Animal Health: पशु के मुंह से गिरती लार दे रही है खतरे का संकेत, समय रहते समझें सेहत की चेतावनी
पशुओं की सेहत का अंदाजा सिर्फ दूध से नहीं लगाया जा सकता. लार भी एक अहम संकेत है, जो पाचन से लेकर गंभीर बीमारियों की ओर इशारा करती है. अगर लार सामान्य से ज्यादा दिखे या मुंह से गिरने लगे, तो यह खतरे की घंटी हो सकती है. समय रहते पहचान जरूरी है.
Animal Health : गांवों में पशुपालक अक्सर दूध, चारा और चलने-फिरने से ही पशु की सेहत का अंदाजा लगा लेते हैं, लेकिन एक अहम संकेत ऐसा भी है जिस पर कम ध्यान दिया जाता है-लार. पशु के मुंह से निकलने वाली लार सिर्फ पाचन में मदद नहीं करती, बल्कि उसकी सेहत का साफ संदेश भी देती है. बिहार सरकार के डेयरी, मत्स्य एवं पशु संसाधन विभाग और पशुपालन निदेशालय के अनुसार, लार में होने वाला बदलाव कई गंभीर बीमारियों की शुरुआती चेतावनी हो सकता है.
लार क्यों है पशु स्वास्थ्य का अहम संकेत
बिहार सरकार के पशुपालन निदेशालय के अनुसार, आहार के प्रकार के हिसाब से एक पशु के शरीर में रोजाना औसतन 40 से 150 लीटर तक लार बनती है. यह लार चारे को नरम करती है, जुगाली में मदद करती है और पेट के पाचन तंत्र को सही रखती है. सामान्य स्थिति में लार दिखाई नहीं देती, लेकिन अगर लार जरूरत से ज्यादा बनने लगे या मुंह से गिरने लगे, तो यह सेहत के लिए खतरे की घंटी है.
- पशुपालकों के लिए रोजगार का नया मौका, केवल दूध ही नहीं ऊंट के आंसुओं से भी होगी कमाई
- बरसात में खतरनाक बीमारी का कहर, नहीं कराया टीकाकरण तो खत्म हो जाएगा सब
- पशुपालक इन दवाओं का ना करें इस्तेमाल, नहीं तो देना पड़ सकता है भारी जुर्माना
- 2000 रुपये किलो बिकती है यह मछली, तालाब में करें पालन और पाएं भारी लाभ
आहार का सीधा असर लार पर
पशुओं के खाने-पीने का सीधा असर उनकी लार के उत्पादन पर पड़ता है. पशुपालन विभाग के अनुसार, जब पशुओं को रूखा चारा जैसे भूसा, पराली या सूखी घास अधिक मात्रा में दिया जाता है, तो इससे लार का उत्पादन बढ़ जाता है. वहीं, अगर आहार में दाने की मात्रा ज्यादा हो जाती है, तो लार कम बनने लगती है. संतुलित आहार न मिलने की स्थिति में पशु का पाचन तंत्र कमजोर पड़ने लगता है, जिससे जुगाली प्रभावित होती है और पेट से जुड़ी समस्याएं बढ़ जाती हैं. लंबे समय तक ऐसा होने पर पशु धीरे-धीरे कमजोर हो जाता है और दूध उत्पादन भी घटने लगता है. इसलिए पशु की अच्छी सेहत के लिए चारे और दाने का सही संतुलन बनाए रखना बेहद जरूरी है.
ज्यादा लार और झाग, बीमारी का इशारा
अगर पशु के मुंह से लगातार लार गिर रही हो, झाग निकल रहा हो या मुंह खुला-खुला सा दिखे, तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. पशुपालन विभाग के अनुसार, यह स्थिति सामान्य नहीं है और इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं. सूखे चारे का अत्यधिक उपयोग, मुंह या जीभ में छाले, खुरपका-मुंहपका रोग, जहर खुरानी या रेबीज जैसी खतरनाक बीमारी भी इसकी वजह हो सकती है.
समय पर पहचान और बचाव जरूरी
लार से जुड़ी समस्या दिखते ही पशु को बाकी पशुओं से अलग रखें और नजदीकी पशु चिकित्सक से तुरंत संपर्क करें. खुद से दवा देने या घरेलू नुस्खे अपनाने से नुकसान बढ़ सकता है. विभाग की सलाह है कि साफ-सफाई रखें, संतुलित आहार दें और समय–समय पर टीकाकरण कराएं. याद रखें, लार में बदलाव को समय रहते पहचान लिया जाए, तो बड़ी बीमारी और आर्थिक नुकसान से बचा जा सकता है.