सिरोही से लेकर जमुनापारी तक.. ये 5 नस्लों की बकरयां बना सकती हैं आपको लखपति

बकरी पालन अब कम निवेश में ज्यादा मुनाफा देने वाला व्यवसाय बन गया है. सिरोही, जमुनापारी, बरबरी, बीटल और सानन जैसी नस्लें कम चारे में ज्यादा दूध और मांस उत्पादन करती हैं, जिससे अच्छी कमाई संभव है.

नोएडा | Published: 15 Aug, 2025 | 11:00 PM

आज के समय में बकरी पालन (Goat Farming) एक छोटा लेकिन मुनाफे वाला बिजनेस बन चुका है. खास बात यह है कि इसमें ज्यादा निवेश की जरूरत नहीं होती और कम जगह में भी काम चल जाता है. रेगिस्तान से लेकर गांवों तक, अब लोग दूध और मांस के लिए बकरी पालन को अपना रहे हैं. खासकर कुछ चुनिंदा नस्लें इतनी फायदेमंद हैं कि इन्हें पालकर किसान लाखों कमा रहे हैं.

ऐसे में आइए जानते हैं ऐसी 5 बेहतरीन बकरी नस्लों के बारे में जो कम चारा खाकर भी ज्यादा मुनाफा देती हैं.

जमुनापारी- बकरियों की “गाय”

जमुनापारी नस्ल को बकरियों की गाय कहा जाता है क्योंकि यह एक दिन में 2 से 3 लीटर तक दूध दे सकती है. इसकी ऊंचाई और शरीर की बनावट इतनी भारी होती है कि पहली नजर में लोग इसे गाय समझ बैठते हैं. दूध के साथ-साथ इसका मांस भी काफी महंगा बिकता है. देश-विदेश में इसकी भारी मांग रहती है. अगर आप दूध के लिए बकरी पालन करना चाहते हैं तो यह नस्ल आपके लिए वरदान साबित हो सकती है.

सिरोही- मांस उत्पादन में नंबर वन

राजस्थान की सिरोही नस्ल आज देशभर के किसानों की पहली पसंद बन गई है. यह नस्ल बहुत जल्दी वजन पकड़ती है और इसकी ग्रोथ भी तेज होती है. सिरोही नस्ल की बकरियां कम देखभाल में भी अच्छा मांस उत्पादन देती हैं. यही वजह है कि इससे बकरी पालन करने वाले किसानों की कमाई तेजी से बढ़ रही है. अगर आपका मकसद मांस उत्पादन है, तो यह नस्ल बिल्कुल सही है.

बरबरी- कम जगह में ज्यादा मुनाफा

बरबरी नस्ल की बकरियां आकार में छोटी होती हैं, लेकिन कम समय में परिपक्व हो जाती हैं. यह नस्ल कम चारा खाकर भी अच्छा दूध और मांस देती है. उत्तर भारत में यह नस्ल काफी लोकप्रिय है. छोटे किसानों के लिए यह एक बेहतरीन विकल्प है, क्योंकि इसे पालने में खर्च भी कम होता है और मुनाफा भी अच्छा होता है.

सानन और बीटल- दूध और मांस दोनों में फायदेमंद

सानन बकरी स्विट्जरलैंड की नस्ल है जो भारत में भी सफल हो रही है. यह प्रतिदिन 3 से 4 लीटर तक दूध दे सकती है. हालांकि इसे गर्म जलवायु में थोड़ा खास ख्याल चाहिए, लेकिन अगर सही देखभाल हो तो यह डेयरी बिजनेस के लिए बहुत बढ़िया है.

वहीं, बीटल नस्ल पंजाब की है और यह रोजाना करीब 2 लीटर दूध देती है. इसके बच्चे भी जल्दी वजन पकड़ते हैं, जिससे मांस उत्पादन अच्छा होता है. गांवों से लेकर शहरों तक इसकी मांग बनी रहती है.

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