युवा किसान ने नौकरी छोड़ थामा प्राकृतिक खेती का हाथ, 12 महीने में करते हैं 14 लाख की कमाई

छगन लाल खेती और पशुपालन से सालाना 14 लाख तक की शुद्ध कमाई कर रहे हैं. छगन लाल बताते हैं कि वे खुश हैं, आज उन्होंने अपने छोटे से मकान को बड़े घर में बदल दिया है बच्चे अच्छे से पढ़ रहे हैं और उनके कई सपने भी पूरे हो रहे हैं.

नोएडा | Updated On: 16 Jun, 2025 | 12:11 PM

कहते हैं कि अगर मेहनत पूरी ईमानदारी से की जाए तो खुली आंखों से देखे हुए सपने जरूर पूरे होते हैं. कुछ ऐसा ही कर दिखाया आज के हमारे चैंपियन किसान ने, जिन्होंने खेती को अपने सपने पूरा करने का जरिया बनाया और आज उस खेती से लाखों की कमाई कर रहे हैं. दरअसल, हमारी चैंपियन किसान की सीरीज में आज हम बात कर रहे हैं राजस्थान के बाड़मेर जिले के रहने वाले किसान छगन लाल गोयल की, जो सब्जियों की खेती, बागवानी और पशु पालन से न केवल अच्छी कमाई कर रहे हैं बल्कि अपने आस पास के किसानों को भी जैविक और प्राकृतिक खेती करने के लिए बढ़ावा दे रहे हैं.

पिता की सेवा के लिए छोड़ी नौकरी

आज के चैंपियन सीरीज के किसान छगन लाल गोयल राजस्थान के बाडमेर जिले गुड़ामालानी के रहने वाले हैं. किसान इंडिया से बातचीत के दौरान छगन लाल ने बताया कि वे अपनी पढ़ाई-लिखाई पूरी कर दूसरे शहर में नौकरी कर रहे थे लेकिन उसी दौरान उनके पिता जी की सेहत बिगड़ी और अपने पिता की सेवा करने के लिए वे वापस अपने गांव आ गए ताकि वे घर पर रहकर अपने पिता की अच्छे से सेवा कर सकें.

उन्होंने बताया कि उस दौरान उन्हें बहुत सारी आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ा. जिसके बाद अपने कुछ करीबियों की सलाह मानकर उन्होंने खेती-किसानी का हाथ थामा और उसे ही अपनी कमाई का जरिया बनाया. हालांकि छगन लाल के घर पर पहले से भी खेती ही होती थी लेकिन छगन लाल ने खेती को नए तरीके से अपनाया.

2014 में की खेती की शुरुआत

साल 2014 में महज 27 साल की उम्र में छगन लाल गोयल ने खेती की शुरुआत की, वे बताते हैं कि उन्होंने ऐसे बहुत से सपने देखे थे जिन्हें पूरा करने में खेती-किसानी ने उनकी बहुत मदद की. उन्होंने भले ही पिता की बीमारी के दौरान खेती की शुरुआत की हो लेकिन उन्होंने पूरे मन से खेती को अपनाया, उसे ही अपनी कमाई और अपने सपने पूरे करने का साधन बनाया. किसान छगन लाल बताते हैं कि खेती-किसानी के उनके इस सफर में उनके पूरे परिवार ने उनका साथ दिया और पूरा परिवार मिलकर खेती -किसानी के कामों में मदद करता है.

प्राकृतिक और जैविक खेती का थामा हाथ

किसान छगन लाल सब्जियों की खेती के साथ-साथ बागवानी भी करते हैं. वे बताते हैं कि वे 3 हेक्टेयर जमीन पर बड़े पैमाने पर सब्जियों की खेती करते हैं , साथ ही बागवानी भी करते हैं जिसमें मोरिंगा जैसी फसलें उगाते हैं. छगन लाल बताते हैं कि उन्होंने पारंपरिक खेती को पूरी तरह से प्राकृतिक और जैविक खेती का रूप दे दिया है. वे न केवल प्राकृतिक तरीकों से फसलों की बुवाई करते हैं बल्कि खाद से लेकर कीटनाशक तक, वे ये सारी चीजें भी अपने आप बनाकर उनका इस्तेमाल करते हैं.

वे बताते हैं कि वे अपनी फसलों पर बाजार से खरीदे हुए किसी भी तरह के केमिकल का इस्तेमाल नहीं करते हैं. वे अपने खेतों में मल्चिंग विधि का इस्तेमाल कर बैंगन, मिर्च, गोभी, टमाटर, मूली, पालक जैसी सब्जियों की खेती करते हैं.

खेती के साथ करते हैं पशुपालन

खेती-किसानी के साथ-साथ किसान छगन लाल गोयल पशुपालन भी करते हैं, उन्होंने 4 गायों को पाल रखा है जिनसे मिलने वाले दूध का इस्तेमाल वे अपने घरेलू काम के लिए करते हैं. गाय के दूध का शुद्ध घी बनाकर उसे खाने में इस्तेमाल करते हैं. गाय के गोबर का इस्तेमाल घरेलू जैविक खाद बनाने के साथ-साथ बायो गैस बनाने के लिए भी करते हैं.

बता दें गाय के गोबर से बनी खाद का इस्तेमाल वे खुद तो करते ही हैं साथ ही उसे बाजार में बेचकर उससे भी कमाई करते हैं. इसके अलावा छगन लाल के पास 70 बकरियां भी हैं, वे बताते हैं कि उन्होंने 4 बकरियों से शुरुआत की थी और आज उनके पास 70 बकरियां हैं.

Rajasthan Farmer

Animal Husbandry (Pashupalan)

खेती के लिए ली कई तरह की ट्रेनिंग

आज के हमारे चैंपियन किसान छगन लाल गोयल बताते हैं कि इतने बड़े पैमाने पर खेती करना उनके लिए आसान नहीं था. खेती को हर तरह से सफल बनाने के लिए उन्होंने खेती में कई तरह की ट्रेनिंग ली हैं. जैसे उन्होंने हरियाणा के करनाल से पशुपालन, डेयरी और वैज्ञानिक तरीकों से खेती करने में ट्रेनिंग ली है. इसके साथ ही उन्होंने हिमाचल प्रदेश से मशरूम की खेती और भेड़पालन में ट्रेनिंग ली है. साथ ही छगन लाल अपने खेत में प्रयोग करते रहते हैं. वे बताते हैं कि बाजार में ब्रोकली की बढ़ती मांग के चलते पिछले साल उन्होंने आगरा से ब्रोकली के बीज मंगवा कर ब्रोकली की खेती की थी जिससे उन्हें अच्छी पैदावार मिली थी.

सरकारी योजनाओं का उठा रहे लाभ

किसान छगन लाल बताते हैं कि वे किसानों के लिए सरकार की ओर से चलाई जा रही सभी योजनाओं को लेकर जागरुक भी हैं और उनका फायदा भी उठाते हैं. उन्होंने बताया कि सरकारी योजना की मदद से ही उन्होंने अपने गांव में एक एफपीओ की भी शुरुआत की है. जिसके तहत अभी तक उनसे 50 किसान जुड़े हुए हैं लेकिन वे बताते हैं कि साल 2026-27 के दौरान उनका लक्ष्य है कि वे 1 हजार किसानों को अपने साथ जोड़ें और उन्हें पूरी तरह से प्राकृतिक और जैविक खेती करने के लिए बढ़ावा दें. छगन लाल बताते हैं कि खेती से उनको जो सफलता और आमदनी मिली है उसे देखकर आस-पास के किसान भी अब उन्हीं की तरह वापस खेती की तरफ अपना रुख कर रहे हैं और अच्छी कमाई कर रहे हैं.

Success Story

FPO by Chagan Lal Goyal

पानी की समस्या का निकाला समाधान

राजस्थान का बाडमेर जिला एक रेगिस्तानी इलाका है जहां पानी की बहुत ज्यादा कमी है. पानी की इस समस्या को दूर करने के लिए छगन लाल ने 5 टांके बनवाएं हैं यानी मिट्टी की गहराई में गड्ढा खोदकर उसको सीमेंट के ढक्कन से ढक दिया है. इन टांकों में वे बारिश का पानी स्टोर करते हैं. वे बताते हैं कि एक टांके में करीब 40 हजार लीटर पानी स्टोर किया जा सकता है. इसके अलावा छगन लाल ने अपने गांव में 3 खेत तालाब भी बनवाए हैं, जिसके पीछे उनका उद्देश्य मात्र सेवा भाव है. वे बताते हैं कि गांव में घूमने वाले आवारा पशुओं के लिए उन्होंने इन खेत तालाबों का निर्माण करवाया है.

मिल चुके हैं कई सम्मान

खेती में अपने योगदान के लिए आस-पास के लोग छगन लाल से प्रेरणा लेते हैं और साथ ही किसान छगन लाल गोयल को कई सम्मानों से भी नवाजा जा चुका है. आधुनिक तकनीक से पशुपालन करने के लिए उन्हें राज्य स्तरीय पशुपालक सम्मान मिल चुका है. इसके अलावा भी उन्हें कई पंचायत स्तर और राज्य स्तर के सम्मान भी मिल चुके हैं. छगन लाल अपने बच्चों को भी कृषि क्षेत्र में ही आगे बढ़ा रहे हैं. उनके बच्चे भी कृषि क्षेत्र में पढ़ाई कर रहे हैं, उनका मानना है कि बच्चे पढ़ाई-लिखाई की मदद से देश-विदेश में कृषि से जुड़ी तकनीकों का इस्तेमाल कर खेती को और बेहतर बना सकते हैं.

Champion Kisan

Farmer Chagan Lal Goyal

14 लाख तक होती है सालान कमाई

किसान इंडिया से बात करते हुए छगन लाल गोयल ने बताया कि वे सब्जियों की खेती और बागवानी से, खास तौर पर बैंगन, मिर्च और टमाटर की फसल से सालाना 8 लाख तक कमाई कर लेते हैं. इसके अलावा एक बकरी को बेचने पर उन्हें औसतन 8 हजार रुपये मिलते हैं जिससे बकरीपालन से उन्हें सालाना करीब 6 लाख तक की कमाई होती है. साथ ही गाय की गोबर से बनी जैविक खाद को बेचकर छगन लाल करीब 40 हजार रुपये कमा लेते हैं. यानी मोटे तौर पर देखा जाए तो छगन लाल खेती और पशुपालन से सालाना 14 लाख तक की शुद्ध कमाई कर रहे हैं. छगन लाल बताते हैं कि वे खुश हैं , आज उन्होंने अपने छोटे से मकान को बड़े घर में बदल दिया है बच्चे अच्छे से पढ़ रहे हैं और उनके कई सपने भी पूरे हो रहे हैं.

प्रेरणा देती है छगन लाल की कहानी

हमारे आज के चैंपियन किसान छगन लाल गोयल की कहानी इस बात का जीता-जागता उदाहरण है कि काम कोई भी हो अगर मेहनत और लगन से किया जाए तो उसमें सफलता जरूर मिलती है. ऐसे किसान जो खेती से विमुख हो गए हैं या ऐसे युवा जो खेती में दिलचस्पी रखते हैं लेकिन समझ नहीं पा रहे कि शुरुआत कहां से करें, उनके लिए किसान छगन लाल की कहानी किसा प्रेरणा से कम नहीं है.

Published: 16 Jun, 2025 | 10:00 AM