ठंड बढ़ी तो चिंता नहीं! इन घरेलू उपायों से पशु रहेंगे गर्म, स्वस्थ और खुशहाल, कम नहीं होगा उत्पादन

सर्दियों में ठंड और बीमारियों से पशुओं को बचाने के लिए बाड़ा गर्म रखें, गुनगुना पानी पिलाएं और ऊर्जा देने वाला चारा दें. साफ-सफाई, धूप और समय पर टीकाकरण से पशु स्वस्थ रहते हैं. ये छोटे उपाय ठंड में दूध उत्पादन बनाए रखते हैं और नुकसान से बचाते हैं.

Saurabh Sharma
नोएडा | Published: 1 Dec, 2025 | 09:00 AM

Husbandry Tips : सर्दियां शुरू होते ही खेतों में ओस की चमक तो दिखती है, लेकिन पशुपालकों की चिंता भी बढ़ जाती है. ठंड का मौसम इंसानों को राहत देता है, पर पशुओं के लिए ये एक बड़ी परीक्षा साबित होता है. जरा सी लापरवाही दूध की मात्रा घटा सकती है या बीमारियों का खतरा बढ़ा सकती है. ऐसे में कुछ आसान ट्रिक अपनाकर न सिर्फ अपने पशुओं को ठंड से बचाया जा सकता है, बल्कि दूध उत्पादन भी बढ़ाया जा सकता है.

सबसे पहले करें बाड़े की तैयारी

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सर्दियों में पशुओं को ठंडी हवाओं और नमी से बचाना सबसे जरूरी होता है. बाड़ा हमेशा सूखा और गर्म होना चाहिए. इसके लिए दीवारों पर बोरी, तिरपाल या प्लास्टिक शीट लगाकर ठंडी हवा का रास्ता रोकें. फर्श पर सूखी भूसी , पुराना बोरा या फूस बिछाएं ताकि पशु नमी से दूर रहें. हर सुबह और शाम बिछावन की सफाई करें और नई सामग्री डालें ताकि वातावरण साफ-सुथरा बना रहे.

गुनगुना पानी-सबसे जरूरी सुरक्षा कवच

सर्दी में ठंडा पानी पीने से पशुओं को गले और सांस की दिक्कतें हो सकती हैं. इसलिए हमेशा उन्हें हल्का गुनगुना पानी पिलाएं. यह न सिर्फ उनकी पाचन क्रिया को बेहतर करता है बल्कि शरीर को ठंड से भी बचाता है. कई बार ठंड के कारण पशु पानी कम पीते हैं, जिससे दूध उत्पादन  प्रभावित होता है. इसलिए नियमित रूप से पानी की मात्रा और तापमान पर ध्यान देना जरूरी है.

आहार में बढ़ाएं ऊर्जा वाले तत्व

ठंड के मौसम में पशु  ज्यादा ऊर्जा खर्च करते हैं, इसलिए उनके चारे में ऐसे खाद्य पदार्थ शामिल करें जो शरीर को गर्मी और ताकत दें. गुड़, चोकर, सरसों की खल और हरा चारा इनके लिए बेहद फायदेमंद हैं. इससे शरीर में ऊर्जा बनी रहती है और ठंड का असर कम होता है. अगर दूध देने वाले पशु हैं, तो संतुलित आहार देने से दूध की गुणवत्ता और मात्रा दोनों बनी रहती हैं.

साफ-सफाई और धूप-सबसे असरदार इलाज

सर्दियों में खुर और त्वचा की बीमारियां  आम होती हैं. इसलिए पशुओं की रोजाना सफाई करें, उनके बालों की कंघी करें और दिन में कुछ समय धूप में बैठाएं. धूप शरीर को गर्म रखने के साथ विटामिन-डी का स्रोत भी है, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है. अगर पशु लंबे समय तक गीले या ठंडे माहौल में रहें, तो उन्हें जुकाम, निमोनिया और बुखार जैसी समस्याएं हो सकती हैं.

टीकाकरण और सावधानी सबसे बड़ी सुरक्षा

सर्दियों में बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है, इसलिए समय पर टीकाकरण करवाना बहुत जरूरी है. कीड़े मारने की दवाएं और जरूरी वैक्सीन तय समय पर दें. पशुओं को भीड़भाड़ या गंदे माहौल में न रखें. थोड़ी सी सावधानी बड़े नुकसान से बचा सकती है.

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Published: 1 Dec, 2025 | 09:00 AM

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