गर आप किसान हैं और अगस्त के महीने में कोई ऐसी फसल लगाना चाहते हैं जिससे कम लागत में जबरदस्त मुनाफा हो, तो आयुर्वेदिक दवाओं में काम आने वाली अश्वगंधा की खेती आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकती है. खास बात यह है कि इसे उपजाऊ जमीन की भी जरूरत नहीं होती, फसल बंजर, सूखी या कम पोषण वाली भूमि में भी अच्छी पैदावार देती है.
क्यों करें अश्वगंधा की खेती?
अश्वगंधा एक जानी-मानी औषधीय फसल है, जिसका उपयोग कई तरह की आयुर्वेदिक दवाओं, टॉनिक और स्वास्थ्यवर्धक चूर्णों में किया जाता है. इसकी जड़ों से तैयार उत्पादों की मांग देश ही नहीं, विदेशों में भी तेजी से बढ़ रही है. ऐसे में किसान इसे उगाकर अच्छा पैसा कमा सकते हैं.
कौन सी किस्म सबसे बेहतर?
आज हम बात कर रहे हैं जवाहर अश्वगंधा-20 नाम की एक खास वैरायटी की, जो अश्वगंधा की सबसे ज्यादा उपज देने वाली किस्मों में से एक मानी जाती है. इस किस्म की खासियत यह है कि पौधे छोटे और घने होते हैं जिससे एक हेक्टेयर में ज्यादा रोपाई की जा सकती है. इसके साथ ही यह रोग प्रतिरोधी है और इसे ज्यादा देखभाल की जरूरत नहीं पड़ती. वहीं, इसकी जड़ों में औषधीय गुण बहुत ज्यादा पाए जाते हैं.
खेती कैसे करें?
मिट्टी का रखें ध्यान
इस फसल की खेती के लिए हल्की दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त मानी जाती है. ध्यान रखें कि खेत में पानी का जमाव बिल्कुल न हो, वरना बीज सड़ सकते हैं या पौधों की जड़ें गल सकती हैं. अगर आपकी जमीन बहुत भारी है या पानी रुकने की आशंका है, तो ड्रेनेज की व्यवस्था जरूर करें.
खेत की तैयारी ऐसे करें
बुवाई से पहले खेत को अच्छी तरह तैयार करना बहुत जरूरी है. इसके लिए खेत की 2 से 3 बार जुताई करें ताकि मिट्टी भुरभुरी और समतल हो जाए. उसके बाद पाटा चलाकर मिट्टी को बराबर कर लें, जिससे नमी बनी रहे और बीज अच्छे से जमें.
बीजों का उपचार जरूर करें
फसल को बीमारियों से बचाने के लिए बुवाई से पहले बीजों को नीम के पत्तों के अर्क में भिगोकर उपचारित करना फायदेमंद होता है. इससे बीज फंगल संक्रमण या अन्य बीमारियों से सुरक्षित रहते हैं.
बुवाई का सही समय
इस फसल की बुवाई का सबसे अच्छा समय अगस्त महीना होता है. इस दौरान वातावरण में पर्याप्त नमी रहती है, जो बीजों के अंकुरण और शुरुआती बढ़त के लिए अनुकूल होती है.
बीज बोने की दूरी का रखें ध्यान
पौधे से पौधे की दूरी: 8 से 10 सेंटीमीटर
पंक्ति से पंक्ति की दूरी: 20 से 25 सेंटीमीटर
सही दूरी पर बोने से पौधों को पर्याप्त पोषक तत्व, धूप और हवा मिलती है जिससे उत्पादन अच्छा होता है.
कब तैयार होती है फसल?
इस फसल को पकने में करीब 180 दिन यानी लगभग 6 महीने का समय लगता है. यदि आप समय पर बुवाई और उचित देखरेख करते हैं, तो अच्छी उपज मिलने की पूरी संभावना रहती है.
कितनी होगी कमाई?
एक हेक्टेयर में यदि आप जवाहर अश्वगंधा-20 वैरायटी की खेती करते हैं, तो आपको लगभग 1500 से 2000 किलो सूखी जड़ें प्राप्त हो सकती हैं. बाजार में इसकी कीमत और मांग को देखते हुए आप एक सीजन में लाखों रुपये की कमाई कर सकते हैं. अश्वगंधा की जड़ों में औषधीय तत्व विथेनालाइड की मात्रा भी अधिक होती है, जिससे इसकी गुणवत्ता और कीमत और बढ़ जाती है.