बरसात में बकरियों को घेर सकती हैं PPR जैसी खतरनाक बीमारियां, समय पर करें बचाव और टीकाकरण

बरसात के मौसम में बकरियों की रोग प्रतिरोधक क्षमता घट जाती है, जिससे वे पीपीआर, निमोनिया, चेचक जैसी गंभीर बीमारियों की शिकार हो सकती हैं. समय पर टीकाकरण, स्वच्छता और पौष्टिक आहार से बचाव संभव है.

नोएडा | Published: 14 Aug, 2025 | 10:29 AM

बरसात का मौसम जहां हरियाली और राहत लेकर आता है, वहीं यह कई बीमारियों का भी कारण बनता है और इसका असर केवल इंसानों पर ही नहीं, जानवरों पर भी पड़ता है. खासकर बकरी पालकों के लिए यह मौसम परेशानी का कारण बन सकता है, क्योंकि इस दौरान बकरियों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है.

इस मौसम में कई खतरनाक बीमारियां बकरियों को अपना शिकार बना लेती हैं, जो न केवल उनके जीवन के लिए जोखिमपूर्ण होती हैं बल्कि पशुपालकों को आर्थिक नुकसान भी पहुंचाती हैं. आइए जानते हैं बरसात में होने वाली प्रमुख बीमारियों और उनके बचाव के तरीके.

बरसात में बकरियों को हो सकती हैं ये मुख्य बीमारियां

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसारबकरियों में बरसात के मौसम में कई प्रकार की बीमारियां पाई जाती हैं. विशेषज्ञों के अनुसार, ये बीमारियां इस मौसम में ज्यादा फैलती हैं-

रोगों से बचाव के लिए सबसे जरूरी है टीकाकरण

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बरसात से पहले ही बकरियों का समय पर टीकाकरण करवाना सबसे जरूरी कदम है. टीकाकरण से बकरियों को इन घातक बीमारियों से बचाया जा सकता है. सरकार भी इस दिशा में कई प्रयास कर रही है और गांव-गांव जाकर पशु टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है. पशुपालकों को चाहिए कि वे अपने नजदीकी राजकीय पशु चिकित्सालय में संपर्क कर टीकाकरण करवाएं, ताकि उनकी बकरियां सुरक्षित रहें और कोई आर्थिक नुकसान न हो.

स्वच्छता और पौष्टिक आहार से भी होता है बचाव

बकरियों को बीमारियों से बचाने के लिए उनके रहने की जगह को हमेशा सूखा और साफ रखें. गंदगी और नमी बीमारियों को बढ़ावा देती हैं. इसके अलावा बकरियों को पोषक तत्वों से भरपूर हरा चारा, साफ पानी और नमक चाट जैसी चीजें जरूर दें. इससे उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बनी रहती है और वे मौसम के प्रभाव से जल्दी नहीं बीमार पड़तीं.

मौसम के अनुसार रख-रखाव में करें बदलाव

बरसात के मौसम में बकरियों को खुले में चराने से बचाएं, खासकर तब जब बारिश हो रही हो या जमीन गीली हो. ऐसे समय में उन्हें शेड या सुरक्षित स्थान में रखें. साथ ही उनके शरीर को गर्म और सूखा रखने की कोशिश करें. अगर बकरी गीली हो गई हो, तो उसे सूखे कपड़े से पोंछकर साफ करें और ठंडी हवा से बचाएं.

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