लहसुन के गिरते दामों ने उपभोक्ताओं को तो राहत की सांस दी है लेकिन देशभर में लहसुन की खेती करने वाले किसान मायूस हैं. उन्होंने बहुत उम्मीद से लहसुन की फसल लगाई थी लेकिन इस बार बंपर पैदावार के कारण बाजार में लहसुन की कीमत बहुत कम हो गई है. जिसके कारण किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ा रहा है. यहां तक किसानों का लहसुन की खेती में लगाई गई लागत को निकालना भी मुश्किल हो गया है. बता दें कि हिमाचल प्रदेश के जिले कुल्लू में लहसुन की खेती करने वाले किसान बहुत परेशान है. उनकी बढ़ती हुई चिंता का कारण ये भी है कि अभी तक अन्य राज्यों के व्यापारियों ने उनसे लहसुन की खरीद नहीं की है.
30 से 90 रुपये किग्रा बिक रहा लहसुन
कभी 250 रुपये किग्रा तक बिकने वाले लहसुन आज कुल्लू की मंडियों में मात्र 30 रुपये से 90 रुपये किग्रा में बिक रहा है. बंपर पैदावार के कारण लहसुन की कीमतों में आई गिरावट के कारण किसानों को आर्थिक मार का सामना करना पड़ रहा है. यहां तक कि किसानों को लागत निकालना भी मुश्किल हो गया है. किसानों और व्यापारियों के बीच लहसुन की खरीद कराने वाले स्थानीय आढ़ती बताते हैं कि पिछले साल की तुलना में इस साल लहसुन के दामों में भारी गिरावट आई है, इस बार लहसुन के दामों में बढ़ोतरी की संभावना नहीं लग रही है.
अलग-अलग मंडियों में लहसुन की कीमत
बात करें अगर 1 जून से 16 जून के बीच लहसुन के मंडी भाव की तो कुछ मंडियों में लहसुन की कीमतों में उतार-चढ़ाव देखने को मिला, जैसे-
- शाजापुर जिले की आगर मंडी में 4 जून को लहसुन की न्यूनतम कीमत 1601 रुपये प्रति क्विंटल थी तो अधिकतम कीमत 8700 रुपये प्रति क्विंटल थी. वहीं 10 जून को शाजापुर की आगर मंडी में लहसुन की कीमत में गिराव देखने को मिला. लहसुन की न्यूनतम कीमत मात्र 500 रुपये प्रति क्विंटल और अधिकतम कीमत केवल 6020 रुपये प्रति क्विंटल थी.
- बात करें तमिलनाडु के थेनी जिले की अंडिपट्टी मंडी की तो 1 जून 2025 को यहां लहसुन का न्यूनतम और अधिकतम मंडी रेट 1800 रुपये प्रति क्विंटल था. जबकि दो दिन बाद 3 जून 2025 को लहसुन के मंडी रेट में कोई बदलाव देखने को नहीं मिला.

Different Mandi Rate of Garlic
इस साल नहीं मिलेगा लहसुन का अच्छा दाम
हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले के स्थानीय अढ़ातियों का कहना है कि पिछले साल के मुकाबले इस साल यहां के किसानों ने लहसुन के काफी महंगे बीज खरीदे थे. लेकिन अब लहसुन की कीमतों में आई भारी गिरावट ने किसानों को हताश कर दिया है.