Duck Farming: एक लाख से शुरू करें बत्तख पालन, हर साल मिलेगा 2 लाख का मुनाफा

Duck Farming Business: सिर्फ 1 लाख की लागत में हर साल 2 लाख की कमाई, बतख पालन गांवों में चुपचाप बदल रहा है खेल. यह व्यापार कम खर्च जबरदस्त मुनाफा दे रहा है.

नोएडा | Updated On: 19 Jun, 2025 | 03:17 PM

कमाई का जरिया अगर ऐसा हो, जिसमें न ज्यादा खर्च हो, न ज्यादा जगह चाहिए और फायदा लाखों में मिले तो क्या आप करना चाहेंगे? देश के कई राज्यों में अब किसान और पशुपालक बतख पालन (Duck Farming) को तेजी से अपना रहे हैं. वजह साफ है कि कम लागत, कम मेहनत और शानदार मुनाफा. एक बार में सिर्फ 1 लाख रुपये लगाकर किसान हर साल 2 लाख रुपये तक कमा रहे हैं, वो भी सिर्फ अंडों से. मांस की बिक्री और चूजों की सप्लाई इससे अलग मुनाफा देती है.

हर साल 250 से 300 अंडे

बतख एक साल में औसतन 250 से 300 अंडे देती है. ये संख्या मुर्गियों के मुकाबले लगभग दोगुनी है. वहीं, बाजार में एक अंडा 9 से 11 रुपये में बिकता है. यानी 100 बतखें पालने पर आपको साल भर में करीब 28,000 अंडे मिल सकते हैं. अगर आप औसतन 10 रुपये का रेट भी पकड़ें तो अंडों से 2.8 लाख रुपये की कमाई बनती है.

अब इसमें से अगर आप 80,000 रुपये की सालाना लागत निकाल दें, जैसे दाना, दवा और देखरेख का खर्च तो भी सीधा फायदा 2 लाख रुपये तक पहुंचता है.

कम लागत में ज्यादा फायदा

बतख पालन एक किफायती और लाभकारी व्यवसाय है. खास बात ये है कि इसमें खर्च कम और मुनाफा ज्यादा है. सिर्फ 5 से 8 हजार रुपये तक में 100 बतख के चूजे मिल जाते हैं. उसके बाद शेड तैयार करने में 40 से 50 हजार रुपे के आस – पास खर्चा आता है. इसके अलावा, चारे-दवा पर करीब 17,000 से 18,000 रुपये लगते हैं. यानी पूरा सेटअप करीब 1 लाख तक में तैयार हो जाता है.

बतख पालन में खास बात यह है कि इनके लिए महंगे फीड की जरूरत नहीं होती. ये भीगी रोटियां, उबला चावल और दलिया जैसे घर के बचे खाने से ही पल जाती हैं. लेकिन ध्यान रखें कि सूखा खाना न दें, वरना गले में अटक सकता है.

मीट की डिमांड

अगर आप अंडों के लिए नहीं, बल्कि मांस के लिए बतख पालना चाहते हैं तो भी मुनाफा कम नहीं है. क्योंकि एक बतख तकरीबन 6–8 हफ्ते में तैयार हो जाती है और बाजार में इसका रेट 300 से 500 रुपये प्रति किलो तक जाता है. यानी मांस की बिक्री से भी अच्छा खासा प्रॉफिट मिलता है.

करोड़ों का बाजार

बिहार, ओडिशा, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे कई राज्यों में बतख पालन गांव की अर्थव्यवस्था को नई दिशा दे रहा है. अब ये सिर्फ परंपरागत पालन नहीं रहा, बल्कि एक मजबूत रोजगार मॉडल बन चुका है. देखा जाए तो शहरों में भी इसे फार्मिंग मॉडल के रूप में अपनाया जा रहा है. सरकारी योजनाओं और ट्रेनिंग के ज़रिए युवाओं को बतख पालन की तरफ प्रोत्साहित किया जा रहा है. कई जगहों पर लोग इसे बड़े स्तर पर कर रहे हैं और लाखों-करोड़ों की कमाई कर रहे हैं.

Published: 19 Jun, 2025 | 03:17 PM