ये 3 हरी घास खिलाते ही पशु देंगे ज्यादा दूध, किसान आज से ही चारे में देना शुरू करें

Milk Production: कई किसान दूध उत्पादन कम होने की शिकायत करते हैं, कई बार इसकी वजह पशु को दिया जा रहा रूखा-सूखा चारा भी होता है. आपको यहां पर कुछ ऐसी हरी घास के बारे में जानकारी दी जा रही है, जिन्हें अपने पशु को खिलाकर दूध उत्पादन बढ़ा सकते हैं.

Saurabh Sharma
नोएडा | Published: 27 Nov, 2025 | 12:58 PM

Green Fodder : गांव के किसानों के बीच एक बात अक्सर सुनने को मिलती है- पशु अच्छा चारा खा ले, तो दूध खुद-ब-खुद बढ़ जाता है. यह बात बिल्कुल सही है. कई बार किसान सूखा चारा देकर काम चला लेते हैं, लेकिन इससे दूध का उत्पादन धीरे-धीरे कम होने लगता है. ऐसे में अगर आप अपने पशुओं से ज्यादा दूध पाना चाहते हैं, तो कुछ खास हरी घासें आपकी मदद कर सकती हैं. ये घासें सिर्फ पौष्टिक नहीं होती बल्कि पशुओं की सेहत भी बढ़ाती हैं. आइए जानते हैं ऐसी तीन बेहतरीन घासों के बारे में जिन्हें खिलाकर आपका पशु ज्यादा दूध देने लगेगा.

बरसीम

बरसीम घास को पशुओं का दूध  बढ़ाने वाला टॉनिक भी कहा जाता है. इसका स्वाद इतना अच्छा होता है कि गाय-भैंस इसे चाव से खाती हैं. इस घास में कैल्शियम और फॉस्फोरस की अच्छी मात्रा होती है, जो पशुओं की हड्डियों, शरीर और दूध उत्पादन के लिए बहुत जरूरी है. बरसीम का हरा चारा खाने से पशुओं की पाचन शक्ति भी बेहतर रहती है. यही वजह है कि सर्दियों में किसानों के बीच इसकी सबसे ज्यादा मांग रहती है. अगर किसान इसे अपनी चारे की फसल में शामिल कर लें, तो दूध उत्पादन में तेजी से बढ़ोतरी हो सकती है.

जिरका घास

अगर आप ऐसी घास की तलाश में हैं जिसमें ज्यादा मेहनत और सिंचाई की जरूरत न पड़े, तो जिरका घास एकदम सही विकल्प है. यह बरसीम से हल्की देखभाल मांगती है और उगाने में भी आसान है. इसकी बुवाई का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से नवंबर माना जाता है. जिरका घास में पोषक तत्व  भरपूर होते हैं, जिससे आपका पशु मजबूत रहता है और दूध उत्पादन में भी सुधार दिखता है. कम पानी और कम लागत में तैयार होने के कारण किसान इसे बड़े शौक से उगाते हैं.

नेपियर घास

नेपियर घास देखने में गन्ने जैसी लगती है और दुधारू पशुओं  के लिए बेहद पौष्टिक मानी जाती है. इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह सिर्फ 50 दिनों में तैयार हो जाती है. यानी बार-बार हरा चारा मिल सकता है और पशु कभी भूखे नहीं रहते. नेपियर घास में प्रोटीन की मात्रा अच्छी होती है, जिससे गाय-भैंस अधिक दूध देती हैं. इसकी जड़ें मजबूत होती हैं, इसलिए एक बार लगाने के बाद लंबे समय तक कटाई मिलती रहती है. यह घास उन किसानों के लिए बेहद फायदेमंद है जो कम समय में ज्यादा उपज चाहते हैं.

Get Latest   Farming Tips ,  Crop Updates ,  Government Schemes ,  Agri News ,  Market Rates ,  Weather Alerts ,  Equipment Reviews and  Organic Farming News  only on KisanIndia.in

आम धारणा के अनुसार अमरूद की उत्पत्ति कहां हुई?

Side Banner

आम धारणा के अनुसार अमरूद की उत्पत्ति कहां हुई?