Tamil Nadu News: तमिलनाडु में फसल नुकसान की मार झेल रहे किसानों के लिए राहत भरी खबर है. उनके खातों में अब फसल नुकसान की मुआवजा राशि एक महीने पहले ही पहुंच जाएगी. इससे वे रबी फसलों की बुवाई समय पर कर पाएंगे. क्योंकि कृषि मंत्री एमआरके पन्नीरसेल्वम ने फसल बीमा कंपनियों को निर्देश दिया कि मॉनसून के दौरान बारिश से हुई धान फसल की क्षति का मुआवजा जनवरी की बजाय दिसंबर से किसानों के बैंक खातों में सीधे भेजा जाए. मंत्री ने कहा कि कुरुवाई धान में उपज नुकसान का आकलन करने के लिए 18,520 फसल कटाई प्रयोग (crop-cutting experiments) योजना के तहत किए गए, जिनमें से 13,140 पूरे हो चुके हैं. बाकी आकलन पूरा होने के बाद ही मुआवजा भुगतान किया जाएगा.
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पन्नीरसेल्वम ने किसानों से कहा कि वे सांबा फसल का बीमा तुरंत कराएं, क्योंकि मौसम में बदलाव, कीट और बाढ़ जैसी घटनाओं से जोखिम रहता है. उन्होंने कहा कि कृष्णागिरी के किसान 31 अक्टूबर तक और थंजावुर, नागपट्टिनम, मयिलाडुथुरई, तिरुवरुर सहित 27 जिलों के किसान 27 नवंबर तक बीमा प्रक्रिया पूरी कर लें.
11.21 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा गया
खाद्य मंत्री आर. सक्करपानी ने धान खरीद में देरी के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि डेल्टा जिलों में 1,872 डायरेक्ट प्रोक्योरमेंट सेंटरों के जरिए अब तक 11.21 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा जा चुका है, जो कृषि विभाग के सितंबर-अक्टूबर के अनुमान 11.07 लाख टन से अधिक है. उन्होंने कहा कि डेल्टा जिलों से रोजाना लगभग 30,000 टन धान खरीदा जा रहा है और 1.45 लाख किसानों को 2,709 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है. अस्वस्थता के आरोपों पर मंत्री ने कहा कि DMK सरकार के कार्यकाल में 4.03 लाख टन क्षमता वाले धान भंडारण केंद्र बनाए जा चुके हैं, जबकि 3.4 लाख लाख टन क्षमता वाले गोदाम निर्माणाधीन हैं. 24 अक्टूबर को लगभग 21,000 लाख टन धान रेल से भेजा गया. मंत्री ने यह भी कहा कि केवल 58 दिनों में 11.21 लाख टन धान की खरीद पूरी हो चुकी है.
लगभग 10 एकड़ में धान की खेती की
वहीं, मदुरै जिले के किसानों ने कुरुवाई धान की खरीद के लिए डायरेक्ट प्रोक्योरमेंट सेंटर (DPC) खुलने में देरी पर चिंता जताई है. उन्होंने कहा कि 44 मंजूर केंद्रों में से केवल आधे ही चालू हैं, जिससे किसानों को अपनी धान बेचने के लिए कई दिनों तक इंतजार करना पड़ रहा है, जबकि उत्तर-पूर्वी मॉनसून का मौसम शुरू हो चुका है. थानिचियम गांव के किसान नल्लू ने कहा कि मैंने लगभग 10 एकड़ में धान की खेती की और पिछले हफ्ते लगभग 200 बोरियों की कटाई की, लेकिन थानिचियम DPC पर अभी तक खरीद शुरू नहीं हुई. अधिकारियों ने मजदूरों की कमी और अन्य कारण बताए. इसके कारण मुझे बाकी फसल की कटाई भी टालनी पड़ी.