दुधारू पशुओं पर ठंड का असर खत्म! ऐसा देसी जुगाड़, रूम हीटर भी फेल हो जाए

सर्दियों में ठंड और कोहरा दुधारू पशुओं की सेहत और दूध उत्पादन को प्रभावित करता है. अगर सही समय पर देखभाल न हो, तो पशु बीमार पड़ सकते हैं. कुछ आसान देसी उपाय अपनाकर ठंड के असर को कम किया जा सकता है और पशुओं को स्वस्थ रखा जा सकता है.

नोएडा | Updated On: 21 Dec, 2025 | 07:14 PM

Animal Care In Winter : सर्दियों का मौसम जहां इंसानों के लिए राहत लेकर आता है, वहीं पशुपालकों के लिए यह इम्तिहान की घड़ी होती है. गिरता तापमान, ठंडी हवा और कोहरा दुधारू पशुओं की सेहत और दूध उत्पादन पर सीधा असर डालते हैं. अगर इस मौसम में सही देखभाल न की जाए, तो पशु बीमार पड़ सकते हैं और दूध की मात्रा भी कम हो जाती है. हालांकि, मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कुछ आसान देसी उपाय अपनाकर ठंड के असर को काफी हद तक खत्म किया जा सकता है.

सर्दी में क्यों कमजोर पड़ जाते हैं दुधारू पशु

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ठंड के मौसम  में पशुओं को अपने शरीर का तापमान बनाए रखने के लिए ज्यादा ऊर्जा खर्च करनी पड़ती है. इसका असर उनकी सेहत पर पड़ता है और वे कमजोर महसूस करने लगते हैं. कई बार पशु ठीक से चारा नहीं खाते, जिससे दूध उत्पादन  घटने लगता है. साथ ही ठंडी जमीन और नमी के कारण जोड़ दर्द, बुखार, खांसी और निमोनिया जैसी समस्याएं भी बढ़ जाती हैं. यही वजह है कि सर्दी शुरू होते ही पशुओं की देखभाल पर खास ध्यान देना जरूरी माना जाता है.

बाड़े को गर्म और सूखा रखना है सबसे बड़ा देसी जुगाड़

सर्दी से बचाव के लिए सबसे पहले पशुशाला को ठंडी हवा से सुरक्षित करना चाहिए. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पशुशाला के दरवाजे और खिड़कियों को सर्द हवाओं के समय बंद रखें. चारों ओर फूस , टाट, बोरे या प्लास्टिक शीट लगाकर ठंडी हवा को अंदर आने से रोका जा सकता है. पशुओं के बैठने और सोने की जगह पर सूखा भूसा, पुआल या धान की पराली बिछानी चाहिए, जिससे शरीर को गर्माहट मिले. जमीन अगर गीली हो, तो तुरंत सुखाना जरूरी है, क्योंकि नमी से बीमारियों का खतरा  कई गुना बढ़ जाता है.

सर्दी में आहार बदलेगा तो दूध भी बढ़ेगा

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ठंड के मौसम में पशुओं को सामान्य से ज्यादा ऊर्जा की जरूरत होती है. ऐसे में उनके खाने में थोड़ा बदलाव करना फायदेमंद रहता है. हरे चारे के साथ दाना, चोकर और खली की मात्रा बढ़ानी  चाहिए. गुड़ और सरसों की खली देने से शरीर में गर्मी बनी रहती है और ताकत भी मिलती है. हरा चारा जरूर दें, ताकि पाचन सही रहे और पशु सुस्त न पड़े. सही आहार से पशु न सिर्फ स्वस्थ रहता है, बल्कि दूध उत्पादन में भी सुधार देखने को मिलता है.

गुनगुना पानी, धूप और समय पर इलाज है जरूरी

सर्दियों में पशुओं को ठंडा पानी पिलाना नुकसानदेह हो सकता है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार दिन में कम से कम दो बार हल्का गुनगुना पानी पिलाना चाहिए. इससे खांसी, बुखार और निमोनिया जैसी बीमारियों  से बचाव होता है. इसके साथ ही रोज थोड़ी देर धूप में पशुओं को रखना फायदेमंद माना जाता है, क्योंकि धूप से शरीर को गर्माहट मिलती है और ताकत भी बढ़ती है. सर्दी शुरू होने से पहले टीकाकरण और कृमिनाशक दवाओं का कोर्स पूरा करा लेना चाहिए. अगर पशु अचानक कम दूध देने लगे, खाना कम खाए या बुखार दिखे, तो तुरंत इलाज कराना जरूरी है.

Published: 21 Dec, 2025 | 11:30 PM

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