‘सुपरफूड’ कहलाती है खरीफ सीजन की ये फसल, बाजार से 103 रुपये कम कीमत पर खरीदें बीज

रागी पोषक तत्वों का भंडार है. इसके सेवन से स्वास्थ्य संबंधी बहुत से फायदे होते हैं. यही कारण है कि रागी को सुपरफूड माना जाता है. बाजार में रागी की मांग सालभर रहती है. इसकी खेती भी किसान बड़े पैमाने पर करते हैं.

नोएडा | Published: 24 May, 2025 | 11:09 AM

रागी (Ragi) मोटे अनाज की फसलों में प्रमुख फसल है. जिसकी खेती खरीफ सीजन में की जाती है. रागी में मौजूद पोषक तत्व इसे काफी लोकप्रिय बनाते हैं. सेहत के लिहाज रागी बेहद ही फायदेमंद होती है इसलिए इसको ‘सुपरफूड’ भी कहा जाता है. बाजार में भी इसकी मांग सालभर रहती है. देश के कुछ हिस्सों में किसान इसकी खेती बड़े पैमाने पर करते हैं. इससे किसानों को अच्छा मुनाफा भी होता है. अगर इस खरीफ सीजन किसान रागी की खेती करना चाहते हैं तो बता दें कि सरकार बाजार से कम कीमतों पर रागी की उन्नत किस्म VL- 376 के बीज उपलब्ध करा रहा है. खबर में आगे जानेंगे कि किसान बीज कहां से खरीद सकते हैं.

बीज निगम से सस्ते में खरीदें

रागी की खेती के लिए किसान राष्ट्रीय बीज निगम (NSC) की आधिकारिक ऑनलाइन पोर्टल पर जाकर रागी VL-376 के बीज मंगवा सकते हैं. बता दें कि बाजार में रागी के बीजों का 5 किग्रा का पैकेट 525 रुपये का है जबकि बीज निगम यही पैकेट मार् 422 रुपये में उपलब्ध करा रहा है. सानी सीधा-सीधा 103 रुपये का अंतर. राष्ट्रीय बीज निगम रागी के बीज का 5 किग्रा का पैकेट खरीदने पर एक टी-शर्ट मुफ्त दे रही है.यह ऑफर 28 मई तक चलेगा.

National Seed Corporation

Ragi VL-376 seeds

ऑनलाइन ऐसे मंगवाएं

रागी की इस किस्म के बीज मंगवाने के लिए किसान सबसे पहले राष्ट्रीय बीज निगम के ऑनलाइन पोर्टल https://www.mystore.in/ पर जाएं. इसके बाद सर्च बॉक्स में रागी VL- 376 को सर्च करें. अगले पेज पर रागी की इस किस्म की सारी डीटेल खुल जाएंगी. पेज पर दिए ‘एड टू कार्ट’ पर क्लिक करें. उसके बाद कार्ट में जाकर ‘चेकआउट ‘ बटन पर क्लिक कर दें. पेमेंट के बाद 4-5 दिन में बीज आपके घर पहुंच जाएंगे.

रागी की इस किस्म की खासियत

रागी की इस उन्नत किस्म को विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा द्वारा विकसित किया गया था. इसकी फसल बुवाई के करीब 100 से 120 दिन में तैयार हो जाती है. अगर इसकी खेती अनुकूल मौसम में की जाए तो इसकी प्रति हेक्टेयर फसल से किसान 30 क्विंटल तक पैदावार कर सकते हैं. साथ ही यह किस्म ब्लास्ट रोग और झुलसा रोग के प्रतिरोधी है. इसकी एक और खासियत है कि इसकी फसल गिरती नहीं है जिसके कारण इसकी कटाई आसान होती है.