Tamil Nadu News: तमिलनाडु के नमक्कल में शुगर क्रशिंग सीजन मध्य नवंबर से शुरू होने वाला है. इस साल लगभग एक लाख टन गन्ना सलेम कोऑपरेटिव शुगर मिल्स लिमिटेड में प्रोसेसिंग के लिए रजिस्टर्ड है. इसके अलावा, स्पॉट रजिस्ट्रेशन के जरिए 25,000 टन और गन्ना आने की उम्मीद है, जिससे किसानों को अधिक मुनाफे की उम्मीद है. मिल की क्रशिंग क्षमता चार लाख टन है और यह 40 दिन के अभियान में रोजाना लगभग 2,500 टन गन्ना प्रोसेस करेगी. प्रबंध निदेशक आर. कुष्णामी ने कहा कि जेडरपलायम, परामथी वेलुर, मोहनूर और सेंथमंगलम क्षेत्र नमक्कल में मुख्य आपूर्ति क्षेत्र बने हुए हैं.
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, बीते वर्षों में गन्ना की खेती और मिल को आपूर्ति 2017 में चार लाख टन के पीक से काफी घट गई है. पहले केवल रजिस्टर्ड किसान ही गन्ना सप्लाई कर सकते थे, लेकिन इस साल स्पॉट रजिस्ट्रेशन भी खोला गया है, ताकि अधिक किसान भाग ले सकें. कुष्णामी ने कहा कि इस साल समर्थन मूल्य 4,000 रुपये प्रति टन होने की उम्मीद है, जबकि पिछले साल किसानों को 3,500 रुपये प्रति टन भुगतान किया गया था.
भुगतान में देरी की वजह से किसान सतर्क
हालांकि, किसान पिछले साल के भुगतान में देरी की वजह से अभी भी सतर्क हैं. विवासाय मुननेटरा कझगम के महासचिव के. बालासुब्रमण्यम ने कहा कि हम केवल तभी कीमत पर भरोसा करेंगे जब भुगतान सही समय पर आए. पिछले सीजन में इसमें चार महीने तक लग गए थे, जिससे अनिश्चितता बढ़ गई और कई किसान दूसरी फसलों की ओर चले गए.
रिकवरी दर 8.5-9 फीसदी तक बढ़ने की उम्मीद
कृष्णामूर्ति ने कहा कि पिछले साल रिकवरी दर उम्मीद से कम थी, इसलिए मुनाफा नहीं हुआ. केवल 75,000 टन गन्ना प्रोसेस हुआ, जिससे लगभग 5,250 टन चीनी मिली. किसानों को भुगतान सरकार से फंड आने के बाद ही किया जा सका. इस साल हम अधिक गन्ना क्रश करेंगे और बेहतर रिकवरी दर होने की उम्मीद है, इसलिए भुगतान क्रशिंग के बाद जल्दी करने की योजना है. पिछले साल रिकवरी दर लगभग 7 फीसदी रही थी, जो मिल की 1964 में लगी पुरानी मशीनरी की वजह से कम थी. 2 करोड़ रुपये की मशीनरी अपडेट के बाद, रिकवरी दर 8.5-9 फीसदी तक बढ़ने की उम्मीद है.
हरियाणा में गन्ना पेराई सीजन
बता दें कि हरियाणा में भी गन्ना पेराई सीजन 1 नवंबर से शुरू होने जा रहा है. इससे पहले ही हरियाणा सरकार ने दिवाली का तोहफा देते हुए गन्ना किसानों के लिए गन्ना मूल्य को बढ़ाने की घोषणा की थी. इस घोषणा के साथ ही देश में सबसे ज्यादा गन्ना मूल्य देने वाला राज्य हरियाणा बन गया. जबकि, हरियाणा प्रमुख गन्ना उत्पादक राज्यों की सूची में 5वें नंबर से भी पीछे है.