बीते कई सालों से देश के बागान (प्लांटेशन) किसानों की एक मांग थी कि उन्हें भी प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए फसलों की तरह मौसम आधारित बीमा का लाभ मिलना चाहिए. अब आखिरकार केंद्र सरकार ने किसानों की इस मांग को सुन लिया है. खासकर चाय उत्पादक किसानों के लिए ये एक बहुत ही सुकून भरी खबर है.
अब चाय किसानों को मिलेगा मौसम आधारित बीमा
केंद्र सरकार ने पहली बार प्लांटेशन फसलों के लिए Restructured Weather Based Crop Insurance Scheme (RWBCIS) को लागू किया है. इस योजना के तहत अब चाय की खेती करने वाले किसान भी मौसम से जुड़ी तबाही जैसे भारी बारिश, सूखा, ओलावृष्टि या अत्यधिक ठंड से हुए नुकसान के लिए बीमा का दावा कर सकेंगे.
इस पहल के पहले चरण में बंगाल, असम और केरल जैसे बड़े चाय उत्पादक राज्यों को शामिल किया गया है. यानी इन राज्यों में चाय की खेती करने वाले किसान अब इस बीमा योजना से जुड़ सकते हैं.
विज्ञान पर आधारित बीमा शर्तें तैयार
कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने 10 जून को एक सर्कुलर जारी करते हुए बताया कि इस योजना को लागू करने के लिए राज्य सरकारों, वाणिज्य मंत्रालय के तहत आने वाले कमोडिटी बोर्ड्स, कोकोनट डेवलपमेंट बोर्ड, और अन्य हितधारकों के साथ मिलकर वैज्ञानिक आधार पर बीमा शर्तें तय की गई हैं. इससे बीमा पॉलिसी पारदर्शी, सस्ती और किसान हितैषी बनेगी.
निजी कंपनियों की भागीदारी भी होगी
राज्यों को 20 जून तक टेंडर प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया गया है, ताकि बीमा कंपनियों को योजना में शामिल किया जा सके और इस खरीफ सीजन से ही इसका लाभ किसानों को मिलने लगे.
छोटे चाय उत्पादकों ने जताई खुशी
CISTA (Confederation of Indian Small Tea Growers Associations) के अध्यक्ष बिजॉय गोपाल चक्रवर्ती ने इसे ऐतिहासिक फैसला बताया. उन्होंने कहा, “हम कई सालों से यह मांग कर रहे थे. पहली बार प्लांटेशन फसलों के लिए मौसम आधारित बीमा शुरू हुआ है, यह एक बहुत ही स्वागत योग्य कदम है.”
क्यों है यह योजना जरूरी?
चाय जैसी फसलें मौसम पर बहुत ज्यादा निर्भर होती हैं. एक हल्का सा बदलाव ज्यादा बारिश, कम धूप या पाला सीधे उत्पादन पर असर डालता है. ऐसे में छोटे किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है. अब बीमा योजना की मदद से वे अपने नुकसान की भरपाई कर पाएंगे.