बरसात और उमस वाले मौसम में छोटी-मोटी बीमारियां जैसे सर्दी-जुकाम, बुखार या पेट दर्द तेजी से फैलती हैं. ऐसे में घर का हर्बल गार्डन बिना दवा और डॉक्टर के बड़ी राहत दे सकता है.
लेमन ग्रास: लेमन ग्रास की चाय सर्दी-जुकाम और गले की खराश में कारगर है. इसकी ताजगीभरी खुशबू तनाव कम करने का भी काम करती है. इसे गमले या बड़े डिब्बे में आसानी से लगाया जा सकता है.
एलोवेरा: ‘गरीबों का डॉक्टर’ कहे जाने वाले एलोवेरा का गाढ़ा जेल पेट की गड़बड़ियों से राहत देता है और स्किन को नैचुरल ग्लो भी देता है. इसकी देखभाल आसान है और इसे ज्यादा पानी की ज़रूरत नहीं पड़ती.
कड़ी पत्ता: कड़ी पत्ता न केवल खाने का स्वाद बढ़ाता है बल्कि पाचन को भी दुरुस्त करता है. इसे गमले या प्लास्टिक की बोतल में लगाया जा सकता है और यह दवा की तरह रोजमर्रा के खाने में असर दिखाता है.
गिलोय: गिलोय की बेल घर की दीवार या गमले में आसानी से लगाई जा सकती है. इसका रस डेंगू, मलेरिया और वायरल बुखार जैसी बीमारियों में बेहद फायदेमंद माना जाता है.
तुलसी: सुबह-सुबह तुलसी की पत्तियां खाने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. यह हर घर का पारंपरिक पौधा है और बदलते मौसम की बीमारियों से शरीर को प्राकृतिक सुरक्षा देता है.