दुग्ध उत्पादन बढ़ाने गांव-गांव पहुंचेगा विभाग, आज से शुरू हो रहा है दुग्ध समृद्धि संपर्क अभियान

दूध उत्पादन बढ़ाने और पशुपालकों की आय सुधारने के लिए दुग्ध समृद्धि संपर्क अभियान का दूसरा चरण शुरू हो रहा है. इसके तहत विभागीय टीमें गांव-गांव जाकर पशुपालकों को पशु पोषण, नस्ल सुधार और स्वास्थ्य से जुड़ी जरूरी जानकारी देंगी, ताकि कम खर्च में बेहतर लाभ मिल सके.

नोएडा | Updated On: 17 Dec, 2025 | 09:15 PM

Dairy Development : गांव की गलियों में अब सिर्फ पशुओं की आवाज नहीं, बल्कि उनकी सेहत और दूध बढ़ाने की सलाह भी सुनाई देगी. पशुपालकों की आय बढ़ाने और दूध उत्पादन को मजबूत करने के लिए पशुपालन एवं डेयरी विभाग ने एक बार फिर कमर कस ली है. इसी कड़ी में दुग्ध समृद्धि संपर्क अभियान के दूसरे चरण की शुरुआत की जा रही है. इस अभियान के तहत विभागीय अधिकारी और कर्मचारी सीधे पशुपालकों के घर पहुंचेंगे और उन्हें पशु पोषण, नस्ल सुधार और पशु स्वास्थ्य से जुड़ी जरूरी जानकारी देंगे.

घर-घर पहुंचकर देंगे पशुपालकों को सलाह

मध्य प्रदेश पशुपालन विभाग के अभियान के दूसरे चरण में विभागीय अमला गांवों में जाकर दुधारू पशु  रखने वाले किसानों से सीधा संवाद करेगा. अधिकारी पशुपालकों को बताएंगे कि किस तरह सही खान-पान, समय पर इलाज और बेहतर नस्ल से पशुओं की सेहत सुधारी जा सकती है. इसका सीधा असर दूध उत्पादन और पशुपालकों की आमदनी  पर पड़ेगा. इस अभियान में जनप्रतिनिधियों की सहभागिता भी रहेगी, जिससे जागरूकता और ज्यादा बढ़ेगी.

लाखों पशुपालकों तक पहुंचेगा अभियान

दूसरे चरण में 5 से 9 गौवंश या भैंसवंश रखने वाले करीब 7.87 लाख पशुपालकों के घर विभागीय टीम पहुंचेगी. प्रशिक्षित कर्मचारी पशुपालकों को बताएंगे कि कम खर्च में पशुओं की देखभाल कैसे की जाए और दूध उत्पादन  कैसे बढ़ाया जाए. इससे पहले अभियान के पहले चरण में भी बड़ी संख्या में पशुपालकों को इसका लाभ मिल चुका है, जिससे सरकार को सकारात्मक परिणाम देखने को मिले हैं.

पहले चरण में मिला अच्छा रिस्पॉन्स

दुग्ध समृद्धि संपर्क अभियान  का पहला चरण अक्टूबर महीने में चलाया गया था. इस दौरान करीब 3.76 लाख पशुपालकों के घर विभागीय अधिकारी पहुंचे थे. अभियान में हजारों प्रशिक्षित कर्मचारियों ने गांव-गांव जाकर पशुपालकों को जरूरी जानकारी दी थी. पशुपालकों से मिले अच्छे रिस्पॉन्स के बाद ही सरकार ने दूसरे चरण को और बड़े स्तर पर शुरू करने का फैसला लिया है.

प्रशिक्षण, निगरानी और पारदर्शिता पर जोर

अभियान को सफल बनाने के लिए हर विकासखंड से एक पशु चिकित्सक  को मास्टर ट्रेनर के रूप में तैयार किया गया है. इन मास्टर ट्रेनरों ने अपने-अपने क्षेत्रों में अन्य कर्मचारियों को भी प्रशिक्षित किया है. वहीं, अभियान की निगरानी के लिए जिला स्तर पर कंट्रोल रूम बनाए जाएंगे. कलेक्टर नियमित रूप से अभियान की समीक्षा करेंगे, ताकि किसी भी स्तर पर लापरवाही न हो. राज्य स्तर पर भी अभियान से जुड़ी जानकारी साझा की जाएगी, जिससे पारदर्शिता बनी रहे.

Published: 18 Dec, 2025 | 06:00 AM

Topics: