मौजूदा FRP से खुश नहीं हैं किसान, 4500 रुपये टन गन्ने की कीमत तय करने की उठाई मांग

मैसूर के गन्ना किसानों ने 150 रुपये प्रति टन FRP को अवैज्ञानिक बताया और 4,500 रुपये प्रति टन कीमत तय करने की मांग की. साथ ही किसानों ने सिंचाई को लेकर भी मुद्दा उठाया.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 13 Jul, 2025 | 01:15 PM

कर्नाटक के मैसूर जिले के गन्ना किसान केद्र सरकार के फैसले से खुश नहीं हैं. गन्ना किसानों ने  पिछले साल सरकार द्वारा तय की गई 150 रुपये प्रति टन की उचित और लाभकारी मूल्य (FRP) को अवैज्ञानिक बताया है. साथ ही किसानों ने सरकार से मांग की है कि गन्ने का कुल मूल्य कृषि लागत और मूल्य आयोग (CACP) की सिफारिश के अनुसार 4,500 रुपये प्रति टन किया जाए. किसानों का कहना है कि किसानों के हित में गन्ने की कीमत पर दोबारा विचार होना चाहिए. क्योंकि गन्ना किसानों को आर्थिक नुकसान हो रहा है.

द हिन्दू की रिपोर्ट के मुताबिक,  इन्हीं मांगों को लेकर राज्य किसान संगठनों के महासंघ और राज्य गन्ना उत्पादक संघ के सदस्यों ने डिप्टी कमिश्नर जी. लक्ष्मीकांत रेड्डी से गुरुवार को मुलाकात की और अपनी लंबित मांगों को लेकर एक ज्ञापन सौंपा. इस दौरान रेड्डी ने जिला पंचायत हॉल में किसानों की समस्याओं पर चर्चा के लिए एक बैठक भी बुलाई थी, जिसमें कई किसान संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए. बैठक के दौरान किसानों ने कहा कि गन्ने से बनने वाले बाय-प्रोडक्ट्स (उप-उत्पादों) से जो मुनाफा चीनी मिलों को होता है, उसमें किसानों को भी हिस्सा मिलना चाहिए.

अब तक लागू नहीं हुआ बढ़ा हुआ रेट

किसानों का आरोप है कि पिछले साल केंद्र सरकार ने गन्ने की कीमत  में 150 रुपये प्रति टन की बढ़ोतरी की थी, लेकिन चीनी मिलों ने अब तक यह बढ़ा हुआ रेट लागू नहीं किया. उन्होंने मांग की कि मिलें बकाया राशि ब्याज सहित चुकाएं. कई किसानों ने यह भी कहा कि FRP को किसानों के खेत पर मिलने वाली कीमत माना जाना चाहिए, न कि मिल पर. वहीं, गलत तौल से होने वाले नुकसान से बचने के लिए उन्होंने मांग की कि हर चीनी मिल के सामने सरकार एक वे-ब्रिज (तुला केंद्र) लगाए.

सिंचाई को लेकर भी उठाए गए सवाल

सिंचाई के पानी को लेकर चिंता जताते हुए, किसानों ने मांग की कि कावेरी और काबिनी नदियों से गांव के तालाबों को भरा जाए. इसके अलावा, किसानों ने काबिनी बैकवॉटर के पास अवैध रूप से बने रिसॉर्ट्स पर कड़ी कार्रवाई की मांग की और कहा कि भविष्य में ऐसी अवैध निर्माण गतिविधियों को रोका जाए. इस बैठक में अत्तहल्ली देवराज, बरदानपुरा नागराज और किरेगासूर शंकर जैसे किसान नेता भी मौजूद रहे.

Get Latest   Farming Tips ,  Crop Updates ,  Government Schemes ,  Agri News ,  Market Rates ,  Weather Alerts ,  Equipment Reviews and  Organic Farming News  only on KisanIndia.in

Published: 13 Jul, 2025 | 01:04 PM

फलों की रानी किसे कहा जाता है?

फलों की रानी किसे कहा जाता है?