गोरखपुर और कानपुर के चिड़ियाघरों में बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद हड़कंप मच गया है. भोपाल स्थित हाई सिक्योरिटी एनिमल डिजीज लैब से आई रिपोर्ट में चार जानवरों में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है. सबसे चिंताजनक स्थिति कानपुर प्राणी उद्यान की है, जहां संक्रमण तेजी से फैल रहा है. गोरखपुर से लाए गए शेर पटौदी की मौत हो चुकी है, दो बाघिनों को क्वारंटीन किया गया है और कई अन्य वन्यजीवों में भी लक्षण नजर आ रहे हैं. संक्रमण को रोकने के लिए दोनों जू में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है.
मृत जानवरों के सैंपलों में संक्रमण की पुष्टि
गोरखपुर के शहीद अशफाक उल्ला खान प्राणी उद्यान में हाल ही में एक बाघिन, तेंदुआ और भेड़िए की मौत हुई थी. जांच में बाघिन और तेंदुए के सैंपलों में बर्ड फ्लू पाया गया है. दूसरी तरफ, कानपुर प्राणी उद्यान में एक मोर और बाघिन की संदिग्ध मौत के बाद सैंपल भोपाल भेजे गए थे, जिनमें संक्रमण की पुष्टि हुई. रिपोर्ट आते ही दोनों चिड़ियाघरों में रोजाना सैनिटाइजेशन और अन्य एहतियाती उपाय तेज कर दिए गए हैं.
कानपुर में संक्रमण का दायरा बढ़ा
कानपुर जू में बर्ड फ्लू का संक्रमण फैलता जा रहा है. गोरखपुर से आए शेर पटौदी की मौत के बाद दो बाघिनों को क्वारंटीन में रखा गया है. भूख न लगना, सुस्ती जैसे लक्षण कई पक्षियों और जानवरों में दिखाई दे रहे हैं. इन सभी के सैंपल जांच के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाई-सिक्योरिटी एनिमल डिजीज, भोपाल और भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, बरेली भेजे गए हैं.
स्टाफ की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता
कानपुर चिड़ियाघर की निदेशक श्रद्धा यादव ने कहा कि हमारे लिए सबसे पहले स्टाफ की सुरक्षा जरूरी है, इसलिए सभी 106 कर्मचारियों की जांच करवाई जा रही है. वहीं, गोरखपुर चिड़ियाघर के निदेशक विकास यादव ने बताया कि उनके यहां के सभी 105 कर्मचारियों की जांच हो चुकी है और सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई है.
प्रशासन ने साफ किया है कि चिड़ियाघर में हर दिन सफाई, सैनिटाइजेशन और निगरानी के उपाय लागू किए जा रहे हैं. आवश्यकता पड़ी तो दोनों चिड़ियाघरों को आम दर्शकों के लिए अस्थायी रूप से बंद भी किया जा सकता है.