पीले मोजेक रोग से बर्बाद हुई सोयाबीन की फसल, मध्य प्रदेश के किसानों की सरकार से मुआवजे की मांग

पीड़ित किसान सचिन नागर ने बताया कि पिछले सालों में धान और गेहूं की फसल पर भी किसानों को बीमा नहीं दिया गया था और इस साल सोयाबीन की फसल के बर्बाद होने पर भी अभी तक कोई मुआवजा नहीं मिला है.

नोएडा | Updated On: 27 Aug, 2025 | 08:54 PM

मॉनसून सीजन की शुरुआत होते ही किसान खरीफ फसलों की बुवाई शुरू कर देते हैं ताकि उन्हें फसल से अच्छे उत्पादन के साथ-साथ अच्छी कमाई भी मिले लेकिन कई बार फसल में रोग लगने के कारण फसल बर्बाद हो जाती है. ऐसा ही कुछ हुआ मध्य प्रदेश के शाजापुर जिले के किसानों के साथ जिनकी परेशाना पीले मोजेक रोग ने बढ़ा दी है.  दरअसल, खरीफ सीजन में शाजापुर जिले के बचपा गांव के किसानों की 5 हजार एकड़ से ज्यादा की सोयाबीन फसल पीले मोजेक रोग के कारण बर्बाद हो गई है. यहां के किसानों ने जिला कलेक्ट्रेट से मुआवजे की मांग की है. साथ ही किसानों ने बताया कि उन्हें पिछले साल की बीमा फसल भी नहीं मिली है.  ऐसे में किसानों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है.

पीले मोजेक रोग से हुआ नुकसान

बारिश और पीले मोजेक रोग के कारण एमपी के शाजापुर जिले के बचपा गांव के किसानों की मुश्किलें बढ़ गई हैं क्योंकि उनकी खरीफ सीजन की सोयाबीन की फसल खराब हो गई है. किसानों ने बर्बाद हुई फसल की स्थिति को देखते हुए जिला कलेक्ट्रेट पहुंचकर मुआवजे की मांग की है. किसानों ने बताया कि उन्होंने खरीफ सीजन में सोयाबीन की फसल की बुवाई की थी लेकिन जिले में कम बारिश होने के कारण फसल बर्बाद हो गई. साथ ही फसल पर पीले मोजेक रोग का भी संक्रमण हो गया है, जिसके कारण फसल पीली पड़कर बर्बाद हो गई. किसानों ने कलेक्टर से मांग की है कि उन्हें पिछले वर्ष का फसल बीमा और वर्तमान में मोजैक रोग से फसल खराब होने पर मुआवजा दिया जाए.

पीली पड़ीं सोयाबीन की पत्तियां

2022 से नहीं मिला बीमा का पैसा

शाजापुर जिले के ही पीड़ित किसान दिलीप कुमाप पाटीदार ने बताया कि साल 2022 से अन्य गांवो में किसानों को बीमा कंपनियों से पैसा मिल चुका है लेकिन उनके गांव के किसानों को अबतक बीमा कंपनी से पैसा भी नहीं मिला है. दिलीप ने बताया कि जिले में कम बारिश होने के कारण सोयाबीन की फसल पर पीले मोजेक रोग का प्रकोप हुआ है. उन्होंने बताया कि जिला कलेक्ट्रेट को ज्ञापन सौंपकर खराब हुई फसल के मुआवेजी की मांग के साथ बीमा के पैसे की भी मांग की है. दिलीप ने बताया कि कलेक्टर ने उन्हें आश्वासन दिया है कि उनकी मांग को मुख्यमंत्री तक पहुंचाया जाएगा.

मुआवजे की मांग करते हुए किसान

फसल का सर्वे कराने का मांग

शाजापुर जिले के ही एक और पीड़ित किसान सचिन नागर ने बताया कि पिछले सालों में धान और गेहूं की फसल पर भी किसानों को बीमा नहीं दिया गया था और इस साल सोयाबीन की फसल के बर्बाद होने पर भी अभी तक कोई मुआवजा नहीं मिला है. उन्होंने बताया कि किसान यहां ज्ञापन सौंपने आए थे कि सरकार उनकी बर्बाद हुई फसल का सर्वे कराए और सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार उचित मुआवजा दे. इसके साथ ही बीते सालों में बीमा कंपनी से जो पैसा नहीं मिला है उन्हें वो भी दिलाया जाए.

Published: 27 Aug, 2025 | 11:30 PM

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