गर्मी में मुर्गियों को कैसे रखें फिट? जानें दाना-पानी और शेड का पूरा फार्मूला

गर्मी में मुर्गियों की देखभाल के लिए दाना-पानी से लेकर शेड की व्यवस्था तक कई जरूरी उपाय अपनाए जाते हैं. सही देखभाल से ही मुर्गियों को हीट स्ट्रेस से बचाया जा सकता है.

नोएडा | Published: 15 Jun, 2025 | 05:59 PM

गर्मी का मौसम न सिर्फ इंसानों के लिए मुश्किल होता है, बल्कि मुर्गियों के लिए भी बड़ी चुनौती बन जाता है. हीट स्ट्रेस यानी ज्यादा गर्मी के कारण मुर्गियों की सेहत बिगड़ने लगती है, अंडा उत्पादन कम हो जाता है. इतना ही नहीं गर्मी के चलते कई बार उनकी जान पर भी बन आती है. लेकिन अगर सही समय पर दाना-पानी, शेड और देखभाल का ध्यान रखा जाए तो इस खतरे से काफी हद तक बचा जा सकता है.

दाना के लिए सही समय का चुनाव करें

गर्मी में मुर्गियों को दाना खिलाने का सही समय सुबह जल्दी और शाम को ठंडी हवा के बाद होता है. एक्सपर्टों के मुताबिक, दोपहर 11 बजे से लेकर शाम 4 बजे के बीच दाना नहीं देना चाहिए. क्योंकि इस समय खाने से मुर्गियों के शरीर पर गर्मी का ज्यादा दबाव पड़ता है. साथ ही आहार में विटामिन C और E की मात्रा बढ़ानी चाहिए ताकि शरीर में गर्मी से लड़ने की ताकत बनी रहे. दाने में एनर्जी थोड़ी कम और फाइबर की मात्रा थोड़ा बढ़ाने से भी हीट स्ट्रेस कम किया जा सकता है.

साफ और ठंडे पानी की व्यवस्था करें

गर्मी के दिनों में मुर्गियों को सामान्य से ज्यादा पानी की जरूरत होती है. ऐसे में हर दिन ताजा, साफ और ठंडा पानी देना जरूरी है. मिट्टी के बर्तनों में पानी रखना सबसे बेहतर होता है, क्योंकि इसमें पानी लंबे समय तक ठंडा रहता है. प्लास्टिक, जिंक या स्टील के बर्तन जल्दी गर्म हो जाते हैं, इसलिए इनका इस्तेमाल करने से बचें. पानी पिलाते समय उसमें इलेक्ट्रोलाइट्स मिलाना भी फायदेमंद होता है, इससे शरीर में नमक और पानी का संतुलन बना रहता है. साथ ही हर 3 से 4 घंटे में पानी बदलना जरूरी है ताकि पानी हमेशा ताजा और स्वच्छ बना रहे.

शेड में वेंटिलेशन और ठंडक का पूरा इंतजाम

गर्मी में मुर्गियों के शेड में वेंटिलेशन यानी हवा का आना-जाना बिल्कुल सही रहना चाहिए. इसके लिए पंखे लगातार चलाएं और खिड़कियां पूरी तरह खुली रखें. साथ ही दिन में 3 से 4 बार शेड की छत और दीवारों पर पानी का छिड़काव करें, जिससे तापमान 5 से 10 डिग्री तक घटाया जा सकता है. इसके अलावा, ओवरक्राउडिंग से भी बचें, यानी शेड में मुर्गियों की संख्या कम रखें ताकि वे खुलकर सांस ले सकें. तापमान नियंत्रित रखने के लिए थर्मल इंसुलेशन शीट या बांस की चटाई का इस्तेमाल भी काफी कारगर माना जाता है.

शेड की बनावट पर खास ध्यान दें

टीन की छत वाले शेड में गर्मी तेजी से बढ़ती है, इसलिए इससे पूरी तरह बचना चाहिए. बेहतर होगा कि सीमेंट की छत का इस्तेमाल करें और उस पर फसल अवशेष या पुआल की मोटी परत बिछा दें. उसके बाद उस पर नियमित अंतराल पर उस पर पानी का छिड़काव करें ताकि छत ठंडी बनी रहे. इसके अलावा, शेड के किनारों पर जूट की बोरियां टांगें और उन पर भी पानी का छिड़काव करते रहें. अगर संभव हो तो इरीगेशन पाइप लगवाएं जिससे लगातार हल्का फव्वारा चलता रहे. इन तरीकों से शेड के भीतर का तापमान काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है और मुर्गियां हीट स्ट्रेस से बचती हैं.