Duck Farming: गलत फीडिंग से नहीं दे रहीं अंडे? बत्तखों को खिलाएं ये चीजें, होगा जबरदस्त प्रोडक्शन

बत्तख पालन में अच्छा अंडा उत्पादन पाने के लिए सही नस्ल और आहार का चयन बेहद जरूरी है. सही देखभाल और पोषण मिलने पर एक बत्तख साल में 250 से 300 अंडे तक दे सकती है.

नोएडा | Updated On: 20 Jun, 2025 | 06:16 PM

अगर आपकी बत्तखें अंडे नहीं दे रही हैं या उत्पादन पहले की तुलना में कम हो गया है तो आपको उनके खाने पर एक बार फिर से नजर डालनी चाहिए. अक्सर गलत आहार और पोषण की कमी की वजह से बत्तखों का अंडा उत्पादन रुक जाता है. ऐसे में जरूरी है कि उन्हें सही और संतुलित आहार दिया जाए ताकि उत्पादन बेहतर हो. बत्तख पालन के लिए यह समझना बेहद जरूरी है कि उन्हें क्या खिलाना चाहिए, आहार कितना देना चाहिए और कब देना चाहिए?

बत्तखों को सूखा खाना देने से बचें

बत्तखों को कभी भी पूरी तरह सूखा खाना नहीं देना चाहिए. क्योंकि यह उनके गले में फंस सकता है और गंभीर परेशानी पैदा कर सकता है. इसलिए, खाना थोड़ा गीला और नरम होना जरूरी है. बत्तखें मुख्य रूप से रसोई का कचरा, चावल, मक्का, चोकर, घोंघे, छोटी मछलियां और कीड़े-मकोड़े खाना पसंद करती हैं.

बत्तखों के लिए आहार को तीन हिस्सों में बांट गया है.

  • स्टार्टर राशन- 0 से 15 दिन के चूजों के लिए
  • ग्रोअर राशन- 15 से 60 दिन के बीच
  • फिनिशर राशन- 2–3 महीने बाद, जब चूजे बड़े हो जाएं

सही समय पर सही राशन देने से बत्तखों की ग्रोथ तेज होती है और अंडा उत्पादन भी बेहतर होता है.

कौन सी नस्ल देती है ज्यादा अंडे

अगर आप अंडा उत्पादन के लिए बत्तख पालना चाहते हैं तो सही नस्ल का चयन जरूरी है. इंडियन रनर अंडे के लिए बेहतरीन नस्ल है, जबकि खाकी कैंपबेल अंडा और मांस दोनों के लिए उपयुक्त मानी जाती है. आपको बता दें कि सही देखभाल और पोषण मिलने पर एक बत्तख साल में 250–300 अंडे तक दे सकती है.

मांस के लिए ये हैं बेहतरीन नस्लें

  • सफेद पैकिंग (White Peking)
  • एलिसबरी (Aylesbury)
  • मस्कोवी (Muscovy)
  • राउन (Rouen)
  • स्वीडन (Sweden)

इन नस्लों की ग्रोथ तेज होती है और इनसे अच्छा वजन मिलता है, जिससे बाजार में अच्छी कीमत भी मिलती है.

पालन करते समय इन बातों का रखें ध्यान

  • बत्तखों को हर दिन ताजा पानी दें.
  • खाना समय पर और साफ बर्तनों में दें.
  • बीमार या सुस्त दिखने वाली बत्तख को बाकी झुंड से अलग करें.
  • साफ-सफाई पर ध्यान दें, खासकर तालाब या खेतों में गंदगी न रहने दें.
Published: 20 Jun, 2025 | 06:16 PM