ओस करेगी खाद का काम, नहीं पड़ेगी यूरिया की ज्यादा जरूरत.. पत्तियां बनाती हैं नाइट्रोजन
कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर मौसम साफ हो और पौधों पर अच्छी तरह ओस गिर रही हो, तो किसानों को यूरिया कम डालनी पड़ती है. ओस से पौधे जल्दी बढ़ते हैं, क्योंकि पत्तों पर मिलने वाला नाइट्रोजन उन्हें मजबूत बनाता है और जड़ों के जरिए पोषक तत्व भी आसानी से अवशोषित होते हैं.
Organic Agriculture News: अगले हफ्ते से दिसंबर महीने की शुरुआत होने वाली है. इसके साथ ही कड़ाके की ठंड पड़ने की संभावना है. इस दौरान शीतलहर और ओस का भी असर देखने को मिल सकता है. ऐसे में इंसान के साथ-साथ मवेशियों के हेल्थ पर भी असर पड़ेगा. लेकिन बहुत कम लोगों को मालूम होगा कि सर्दी के मौसम में गिरने वाली ओस रबी फसलों के लिए फायदेमंद भी होती है. इससे पधों का विकास तेजी से होता है और पत्तियां मजबूत होती हैं. अगर आप खेती करते हैं, तो ओस को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है. तो आइए आज जानते हैं ओस कैसे फसलों के लिए खाद की तरह काम करती है.
एक्सपर्ट के मुताबिक, सर्दियों में फसलों को कम रासायनिक दवाइयों की जरूरत पड़ती है, क्योंकि हवा में मौजूद नमी ओस बनकर पौधों पर गिरती है, जिसे पौधे आसानी से सोख लेते हैं. पर अधिकांश लोगों का लगता है कि ओस से पौधों को नुकसान पहुंचता है, लेकिन ऐसी बात नहीं है. ओस में मौजूद नाइट्रोजन पौधों के लिए प्राकृतिक यूरिया की तरह काम करता है, जिससे फसल अच्छी बढ़ती है.
खाद के रूप में काम करती है ओस
कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर मौसम साफ हो और पौधों पर अच्छी तरह ओस गिर रही हो, तो किसानों को यूरिया कम डालनी पड़ती है. ओस से पौधे जल्दी बढ़ते हैं, क्योंकि पत्तों पर मिलने वाला नाइट्रोजन उन्हें मजबूत बनाता है और जड़ों के जरिए पोषक तत्व भी आसानी से अवशोषित होते हैं. इसका फायदा ये होता है कि पौधे तेजी से विकसित होते हैं और पैदावार भी बढ़ जाती है. लेकिन अगर हवा में धूल या प्रदूषण ज्यादा हो, तो ओस के साथ हानिकारक तत्व भी पौधों तक पहुंच सकते हैं, जिससे फसल को नुकसान होने का खतरा रहता है.
यूरिया की जरूरत कम हो जाती है
दरअसल, सर्दियों में तापमान कम होने के कारण हवा की नमी पत्तियों पर ओस के रूप में जम जाती है. सूरज निकलने पर यह ओस धीरे-धीरे वाष्पित हो जाती है, लेकिन इससे पहले पौधों को नाइट्रोजन मिल जाता है. यह प्रक्रिया तभी अच्छे से काम करती है जब वातावरण साफ और प्रदूषण रहित हो. खास बात यह है कि पौधे पोषक तत्व दो तरह से लेते हैं. एक जड़ों से और दूसरा पत्तियों से. ओस के जरिए मिलने वाला नाइट्रोजन सीधे पत्तियों में अवशोषित होता है, जिससे पत्ते मजबूत बनते हैं और पौधे जल्दी रिकवर करते हैं. यह प्राकृतिक तरीका किसानों के लिए फायदेमंद है, क्योंकि इससे यूरिया की जरूरत कम हो जाती है और पौधों की ग्रोथ भी बेहतर होती है.
फसल को ओस से बचाने की कोशिश
सर्दियों की खासियत यह है कि अगर किसान फसल को ओस से बचाने की कोशिश करेंगे, तो इससे पौधों की वृद्धि रुक सकती है. विशेषज्ञ मानते हैं कि पौधों पर ओस गिरने देना चाहिए, क्योंकि यह न सिर्फ नाइट्रोजन की कमी पूरी करती है बल्कि फसल को स्वस्थ और ताकतवर भी बनाती है. इस प्राकृतिक प्रक्रिया से यूरिया पर खर्च कम होता है और पैदावार बढ़ती है.