बाजरे की फसल में कीड़े लगने से किसानों की बढ़ी चिंता, कृषि विभाग की मदद से कर रहे बचाव

किसानों ने बाजरा की अगेती किस्मों की बुवाई प्री मॉनसून के दौरान ही की थी, लेकिन अब जिले में लगातार हो रही बारिश के चलते बाजरे की फसल में कीट लगने से किसानों की मुश्किलें बढ़ गई हैं.

विकास जायसवाल
अलवर | Published: 17 Jul, 2025 | 04:55 PM

राजस्थान के अलवर जिले में बारिश की अच्छी स्थिति को देखते हुए किसानों ने बाजरे की अगेती किस्मों की बुवाई की थी. लेकिन अब बाजरे की फसल पर कीटों की खतरा बढ़ने लगा है , जिसके कारण किसानों की भी चिंता बढ़ गई है. दरअसल, अलवर जिले के किशनगढ़बास और इसके आसापास के इलाकों में बाजरे की फसल पर कीटों का सबसे ज्यादा बुरा असर पड़ रहा है. हालांकि जिले के कृषि अधिकारी राजेंद्र बसवाल ने कीटों से प्रभावित इलाकों का दौरा किया है और साथ ही कीटों से बचाव के लिए सभी जरूरी दिशा-निर्देश दिए हैं.

फसल के तनों पर आक्रमण

बाजरा खरीफ सीजन की एक प्रमुख फसल है. यहां के किसानों ने बाजरा की अगेती किस्मों की बुवाई प्री मॉनसून के दौरान ही की थी, लेकिन अब जिले में लगातार हो रही बारिश के चलते बाजरे की फसल में कीट लगने से किसानों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. बता दें कि बाजरे की खड़ी फसल में लगने वाले कीट सीधे तनों पर आक्रमण कर रहे हैं. जिसके कारण न केवल फसल को नुकसान हो रहा है बल्कि किसानों को भी भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. किसानों के सामने आर्थिक संकट का खतरा मंडराने लगा है.

Farming Tips

अलवर जिले में बाजरा के खेत

पौधों हो रहे हैं खोखले

अलवर जिले के कृषि अधिकारी राजेंद्र बसवाल ने बताया की बाजरे की अगेती बुवाई किसानों के लिए हमेशा से ही वरदान रही है. लेकिन अब जिले के किशनबास समेत आसपास के इलाकों में बाजरे की फसल में कीड़े लगने के कई मामले सामने आए हैं. जिसे लेकर विभाग की ओर से बचाव के लिए जरूरी दिशा निर्देश दिए गए है. उन्होंने बताया कि बाजरे के तनों में लगे ये कीड़े धीरे-धीरे बाजरे को अंदर से खोखला करते हैं. जिसके कारण पौधा बढ़ नहीं पाता है और पौधों में सिट्टे का विकास नहीं होता है. बता दें कि इस कीट के आक्रमण से बाजरे के उत्पादन पर भी बुरा असर पड़ता है.

कृषि विभाग ने बताए बचाव के उपाय

कृषि अधिकारी राजेंद्र बसवाल ने बताया की कीटों से प्रभावित इलाकों में विभाग द्वारा दौरा किया गया है. जिसमें पता लगा है कि सबसे ज्यादा कीटों का प्रभाव किशनगढ़बास औक आसपास के इलाकों में है.इस कारण से किसानों की बाजरे की फसल खराब हुई है. उन्होंने बताया कि फसल का निरीक्षण करने के बाद किसानों को बाजरे की फसल में लगने वाले कीड़ों से बचाव को लेकर जरूरी दिशा-निर्देश दिए गए हैं.

बसवाल ने बताया की टीम द्वारा किसानों को कीटनाशक दवाओं के सही इस्तेमाल की सलाह दी गई है, साथ ही किसानों से ये अपील की गई है कि वे फसल की बुवाई के समय अच्छे बीजों का ही चुनाव करें.उन्होंने बताया की किसानों को फसल में कीटो से बचाव के लिए साइपेरमेथरीन 50 EC या प्रोफेनोफॉस दवा का 2 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी में मिलाकर फसल पर इस घोल का छिड़काव करें.  लेखक स्वतंत्र पत्रकार हैं.

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Published: 17 Jul, 2025 | 04:55 PM

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