किसान अपनी फसलों से अच्छा उत्पादन और कमाई पाने के लिए नए -नए प्रयोग करते रहते हैं. खेती के अलग-अलग तरीकों से किसान फसलों का उत्पादन करते हैं. ऐसा ही कुछ कर दिखाया है बिहार के अररिया जिले के समदा गांव के किसानों ने. इन किसानों ने मूंगफली की खेती कर गांव की बंजर जमीन को पूरी तरह से उपजाऊ बना दिया है. यही नहीं यहां मूंगफली की खेती के साथ-साथ कई अन्य फसलों की भी खेती होती है.
इंटरक्रॉपिंग खेती से कर रहे दोगुनी कमाई
बिहार कृषि विभाग ने सोशल मीडिया पर जानकारी देते हुए बताया कि अररिया जिले के इस गांव की जमीन बंजर थी. यहां कोई खेती नहीं होती थी. लेकिन आज यहां कि किसान इस जमीन पर मूंगफली की खेती बड़े पैमाने पर कर रहे हैं. किसानों ने मूंगफली को इंटरक्रॉप के रूप में इस्तेमाल कर एक ही खेत में मक्का और अन्य सब्जियों की खेती कर रहे हैं. ऐसा करने से मिट्टी की उपजाऊ क्षमता में सुधार आया है और साथ ही किसानों की आमदनी भी दोगुनी हो गई है.
60 हजार तक कमा रहे किसान
समदा गांव के किसान बताते हैं कि मूंगफली की खेती के अलावा किसान मक्का की खेती से भी दोगुना उत्पादन कर रहे हैं. जानकारी के अनुसार पहले प्रति एकड़ जमीन पर मक्का की 24 से 25 क्विंटल पैदावार होती थी, लेकिन आज ये पैदावार बढ़कर 48 से 50 क्विटल प्रति एकड़ पहुंच गई है. मूंगफली की खेती में किसानों को 15 हजार की कुल लागत लगानी पड़ रही है जिसके ऐवज में उन्हें 50 से 60 हजार रुपये प्रति एकड़ की आमदनी हो रही है.
मूंगफली की खेती पर जोर
बता दें कि बिहार में सरकार की योजनाओं के तहत मूंगफली की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है. जिसके लिए किसानों को प्रमाणित बीज भी दिए जा रहे हैं. इसके साथ ही किसानों को सही तरीके से मूंगफली की खेती करने की ट्रेनिंग भी दी जा रही है. जिससे न केवल बिहार के कृषि क्षेत्र का विस्तार और सुधार हो रहा है बल्कि किसानों को भी दोगुनी कमाई मिल रही है. एक्सपर्ट्स बताते हैं कि मूंगफली की खेती को टिकाऊ कृषि प्रणाली में शामिल किया जा सकता है. ऐसा करने से जैव विविधता तो बढ़ेगी ही , साथ में मिट्टी की सेहत में भी सुधार आएगा.