चीता प्रोजेक्ट की सच्चाई छिपाने पर बड़ा बवाल, MP के शीर्ष अफसर को सूचना आयोग का नोटिस
मध्यप्रदेश के चर्चित चीता प्रोजेक्ट पर बड़ा खुलासा हुआ है. RTI में मांगी गई जानकारी विभाग ने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देकर रोक दी, जिसके बाद सूचना आयोग ने शीर्ष वन अधिकारी को नोटिस भेजा है. अधिकारी को 12 दिसंबर को पेश होकर जवाब देना होगा. मामला अब बड़ा विवाद बन गया है.
Madhya Pradesh News : मध्यप्रदेश में चल रहे चर्चित चीता प्रोजेक्ट को लेकर एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने सबको चौंका दिया है. जहां एक तरफ सरकार इस प्रोजेक्ट को एक बड़ी सफल पहल बताती है, वहीं दूसरी तरफ इससे जुड़ी जरूरी जानकारी राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर छिपाई जा रही थी. जैसे किसी तिजोरी में बंद राज हों, वैसे ही जनता के सवालों को भी बंद कर दिया गया. लेकिन अब इस पूरे मामले ने नया मोड़ ले लिया है-राज्य सूचना आयोग ने मुख्य वन्यजीव वार्डन को नोटिस भेजकर जवाब तलब किया है.
RTI में मांगी जानकारी और मिला सिर्फ राष्ट्रीय सुरक्षा का जवाब
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पूरी कहानी की शुरुआत हुई जुलाई 2024 से, जब वन्यजीव और RTI एक्टिविस्ट अजय दुबे ने प्रोजेक्ट चीता से जुड़े सवाल पूछे. सवाल बहुत साधारण थे-कूनो अभयारण्य, गांधी सागर अभयारण्य और चीता प्रबंधन से जुड़ी फाइलों का पत्राचार. लेकिन विभाग ने इनकार कर दिया. उसने कहा- जानकारी देने से देश की सुरक्षा और संप्रभुता को खतरा हो सकता है. RTI एक्ट के सेक्शन 8(1)(a) का इस्तेमाल करते हुए सारी जानकारी रोक दी गई. यह वही धारा है जिसे आमतौर पर सेना, खुफिया एजेंसी या संवेदनशील अंतरराष्ट्रीय मामलों में लगाया जाता है.
NTCA ने पूछा-क्यों रोकी जानकारी?
राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) ने जब MP वन विभाग से पूछा कि जानकारी क्यों रोकी गई, तो विभाग ने फिर वही जवाब दोहरा दिया. कहा गया कि-प्रोजेक्ट चीता में नामीबिया, दक्षिण अफ्रीका और केन्या शामिल हैं. इनके साथ हुए समझौतों का खुलासा रिश्तों को नुकसान पहुंचा सकता है. विदेशी विशेषज्ञ आते-जाते रहते हैं, इसलिए सारी जानकारी संवेदनशील है, यानि बात वही राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेशी रिश्ते, और संप्रभुता की. यहां तक कहा गया कि प्रोजेक्ट का दूसरा चरण गांधी सागर में चल रहा है, इसलिए जानकारी देना जोखिम है.
RTI कार्यकर्ता बोले-यह तो मजाक है
अजय दुबे ने इसे बेतुका बहाना बताया. उनका कहना है- प्रोजेक्ट चीता में ऐसा क्या है जो देश की सुरक्षा को खतरा पहुंचाएगा? यह जानकारी पब्लिक होने से कौन-सा नुकसान हो जाएगा? उन्होंने RTI इनकार के खिलाफ अपील की और फिर राज्य सूचना आयोग में शिकायत दर्ज कराई. दुबे का आरोप है कि PCCF ने जानबूझकर कानून की धारा 8(1)(a) का गलत इस्तेमाल किया और सूचना को दबाने का निर्देश दिया.
अब आयोग का नोटिस-12 दिसंबर को देना होगा जवाब
पूरा मामला अब सूचना आयोग में पहुंच चुका है. मुख्य सूचना आयुक्त विजय यादव ने PCCF (वन्यजीव) शुभ्ररंजन सेन को 12 दिसंबर को पेश होने का आदेश दिया है. नोटिस में साफ लिखा है:-
- क्यों न आपके खिलाफ कार्रवाई की जाए?
- क्यों न जुर्माना लगाया जाए?
- क्यों न विभागीय जांच शुरू की जाए?
अब आगे की कार्रवाई सेन के जवाब पर निर्भर करेगी. अगर आयोग संतुष्ट नहीं हुआ, तो इस मामले में बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई भी हो सकती है.