मिर्च को ‘थ्रिप्स कीट’ से बचाने के लिए इस दवा का करें इस्तेमाल, जानें कीटनाशक छिड़काव का सही तरीका

बरसात के मौसम में मिर्च की फसल पर थ्रिप्स कीट का खतरा बढ़ जाता है, जिससे फसल को भारी नुकसान हो सकता है. समय पर जैविक या रासायनिक दवाओं से छिड़काव, खेत की सफाई, स्प्रिंकलर सिंचाई और निराई-गुड़ाई से इस कीट पर नियंत्रण पाया जा सकता है.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 7 Sep, 2025 | 01:01 PM

Thrips Pest Control: मिर्च एक ऐसी फसल है जिसकी पूरे देश में खेती की जाती है और इसकी मांग पूरे साल रहती है. लेकिन बरसात में मिर्च की फसल की बेहतर तरीके से देखरेख करने की जरूरत होती है, क्योंकि इस दौरान थ्रिप्स नामक कीट के हमले बढ़ जाते हैं. इससे फसल को बहुत अधिक नुकसान पहुंचता है. अगर आपके खेत में भी थ्रिप्स के हमले के संकेत मिल रहे रहे हैं, तो सावधान हो जाएं, नहीं तो पूरी फसल बर्बाद हो जाएगी.

एकस्पर्ट के मुताबिक, यह कीट पत्तों और फूलों को नुकसान पहुंचाता है, जिससे पूरी फसल बर्बाद हो जाती है. अगर समय पर इसका इलाज नहीं किया गया, तो किसानों को भारी नुकसान हो सकता है. हालांकि,  थ्रिप्स से बचाव के लिए सबसे पहले खेत की सफाई और खरपतवार की रोकथाम जरूरी है. इसके लिए खेत में बार-बार निराई-गुड़ाई करें, जिससे मिट्टी में छिपे कीटों के प्यूपा नष्ट हो जाएं. इसके अलावा खेत में बारिश का पानी न रुकने दें और पौधों की रोगों से लड़ने की ताकत बढ़ाने के लिए संतुलित मात्रा में खाद और उर्वरकों का इस्तेमाल करें.

संक्रमित पौधौं को उखाड़कर मिट्टी में दबा दें

खास बात यह है कि थ्रिप्स कीड़े अक्सर पौधे के ऊपर वाले हिस्से में पाए जाते हैं. ऐसे में अगर नई शाखा पर थ्रिप्स का असर दिखे, तो उसे तुरंत तोड़कर नष्ट कर दें. अगर पूरा पौधा ज्यादा संक्रमित हो गया हो, तो उसे उखाड़कर मिट्टी में दबा दें या जला दें. साथ ही सिंचाई के लिए स्प्रिंकलर सिस्टम का इस्तेमाल करना ज्यादा फायदेमंद होता है, क्योंकि पानी की बौछार से थ्रिप्स का फैलाव और असर कम हो जाता है.

कौन सा कीटनाशक होगा बेहतर

विशेषज्ञों के मुताबिक, थ्रिप्स के जैविक नियंत्रण के लिए नीम से बनी दवा एजाडिरेक्टिन (3000 PPM) का इस्तेमाल करें. 2 मिली एजाडिरेक्टिन को 1 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें. अगर जरूरत हो, तो रासायनिक दवाओं का भी इस्तेमाल करें, लेकिन दवा में स्टिकर और स्प्रेडर जरूर मिलाएं, ताकि दवा पौधे के हर हिस्से तक अच्छे से पहुंचे. अगर कीटों का प्रकोप बहुत ज्यादा हो जाए, तो 2 मिली फिप्रोनिल 5 फीसदी SC या 1.5 मिली साइंट्रानिलिप्रोएल 10.26 फीसदी OD को प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें. ध्यान रखें कि एक ही दवा बार-बार इस्तेमाल न करें. हर सप्ताह दवा बदलते हुए छिड़काव करें. पावर स्प्रे पंप या बूम स्प्रे पंप से दवा छिड़कना सबसे असरदार होता है.

इस तरह करें फसल पर दवा का छिड़काव

खास बात यह है कि कीटनाशकों का छिड़काव हमेशा फसल पर नीचे से ऊपर की ओर करना चाहिए, ताकि पत्तियों और फूलों के नीचे छिपे कीटों पर भी दवा असर करे. सुबह 11 बजे से पहले किया गया छिड़काव सबसे ज्यादा असरदार होता है.

 

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Published: 7 Sep, 2025 | 01:00 PM

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