सर्दी में पशुओं पर निमोनिया समेत कई बीमारियों का खतरा, बचाव के लिए सरकार की गाइडलाइन

सर्दियों में पशुओं को ठंड, खांसी और निमोनिया का खतरा बढ़ जाता है. इसलिए बिहार सरकार ने खास सलाह जारी की है जिसमें रात में खुले में न बांधने, धूप में रखने, गर्म कपड़े पहनाने और संतुलित खुराक देने की बातें शामिल हैं. थोड़ी सावधानी से पशुओं को पूरी तरह सुरक्षित रखा जा सकता है.

Saurabh Sharma
नोएडा | Published: 2 Dec, 2025 | 04:31 PM

Livestock Health : सर्दियों का मौसम शुरू होते ही सिर्फ इंसान ही नहीं, बल्कि पशुओं को भी सर्द हवाओं और कम तापमान से काफी परेशानी होने लगती है. कई बार ठंड इतनी बढ़ जाती है कि पशुओं की सेहत पर सीधा असर पड़ता है-दूध कम होना, खांसी, बुखार से लेकर निमोनिया जैसे खतरे भी बढ़ जाते हैं. ऐसे समय में पशुपालकों की एक छोटी सी लापरवाही बड़ा नुकसान कर सकती है. इसी को देखते हुए बिहार सरकार के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग ने पशुपालकों के लिए सर्दी में पालन करने योग्य जरूरी बातें जारी की हैं. ये निर्देश बताती खबर हर पशुपालक के लिए बेहद उपयोगी है.

रात में खुले में बिल्कुल न बांधें पशु

बिहार पशुपालन विभाग के अनुसार, सर्दियों में रात का तापमान अचानक नीचे गिर जाता है. ऐसे में पशुओं को खुले में बांधना बेहद खतरनाक हो सकता है. ठंडी हवा, ओस और नमी से उनके शरीर का तापमान गिर जाता है, जिससे बीमारियां तेजी से लगती हैं. पशुपालन विभाग की सलाह है कि पशुओं को हमेशा छत वाले कमरे, घास-फूस की झोपड़ी या किसी ढंके हुए स्थान पर रखें. अगर फर्श ठंडी या गीली हो तो उस पर सूखा भूसा या पुआल बिछा दें, ताकि पशु आराम से और गर्मी में रह सकें.

धूप है तो दवा की तरह, पशुओं को जरूर खिलाएं धूप

सर्दियों में धूप  किसी वरदान से कम नहीं. धूप में मौजूद गर्मी और प्राकृतिक रोशनी कई तरह के कीटाणुओं को खत्म करने में मदद करती है. जब भी साफ मौसम हो, पशुओं को कुछ समय के लिए धूप में बांधे. इससे उनके शरीर में गर्मी आती है, हड्डियां मजबूत होती हैं और रोगों से लड़ने की शक्ति बढ़ती है.

शरीर को गर्म रखने के लिए बोरी या कपड़ा जरूरी

बहुत ज्यादा ठंडे दिनों में पशु भी इंसानों की तरह ठंड पकड़ लेते हैं. खासकर बछड़े, बूढ़े पशु, कमजोर और गाभिन मवेशी ज्यादा तेजी से बीमार पड़ते हैं. इसलिए उनके शरीर पर पुरानी जूट की बोरी, मोटा कपड़ा या खास गर्म जैकेट बांधें. इससे शरीर का तापमान नियंत्रित  रहता है और पशु सर्द हवाओं से बच जाते हैं.

अच्छी खुराक, साफ पानी और जरूरत पड़े तो डॉक्टर की सलाह

सर्दी में पशुओं को ज्यादा ऊर्जा की जरूरत होती है. इसलिए उनके दाने में खनिज लवण (मिनरल मिक्स) और संतुलित चारा  जरूर मिलाएं. बरसीम, जई, ल्यूसर्न जैसे हरे चारे इस मौसम में खूब मिलते हैं, इसलिए इन्हें भरपूर खिलाएं. ध्यान रखें कि पशुओं के कुल चारे में एक-तिहाई हिस्सा हरा चारा होना चाहिए. ठंड में खांसी, निमोनिया या सांस की समस्या दिखे तो तुरंत पशु चिकित्सक को बुलाएं-देर करना भारी पड़ सकता है.

सर्दी में व्यायाम भी जरूरी

पशु यदि बिल्कुल जगह पर बंधे रहें तो उनका शरीर कड़ा पड़ जाता है और खून का बहाव धीमा हो जाता है. इसलिए पशुपालन विभाग  सलाह देता है कि रोज हल्का-फुल्का व्यायाम करवाएं. गाभिन, कमजोर और बीमार पशुओं को हल्का टहलाएं, जबकि स्वस्थ मवेशियों को थोड़ी तेज चाल में भी घुमाया जा सकता है.

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