Carrot Farming: ठंड में गाजर की खेती दिलाएगी चार गुना मुनाफा, बुवाई से पहले जान लें बेस्ट गाजर किस्में

गाजर ठंडे मौसम की फसल है. दिसंबर में बीज बोने का सबसे अच्छा समय माना जाता है. किसान उन्नत किस्मों से मात्र 100 दिनों में लगभग 300 क्विंटल तक उत्पादन हासिल कर सकते हैं. गाजर में औषधीय गुण होने के कारण बाजार में इसकी डिमांड बनी रहती है और भाव भी अच्छा मिलता है, जो किसानों को मुनाफा बनाने में मददगार साबित होता है.

किसान इंडिया डेस्क
नोएडा | Updated On: 4 Dec, 2025 | 03:47 PM

Carrot Farming Tips: गाजर ठंडे मौसम की फसल है. नवंबर से दिसम्बर बीज बोने का सबसे अच्छा समय माना जाता है. किसानों में पूसा रुधिरा, पूसा रूद्र और नैंट्स जैसी किस्में काफी लोकप्रिय है. इन उन्नत किस्मों से मात्र 100 दिनों में लगभग 300 क्विंटल तक उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है.

उत्तर भारत में ठंड की शुरुआत हो गई है और गाजर की बुवाई के लिए यह मौसम सबसे अच्छा माना जाता है. अक्टूबर से दिसम्बर के बीच का समय इस फसल के लिए सबसे उपयुक्त होता है, क्योंकि इस दौरान तापमान 18 डिग्री सेल्सियस से 25 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है, जो बीज अंकुरण, जड़ विकास, रंगत और मिठास के लिए आदर्श समय माना जाता है.

अगर आप नवंबर दिसंबर के दौरान गाजर की बुवाई करते हैं तो लगभग 90-100 दिनों में फसल तैयार हो जाती है. ठंड और अनुकूल मौसम होने के चलते इस दौरान किसानों को अच्छी उपज के साथ ही अच्छा मुनाफा भी मिल जाता है. गाजर में औषधीय गुण मौजूद होने के कारण बाजार में इसकी डिमांड बनी रहती है.

गाजर की खेती के लिए सही मिट्टी होना जरूरी

गाजर एक जड़ वाली फसल है, इसलिए मिट्टी चुनाव अहम हो जाता है. गाजर की खेती के लिए रेतीली दोमट और भुरभरी मिट्टी होनी चाहिए, इसमें जड़े आसानी से नीचे जाती है और सीधी बनती है. खेत की गहरी जुताई करनी चाहिए ताकि मिट्टी नरम हो जाए. मिट्टी का pH-मान 6.0-7.0 होना चाहिए. सिंचाई करते समय ध्यान रखें कि खेत में जलभराव न हो, वरना जडों में सड़न की समस्या हो सकती है.

खेत की तैयारी में खाद की अहम भूमिका

गाजर बुवाई के लिए खेत की जुताई करते समय गोबर की खाद और वर्मी कंपोस्ट का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए. इससे मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है और फसल उत्पादन लागत भी घटती है. जबकि, फसल में कीटों और रोगों का खतरा भी कम हो जाता है.

गाजर की अच्छी किस्मों का चुनाव जरूरी

किसान भाई गाजर की बुवाई के लिए पंजीकृत दुकानों से ही प्रामाणित बीज खरीदें. किसानों में पूसा रुधिरा, पूसा रूद्र और नैंट्स जैसी किस्में काफी लोकप्रिय है. इन उन्नत किस्मों से मात्र 100 दिनों में लगभग 300 क्विंटल तक उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है.

सही पद्धति से चार गुना मुनाफा पा सकते हैं किसान

ऐसे अगर किसान सही किस्म की गाजर के बीजों का सही समय पर इस्तेमाल करते हुए कुछ मामूली बातों का ध्यान रखें जैसे समय-समय पर निराई-गुड़ाई करके खेत को खरपतवार से मुक्त करते रहें, तो गाजर की फसल से कम समय और कम लागत में किसानों को चार गुना मुनाफा दे सकती है.

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Published: 4 Dec, 2025 | 03:46 PM

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