केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने पंजाब के लुधियान में नूरपुर बेट गांव का दौरा किया. यहां उन्हें बताया गया कि नूरपुर वह गांव जहां बीते 8 साल किसान पराली नहीं जलाते हैं. इस फैसले से किसान पर्यावरण संरक्षण के साथ पराली का पशु चारा समेत अन्य काम में इस्तेमाल कर रहे हैं. कृषि मंत्री ने किसान चौपाल में किसानों से संवाद किया और हैप्पीसीडर समेत अन्य कृषि यंत्रों को देखा. इसके अलावा वह समुन्य हनी सेंटर भी पहुंचे और वहां मधुमक्खी पालन के लिए इस्तेमाल किए जा रहे आधुनिक और अनोखे तरीकों को देखा.
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज पंजाब दौरे पर लुधियान के ग्राम नूरपुर बेट पहुंचे. गांव में उन्होंने खेतों में फसलों को देखा और किसानों से चौपाल पर खेती को लेकर चर्चा की. कृषि मंत्री ने किसानों के जरिए खेती में इस्तेमाल किए जा रहे कृषि यंत्रों का प्रदर्शन देखा. कृषि मंत्री ने धान की कटाई के लिए एसएसएमएस फिटेड कंबाइन हार्वेस्टर और गेहूं की बुआई के लिए हैप्पी स्मार्ट सीडर मशीन का लाइव डेमो भी देखा.

कृषि मंत्री ने आधुनिक कृषि यंत्रों को देखा.
कृषि मंत्री ने कहा कि नूरपुर ऐसा गांव है जहां साल 2017 से पराली नहीं जलाई जाती. किसानों ने यहां पराली के उचित प्रबंधन का निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि कंबाइन को चलाने के बाद पराली का बड़ा हिस्सा खेत में ही फैल कर बिखर जाता है, इकट्ठा नहीं होता. इसी तरह स्मार्ट सीडर से सीधे सीडिंग भी उत्कृष्ट तकनीक है। यह एक तरफ पराली ढकता है और दूसरी ओर इसका सिस्टम मिट्टी और दानें को कॉम्पेक्ट कर लेता है। श्री चौहान ने कहा कि मशीनों के इस्तेमाल से किसानों के श्रम, धन और समय की अत्यधिक बचत होती है.
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि उचित पराली प्रबंधन के साथ बुआई करने से दो साल के बाद मिट्टी में नाइट्रोजन की मात्रा बढ़ेगी जिससे यूरिया के कम इस्तेमाल की आवश्यकता होगी. साथ ही एक एकड़ में 2 क्विंटल अधिक उत्पादन भी होगा. केंद्रीय कृषि मंत्री ने किसान भाई-बहनों से पराली ना जलाने और पराली का उचित प्रबंधन करने की अपील भी की.

कृषि मंत्री ने गेहूं की खेती में इस्तेमाल होने वाली मशीन हैप्पी सीडर को देखा.
इसके बाद कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने दोराहा गांव पहुंचे यहां पर उन्होंने समन्यु हनी मधुमक्खी पालन केंद्र का अवलोकन किया और यहां आधुनिक तरीके से की जा रही मधुमक्खी पालन की जानकारी ली. उन्होंने किसानों से संवाद कर मधुमक्खी पालन व्यवसाय के नए मॉडल और नवाचारों की जानकारी प्राप्त की और कृषि मंत्रालय की संबंधित योजनाओं के बारे में भी चर्चा की.