ों के मुताबिक, इस साल 5 सितंबर तक प्रदेश में कुल खरीफ रकबा 138.40 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है, जो पिछले साल के 124.39 लाख हेक्टेयर से 11 फीसदी ज्यादा है. सामान्य औसत (पिछले 5 साल) की तुलना में यह 20 फीसदी अधिक है.

  • धान का रकबा 13.5 फीसदी बढ़कर 71.05 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है. इसमें बासमती धान भी शामिल है.
  • बाजरे का रकबा 34 फीसदी की जबरदस्त बढ़त के साथ 11.11 लाख हेक्टेयर हो गया है.
  • मक्का की खेती में भी 5.8 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज हुई है और यह 8.20 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है.
  • ज्वार का रकबा 15.3 फीसदी बढ़कर 3.09 लाख हेक्टेयर हो गया है.

गन्ने में मामूली गिरावट

उत्तर प्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा नकदी फसल गन्ना है, लेकिन इस बार इसमें हल्की गिरावट देखी गई है. गन्ने का रकबा 27.25 लाख हेक्टेयर से घटकर 27.05 लाख हेक्टेयर रह गया है. हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि कुल उत्पादन पर इसका खास असर नहीं पड़ेगा.

दालों और तिलहनों की खेती में भी उत्साह

किसानों ने इस बार केंद्र सरकार की अपील पर दालों और तिलहनों की खेती में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया है.

  • अरहर (तूर) का रकबा 5 फीसदी बढ़कर 3.79 लाख हेक्टेयर हो गया है.
  • उड़द की खेती 1.3 फीसदी बढ़कर 4.63 लाख हेक्टेयर हो गई है.
  • मूंगफली का रकबा 32.3 फीसदी बढ़कर 3.56 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है.
  • तिल की खेती 24.4 फीसदी की बढ़त के साथ 4.39 लाख हेक्टेयर हो गई है.

किसानों को मिल रहे बेहतर दाम

पिछले 5–6 वर्षों में उत्तर प्रदेश के किसानों को अन्य राज्यों की तुलना में बेहतर दाम मिल रहे हैं. इसके पीछे मार्केटिंग सुधार को बड़ी वजह माना जा रहा है. किसानों का कहना है कि अब वे केवल पारंपरिक फसलों पर निर्भर नहीं हैं, बल्कि उन फसलों की ओर बढ़ रहे हैं, जिनमें उन्हें स्थायी और सुनिश्चित लाभ मिलता है.

मौसम ने दिया साथ

भारतीय मौसम विभाग (IMD) के आंकड़ों के अनुसार, 1 जून से 9 सितंबर तक प्रदेश में 649.9 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जो सामान्य 653.3 मिमी से सिर्फ 1 फीसदी कम है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 20 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है, जिससे धान और गन्ने की फसल को फायदा मिला. हालांकि, पूर्वी उत्तर प्रदेश में 13 फीसदी बारिश की कमी दर्ज हुई है, लेकिन कुल मिलाकर पैदावार पर इसका नकारात्मक असर नहीं दिखा है.

किसानों में उत्साह

गांवों में किसानों का कहना है कि अगर मौसम इसी तरह बना रहा, तो इस साल धान, बाजरा और मक्का जैसी फसलों की पैदावार ऐतिहासिक हो सकती है. कई किसान अपनी उपज को मंडियों तक पहुंचाने और अच्छे दाम पाने की उम्मीद कर रहे हैं.

Get Latest   Farming Tips ,  Crop Updates ,  Government Schemes ,  Agri News ,  Market Rates ,  Weather Alerts ,  Equipment Reviews and  Organic Farming News  only on KisanIndia.in

फलों और सब्जियों के उत्पादन में भारत किस नंबर पर है?

Side Banner

फलों और सब्जियों के उत्पादन में भारत किस नंबर पर है?