15 जून से पहले धान की रोपाई करने पर होगी कार्रवाई, देना पड़ेगा 10000 रुपये हेक्टेयर जुर्माना

प्रत्येक जिले में कृषि उप निदेशक (डीडीए) अपने अधिकार क्षेत्र में समय से पहले रोपाई को रोकने के लिए जिम्मेदार हैं. डीडीए द्वारा गठित निगरानी टीमें न केवल नर्सरी और धान के खेतों का निरीक्षण करती हैं, बल्कि किसानों को भूजल संसाधनों पर समय से पहले रोपाई के नकारात्मक प्रभाव के बारे में शिक्षित भी करती हैं.

वेंकटेश कुमार
नोएडा | Updated On: 19 May, 2025 | 11:22 AM

हरियाणा में गिरते भूजल स्तर को रोकने के लिए राज्य सरकार सख्त हो गई है. इसके लिए किसानों को धान की जगह अन्य फसलों की खेती करने की सलाह दी जा रही है. साथ ही समय से पहले यानी जल्दी धान की रोपाई पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा हुआ है. क्योंकि भूजल स्तर तेजी से नीचे गिर रहा है, इसलिए सरकार ने यह कदम उठाया है. कृषि एवं किसान कल्याण विभाग लगातार निगरानी कर रहा है, ताकि कोई भी किसान 15 जून से पहले धान की रोपाई न करे. हरियाणा के गांवों में कृषि पर्यवेक्षक, कृषि विकास अधिकारी (ADO) और ब्लॉक कृषि अधिकारी (BAO) की टीमें तैनात की गई हैं. ये टीमें किसानों को जागरूक कर रही हैं और समय से पहले धान रोपाई रोकने का काम कर रही हैं. इसके बावजूद भी कोई धान की रोपाई करता है, तो उसके उपर जुर्माना लगाया जाएगा.

समय से पहले धान की रोपाई पर रोक इसलिए लगाई गई है, क्योंकि इससे तीन गुना ज्यादा पानी लगता है. गर्मियों में मॉनसून आने से पहले तेज गर्मी के कारण पानी जल्दी सूखता है और किसान नलकूपों से पानी लेकर सिंचाई करते हैं. इससे भूमिगत जल का स्तर और तेजी से गिरता है, जो कि हरियाणा के लिए बड़ी चिंता है.

10,000 रुपये प्रति हेक्टेयर जुर्माना

यह प्रतिबंध हरियाणा उप-मिट्टी जल संरक्षण अधिनियम, 2009 (HPSWA) के तहत लागू किया गया है. इसके अनुसार 15 मई से पहले धान की नर्सरी लगाना और 15 जून से पहले रोपाई करना पूरी तरह से मना है. यदि कोई किसान नियम तोड़ता है, तो फसल नष्ट की जा सकती है. साथ ही 10,000 रुपये प्रति हेक्टेयर प्रति महीना जुर्माना लगता है. साथ ही नुकसान का खर्चा भी किसान से वसूला जाएगा.

बहुत तेजी से गिर रहा पानी का स्तर

हालांकि पूरा हरियाणा निगरानी में है, लेकिन जिन ब्लॉकों में पानी का स्तर बहुत तेजी से गिर रहा है, वहां पर अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है. इन अत्यधिक दोहन वाले क्षेत्रों को उच्च प्राथमिकता वाले क्षेत्र घोषित किया गया है. इन जगहों पर अतिरिक्त टीमें तैनात की गई हैं जो धान की गतिविधियों पर नजर रख रही हैं और किसानों को जागरूक भी कर रही हैं.

डीडीए को है जुर्माना लगाने का अधिकार

प्रत्येक जिले में कृषि उप निदेशक (डीडीए) अपने अधिकार क्षेत्र में समय से पहले रोपाई को रोकने के लिए जिम्मेदार हैं. डीडीए द्वारा गठित निगरानी टीमें न केवल नर्सरी और धान के खेतों का निरीक्षण करती हैं, बल्कि किसानों को भूजल संसाधनों पर समय से पहले रोपाई के नकारात्मक प्रभाव के बारे में शिक्षित भी करती हैं. टीमों के पास समय से पहले बोई गई फसलों को नष्ट करने और उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना लगाने का अधिकार है.

 

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Published: 19 May, 2025 | 11:16 AM

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