प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 21वीं किस्त जारी करने से पहले कई राज्यों में लाभार्थी किसानों का मूल्यांकन किया गया है. देशभर में पात्रता जांचने के लिए मूल्यांकन, केवाईसी और डॉक्यूमेंट अपडेट करने की प्रक्रिया की गई है. हजारों की संख्या में अपात्र खाताधारक भी लाभ लेते पाए गए हैं, जिन्हें सत्यापन के बाद हटाया जा रहा है. इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि समेत अन्य योजनाओं का लाभ आसानी से पाने के लिए फार्मर आईडी अनिवार्य कर दिया है. ऐसे में कहा जा रहा है कि फार्मर आईडी जिन किसानों की नहीं बनी होगी वे आगामी पीएम किसान की 22वीं किस्त का लाभ पाने से वंचित हो सकते हैं. अकेले फतेहपुर जिले के 1.30 लाख पीएम सम्मान योजना के लाभार्थी किसानों पर इसी वजह से तलवार लटकी हुई है. वहीं, पूरे यूपी में लगभग 50 लाख किसान भी लाभ पाने से वंचित हो सकते हैं. हालांकि, सरकार ने कहा है कि वह तय समय से पहले सभी किसानों की फार्मर आईडी बना लेगी.
यूपी में 50 लाख किसानों पर लटकी तलवार
उत्तर प्रदेश सरकार ने पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ देने के लिए किसानों की फार्मर आईडी को अनिवार्य कर दिया है और 1 अप्रैल 2026 से यह नियम लागू भी हो जाएगा. ऐसे में यूपी के 50 लाख से ज्यादा किसान पीएम सम्मान योजना से वंचित हो सकते हैं, क्योंकि अब तक इन किसानों की फार्मर आईडी बनाने के लिए फार्मर रजिस्ट्री तक नहीं हुई है. यूपी सरकार के अनुसार करीब 1.67 करोड़ किसानों की फार्मर आईडी बनाई जा चुकी हैं. वहीं, राज्य में पीएम किसान निधि योजना पाने वाले किसानों की संख्या 2.34 करोड़ के करीब है. इसका मतलब है कि अभी भी 50 लाख से अधिक किसानों की फार्मर आईडी नहीं बनी है.
30 नवंबर तक कैसे पूरा होगा सभी किसानों की आईडी बनाने का काम
उत्तर प्रदेश कृषि विभाग के अनुसार राज्य में फार्मर आईडी बनाने के लिए किसानों की फार्मर रजिस्ट्री की प्रक्रिया तेज गति से चल रही है और हर दिन लगभग 55 हजार फार्मर रजिस्ट्री की जा रही हैं. राज्य सरकार ने 30 नवंबर की लास्ट डेट के साथ फार्मर आईडी बनाने का अभियान अक्तूबर में शुरू किया था. लास्ट डेट खत्म होने में अब लगभग एक सप्ताह का समय ही बचा है. लेकिन, अभी भी 50 लाख से ज्यादा किसानों की फार्मर आईडी बननी हैं. हालांकि, जिस तरह से जिलों को कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बीते दिनों हुई समीक्षा बैठक में टाइट किया है उस हिसाब से प्रक्रिया और तेज हो जाएगी तो संभव है कि 30 नवंबर तक यह प्रक्रिया पूरी कर ली जाए. लेकिन, वर्तमान आंकड़ों ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है.
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किसानों की फार्मर आईडी बनाने में सबसे पीछे चल रहे ये जिले
किसानों की फार्मर आईडी बनाने की प्रक्रिया उत्तर प्रदेश कुछ जिलों का धीमी चल रही है जो किसानों के लिए चिंताजनक है. उत्तर प्रदेश कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार सुल्तानपुर जिले में मात्र 49 फीसदी ही किसानों की फार्मर आईडी बनाने के लिए रजिस्ट्री की जा सकी हैं. इस अभियान राज्यों की जिलावार सूची में वह सबसे निचले यानी 75वें पायदान पर है. इसी तरह बलिया जिले में 50.23 फीसदी किसानों की फार्मर रजिस्ट्री हो सकी है. संत कबीर नगर जिले में 50.32 फीसदी, गोरखपुर 50.53 फीसदी और बागपत जिले में 51.04 फीसदी किसानों की फार्मर रजिस्ट्री हो पाई है.

फतेहपुर में 1.30 लाख किसान योजना से बाहर हो सकते हैं
यूपी के फतेहपुर जिले में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की 22वीं किस्त से लगभग 1 लाख 30 हजार किसान वंचित हो सकते हैं. जिले में वर्तमान में 3.72 लाख किसान योजना का लाभ ले रहे हैं, लेकिन इनमें से केवल 2.41 लाख किसानों ने ही अपनी फार्मर रजिस्ट्री करवाई है. बाकी 1.30 लाख किसानों की रजिस्ट्री अभी तक नहीं हुई है. उप संभागीय कृषि प्रसार अधिकारी रंजीत कुमार चौरसिया ने कहा कि 15 अक्टूबर से 15 नवंबर तक फार्मर रजिस्ट्री के लिए कैंप लगाया गया था, जिसे 24 नवंबर तक बढ़ा दिया गया है. कर्मचारियों को सूची दी गई है ताकि वे किसानों से सीधे संपर्क कर रजिस्ट्री करवा सकें. जिले में हेल्पडेस्क भी बनाया गया है, जिससे किसी किसान को रजिस्ट्री कराने में दिक्कत न आए.

फतेहपुर जिले के उप संभागीय कृषि प्रसार अधिकारी रंजीत कुमार चौरसिया. (वीडियो ग्रैब- प्रसार भारती)
कृषि अधिकारी ने बताया सरकार के स्पष्ट आदेश
फतेहपुर जिले के उप संभागीय कृषि प्रसार अधिकारी रंजीत कुमार चौरसिया ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने स्पष्ट किया है कि जिन किसानों की फार्मर रजिस्ट्री पूरी नहीं होगी, उन्हें अगली 22वीं किस्त नहीं दी जाएगी. विभाग ने किसानों को जागरूक करने के लिए विशेष अभियान चलाया है और डोर-टू-डोर जाकर रजिस्ट्री कराने के निर्देश भी दिए गए हैं. बता दें कि बीते दिनों फार्मर रजिस्ट्री अभियान की समीक्षा बैठक में कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने जिलों के अधिकारियों को फटकार लगाते हुए तेजी लाने या फिर कार्रवाई के लिए तैयार रहने की चेतावनी दी है.