टमाटर फसल में खाद की टाइमिंग है जरूरी, स्वादिष्ट और बड़े फलों से लद जाएगा पौधा
टमाटर के पौधे में खाद डालने के लिए किसान जैविक खाद का इस्तेमाल कर सकते हैं. किसानों के लिए बेहद जरूरी है कि वे खाद डालने के लिए सही समय का चुनाव करें.
मॉनसून सीजन की शुरुआत होते ही किसान टमाटर की खेती शुरु कर देते हैं. टमाटर भारतीय रसोई का एक अभिन्न हिस्सा है जिसकी मांग बाजार में सालभर बनी रहती है. यही कारण है कि किसान बड़े पैमाने पर इसकी खेती करते हैं. लेकिन कई बार सही देखभाल के बाद भी किसानों की टमाटर की फसल में मन मुताबिक फल नहीं लगते. ऐसे में किसानों को इस बात का खास ध्यान रखना चाहिए कि फसल को सही और पर्याप्त मात्रा में खाद जरूर दें.
टमाटर की खेती आमतौर पर साल में दो बार की जाती है. एक जुलाई-अगस्त से शुरू होकर फरवरी-मार्च तक चलता है और दूसरा नवंबर-दिसंबर से शुरू होकर जून-जुलाई तक चलता है. ऐसे में टमाटर के पौधों से अच्छी पैदावार लेने के लिए जरूरी है कि किसान खाद डालने की सारी जानकारी जरूर जुटा लें.
मिट्टी की जांच है जरूरी
टमाटर के पौधों में खाद डालने से पहले जरूरी है कि किसान खेत की मिट्टी की जांच जरूर कर लें. मिट्टी की जांच से किसानों को अंदाजा लग जाएगा कि उनके खेत में लगे टमाटर के पौधों को खाद की जरूरत है या नहीं. अगर है तो कौन से खाद कि जरूरत है. बता दें कि, टमाटर की खेती के लिए सबसे अच्छी मिट्टी वो होती है जिसका pH मान 6.2 से 6.8 के बीच का होना चाहिए. मिट्टी की जांच के बाद निकले परिणाम के अनुसार किसान पौधों में खाद डालने की तैयारी करें.
खाद डालने का सही समय
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, टमाटर के पौधे में खाद डालने का समय भी बेहज महत्वपूर्ण होता है. किसानों के लिए बेहद जरूरी है कि वे खाद डालने के लिए सही समय का चुनाव करें. टमाटर के पौधे में खाद डालने के लिए समय को 4 भागों में बांटना जरूरी है. खाद को डालने के लिए आपको अपने पौधों के अंकुरण, रोपाई, फूल आने और फल लगने के समय पर ध्यान देना होगा. चरणबद्ध तरीके से खाद डालने पर टमाटर की फसल से अच्छी पैदावार होगी और पौधा टमाटर के फलों से लद जाएगा.
जैविक खाद का करें इस्तेमाल
टमाटर के पौधे में खाद डालने के लिए किसान जैविक खाद का इस्तेमाल कर सकते हैं. मिट्टी की बनावट को सुधारने के लिए जरूरी है कि आप 8 से 10 टन गोबर की खाद का इस्तेमाल करें. साथ ही मिट्टी में सूक्ष्म जीवों का गतिविधि बढ़ाने के लिए 1 से 2 टन वर्मीकंपोस्ट का इस्तेमाल कर सकते हैं. किसान चाहें तो कीटों और रोगों से फसल की सुरक्षा के लिए खेत में 100 से 150 किलोग्राम नीम खली भी डाल सकते हैं. टमाटर के फलों में फफूंद न लगे , इसके लिए फसल में जैविक खाद में ट्राइकोडर्मा मिलाकर डालें.